राजस्व निरीक्षक परीक्षा में गड़बड़ी- मूणत ने राजस्व मंत्री को घेरा… भूपेश ने की सीबीआई जांच की मांग… नारेबाजी करते हुए विपक्ष का सदन से वाक आउट…

मिसाल न्यूज़

रायपुर। पटवारी से राजस्व निरीक्षक बनाए जाने को लेकर हुई विभागीय परीक्षा में गड़बड़ी का मामला आज विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन जमकर गूंजा। भाजपा विधायक राजेश मूणत ने राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के सामने सवालों की झड़ी लगा दी, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग कर डाली। सवालों पर मंत्री की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं आने पर सारे कांग्रेस विधायक सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन से वाक आउट कर गए।

प्रश्नकाल में भाजपा विधायक राजेश मूणत का  सवाल था कि क्या जनवरी 2024 में पटवारी से राजस्व निरीक्षक की विभागीय परीक्षा के संबंध में प्राप्त शिकायतों की जांच हेतु गठित समिति व्दारा जांच प्रतिवेदन राजस्व विभाग को सौंपा जा चुका है? जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद शिकायत के कुछ बिन्दुओं पर गृह विभाग से जांच कराने के निर्णय पर क्या हुआ एवं इसकी अद्यतन स्थिति क्या है? दोषी लोगों पर कार्रवाई कब तक की जायेगी? इन सवालों पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा की तरफ से जवाब आया कि गृह विभाग के पत्र 19 फरवरी 2025 व्दारा प्रशासकीय विभाग पुलिस जॉच अथवा एफआईआर कराने हेतु स्वयं सक्षम होने का उल्लेख कर प्रकरण राजस्व विभाग को वापस कर दिया गया। गृह विभाग के उपरोक्त टीप के परिप्रेक्ष्य में राजस्व निरीक्षक विभागीय परीक्षा 2024 के संबंध में प्राप्त शिकायतों की जॉच ईओडब्ल्यू/एसीबी अंतर्गत तकनीकी विशेषज्ञों से कराये जाने हेतु विभागीय ज्ञापन 4 मार्च 2025 व्दारा सामान्य प्रशासन विभाग को लिखा गया है। जाँच प्रक्रियाधीन होने के कारण दोषी लोगों पर कार्रवाई के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

राजेश मूणत ने पूछा कि परीक्षा में कुल कितने परीक्षार्थी सम्मिलित हुए, नियम प्रक्रिया क्या थी? मंत्री ने कहा कि परीक्षा विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले हुई थी। फरवरी 2024 में परिणाम आया था। परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत हुई, जिसकी जांच कराई गई। जांच में अनियमितता पाई गई। पता चला परीक्षा के समय भाई-भाई आसपास बैठे थे। रिश्तेदार बैठे थे। इस सब के साथ वाट्सअप चैटिंग जांच के दायरे में आई थी। चूंकि मामला इतना गंभीर था कि हमारा विभाग खुद को कहीं पर सक्षम नहीं पा रहा था, इसलिए गृह विभाग को पत्र लिखा गया। गृह विभाग की ओर से जवाब आया कि हम जांच कराने में सक्षम हैं। एफआईआर कराएं। इसके बाद प्रकरण ईओडब्ल्यू को जांच हेतु सौंप दिया गया। करीब 40 बिन्दुओं पर जांच चल रही है। हमारी मंशा किसी को बचाने की नहीं है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। जैसे भारतमाला प्रोजेक्ट में दोषियों को नहीं बख्श रहे हैं, वैसे ही इसमें भी नहीं बख्शेंगे।

मूणत ने कहा कि कांग्रेस की सरकार जाने के बाद जब यह मामला सामने आया, आपको मंत्री बने गिने-चुने दिन ही हुए थे। बात यहां तक सामने आई कि एक्ज़ाम के समय साली-जीजा आसपास बैठे हैं। धर्मपत्नी पास बैठी हैं। यानी तीनों आपस में बैठकर उत्तर पुस्तिका लिख रहे हैं। उत्तर पुस्तिका में मोबाइल नंबर तक लिख दिए गए। विभाग के अधिकारियों ने जब इस पर अपनी रिपोर्ट दे दी थी तो यह सब संज्ञान में आने के बाद विभागीय स्तर पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? ईओडब्ल्यू को यह प्रकरण कब भेजा गया? राजस्व मंत्री ने कहा- गड़बड़ी की बात विभाग ने स्वीकार की है। जो लोग दोषी हैं वहां तक पहुंचने में विभागीय कमेटी सक्षम नहीं है। इसलिए मामले को ईओडब्ल्यू को सौंपा गया। किसी के साथ कहीं कोई सहानुभूति नहीं रखी जा रही है। मूणत ने आरोप लगाया कि जांच कमेटी ने जो भी लिखा उसकी आधी जानकारी ही मंत्री यहां सामने रखे हैं। उन्होंने कहा कि असली रिपोर्ट बोलें तो मैं पटल पर रख देता हूं। जब यह प्रकरण आपके समय का नहीं है, पूर्व की सरकार के समय का है तो फिर यहां सारी बातें सामने रखने में समस्या क्या है?

मूणत व्दारा पूर्व की सरकार का उल्लेख करने पर देवेन्द्र यादव समेत अन्य कांग्रेस विधायक विरोध दर्ज कराते हुए शोर मचाने लगे। मंत्री ने कहा कि सदन को आश्वस्त करता हूं कि  जिस किसी ने भी गड़बड़ी की होगी उसे बख्शा नहीं जाएगा। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा कि जब गृह विभाग ने कहा था कि पहले एफआईआर कराएं तो क्या आपने एफआईआर करवाई? विभाग तो एससीबी से जांच के पक्ष में था, फिर ईओडब्ल्यू से जांच कराने की स्थिति कैसे बनी? राजस्व मंत्री ने कहा कि गृह विभाग सक्षम विभाग है, इसलिए जांच का जिम्मा उसने लिया। सरकार जीरो टालरेंस की नीति पर चलती रही है, इसलिए जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यहां जिस परीक्षा कि बात हो रही है वह जनवरी 2024 में हुई थी। इसमें पिछली सरकार का कार्यकाल कहां से आ गया, जैसा कि आरोप लगाया जा रहा है। राजस्व मंत्री ने कहा कि परीक्षा की प्रक्रिया सितंबर 2023 में शुरु हो गई थी। जनवरी में परीक्षा हुई, फरवरी में रिजल्ट आया। मंत्री के इस जवाब पर आपत्ति करते हुए सारे कांग्रेस विधायक हंगामा मचाने लगे। भूपेश बघेल ने कहा कि भ्रष्टाचारियों को बचाने की कोशिश हो रही है। क्या इसकी सीबीआई जांच कराएंगे? मंत्री की ओर से इस पर कोई जवाब सामने नहीं आने पर सारे कांग्रेस विधायक सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन से वाक आउट कर गए।

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