मिसाल न्यूज़
छत्तीसगढ़ के एन. माही प्रोडक्शन हाउस व्दारा 7 भाषाओं में निर्मित फ़िल्म ‘जानकी- 1’ का प्रदर्शन 13 जून को पूरे भारतवर्ष में होने जा रहा है। पहली बार हुआ है कि विविध भाषाओं वाली किसी फ़िल्म का पूरा शूट छत्तीसगढ़ में हुआ है। इस तरह ‘जानकी- 1’ भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक नई इबारत लिखने जा रही है। प्रोड्यूसर मोहित साहू अपनी फ़िल्म ‘जानकी-1’ को लेकर बेहद उत्साहित हैं। इसलिए कि ‘जानकी- 1’ की कहानी ने मोहित साहू के दिमाग में आकार लिया। मोहित ने दो साल तक ‘जानकी-1’ के हर फ्रेम को अपने दिमाग में बिठाया। कहानी का पूरा खाका खींच जाने के बाद डायरेक्टर कौशल उपाध्याय इस फ़िल्म को शूट पर लेकर गए।
मोहित साहू का कहना है कि “13 जून 2025 का दिन छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक होगा, पूरे त्याग और समर्पण के साथ बनाई गई फ़िल्म ‘जानकी- 1’ का प्रदर्शन पूरे देश भर में जो होने जा रहा है। दिलेश साहू एवं अनिकृति चौहान जैसे कलाकार पहली बार ‘जानकी- 1’ में बेहद चुनौतीपूर्ण किरदार में नज़र आएंगे। मेरा समूचे छत्तीसगढ़वासियों से अनुरोध है कि इस फ़िल्म को अपने नजदीकी सिनेमाघरों या मॉल में पूरे परिवार के साथ जाकर देखें। भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज़ होने जा रही इस फ़िल्म को अपना भरपूर प्यार दें।”
मोहित साहू कहते हैं- “हमारे छत्तीसगढ़ की आबादी 3 करोड़ से अधिक है, जिसमें हर जाति और धर्म के लोग रहते हैं। यदि यहां के दर्शकों का अपनी आंचलिक फ़िल्मों को सपोर्ट रहा तो वह दिन दूर नहीं जब फ़िल्म जगत में छत्तीसगढ़ का डंका दूर-दूर तक बजेगा। जानकी भाग -1 नारी संघर्ष की कहानी है जिसे बड़े ही खूबसूरत अंदाज़ में पर्दे पर उतारा गया है। फ़िल्म में मैसेज यही है- जानकी कहां नहीं है… घर-घर में है… सवाल यह है कि समाज में मां, बेटी, बहन, पत्नी और बहुओं को बराबरी का दर्जा देने के दावे तो होते रहे हैं, क्या वास्तव में ऐसा होते दिख रहा है, यह गंभीर सवाल ‘जानकी-1’ में उठाया गया है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति और विरासत को बेहतरीन तरीके से ‘जानकी-1’ में फ़िल्माया गया है।
मोहित साहू आगे कहते हैं- “जब कहानी दमदार हो तो फ़िल्म की लागत मायने नहीं रखती। जानकी में वीएफएक्स का ज़बरदस्त प्रयोग हुआ है। जब आप ‘जानकी- 1’ देखेंगे, लगेगा आपके आसपास की कहानी है। आपको लगेगा ऐसे दृश्य आपके सामने से होकर गुजरते रहे हैं। छत्तीसगढ़ ही नहीं, पूरे भारतवासियों से मेरा आग्रह है कि ‘जानकी- 1’ को सहपरिवार देखें और भरपूर प्यार दें। बड़ी ही विनम्रता के साथ कहना चाहूंगा यह कोई अकेले मोहित साहू नहीं, पूरे छत्तीसगढ़वासियों की फ़िल्म है।

