‘मधुमेह की रामलीला’ डॉ अजय सहाय की अद्भुत प्रस्तुति… डॉक्टरों ने उम्दा अभिनय कर जीता दिल…

मिसाल न्यूज़

रायपुर। रिसर्च सोसाइटी फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज (RSSDI) द्वारा रायपुर में आयोजित राज्य स्तरीय कांफ्रेंस में डायबिटीज के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से डॉ अजय सहाय द्वारा लिखित व निर्देशित नृत्य नाटिका “मधुमेह की रामलीला” ने समा बांध दिया। रामायण की तर्ज पर दोहे और चौपाइयों से युक्त इस नाटिका के कॉन्सेप्ट क्रिएटर डॉ राका शिवहरे थे। नृत्य नाटिका में डॉक्टरों के उम्दा अभिनय ने उपस्थित दर्शकों का दिल जीत लिया।

इस नाटिका में रावण (डॉ स्मित श्रीवास्तव) को मधुमेह का प्रतीक दिखाया गया है जिसने सीता रूपी इंसुलिन का अपहरण कर रखा है। भगवान राम (डॉ राका शिवहरे), सीता (डॉ शिखा शिवहरे) , हनुमान ( पुष्पेन्द्र सिंह), विभीषण ( डॉ प्रणय जैन) मधुमेह रूपी रावण से बचने के अलग अलग ढंग से तरीके बताते हैं। डॉ संध्या दुबे, डॉ मनोज सोनी एवं डॉ अनुराग अग्रवाल ने पीड़ित जनता की भूमिका अदा की है। सूत्रधार यानि नारद मुनि की भूमिका डॉ अजय सहाय ने स्वयं निभाई है जो सभी जगह घूम घूम कर यह संदेश देते हैं कि इस मधुमेह रूपी रावण का वध अस्त्र शास्त्र से संभव नहीं है। इससे जागरूकता से मारना होगा जिसके लिए हम सभी को सहयोग करना होगा।

इस भव्य और मनमोहक प्रस्तुति में बड़ी खूबसूरती से मधुमेह होने के कारण और उनसे बचने के तरीके बताए गए हैं। सभी कलाकारों ने उम्दा अभिनय किया है।

विशेष रूप से रावण की भूमिका में डॉ स्मित श्रीवास्तव, राम सीता की भूमिका में डॉ राका एवं डॉ शिखा शिवहरे और हनुमान की भूमिका में बॉलीवुड अभिनेता पुष्पेन्द्र सिंह ने खूब तालियां बटोरी।

दिन रात मरीजों की सेवा और ऑपरेशन थिएटर में व्यस्त रहने वाले डाक्टरों को इतनी दक्षता के साथ मंच पर प्रस्तुत करने के लिए डॉ अजय सहाय प्रशंसा के पात्र हैं। डॉ सहाय ने बताया कि हमारे देश में मधुमेह यानि डायबिटीज बेहद तेजी से अपने पैर पसार रही है। भारत को डायबिटीज की वर्ल्ड कैपिटल के रूप में जाना जाता है। इसलिए लोगों को इस रोग के प्रति जागरूक बनाना बहुत जरूरी है। इसी उद्देश्य को लेकर इस नाटिका की रचना की गई है। इसका पूरे देश में मंचन किया जाएगा।

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