मिसाल न्यूज़
रायपुर। छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ द्वारा केन्द्र के समान 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं गृह भाड़ा भत्ता की मांग को लेकर आज मंत्रालय महानदी भवन में आमसभा का आयोजन किया गया। इस दौरान भारी संख्या में उपस्थित मंत्रालयीन संयुक्त सचिव, उपसचिव, अवर सचिव, अनुभाग अधिकारी, सहायक ग्रेड-एक, दो, तीन एवं शीघ्रलेखक संवर्ग तथा चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि सरकार द्वारा यदि अतिशीघ्र लंबित महंगाई भत्ता एवं गृहभाड़ा भत्ता कर्मचारियों को नहीं दिया गया तो मंत्रालय के सभी कर्मचारी अधिकारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे।
आमसभा को संबोधित करते हुए संघ के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह राजपूत ने कहा कि सरकार की कर्मचारियों के प्रति अत्यंत असंवेदनशीलता के बावजूद मंत्रालय के कर्मचारी अधिकारियों ने विधानसभा कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रदेश के अन्य संघों की तरह मंत्रालय में कोई हड़ताल नहीं किया। किन्तु अब हमारा धैर्य और बाध्यता समाप्त हो चुकी है अतः सरकार केन्द्र के समान 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान के अनुरुप गृहभाड़ा भत्ता तत्काल प्रदान करे। इस मांग को दोहराते हुए संघ की सचिव कांति सूर्यवंशी, कोषाध्यक्ष पवन साहू, सदस्य मोंगराज एवं उमेश सिंह, संरक्षक तीरथ लाल सेन एवं पूर्व अध्यक्ष कीर्तिवर्धन उपाध्याय द्वारा भी सभा को संबोधित किया गया एवं कहा गया कि सरकार को निकट भविष्य में मंत्रालय में हड़ताल की स्थिति निर्मित होने के पूर्व मांगों को पूरा किया जाए। सभा में संघ के पदाधिकारियों के अलावा भारी मात्रा में उपस्थित अधिकारी/कर्मचारियों ने मुख्य सचिव अमिताभ जैन को ज्ञापन सौंपकर महंगाई भत्ता एवं गृह भाड़ा भत्ता तुरंत देने की मांग की है। आमसभा के दौरान जनप्रतिनिधियों के बढ़ाये गये वेतन पर आश्चर्य जताते हुए नाराजगी देखने को मिली एवं महंगाई को देखते हुए छत्तीसगढ़ के साढ़े चार लाख कर्मचारियों के लिए कर्मचारी न्याय योजना तत्काल प्रारंभ करने की भी मांग की गई। आमसभा के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि यदि प्रदेश के अधिकारी कर्मचारी महासंघ एवं छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के सभी संगठन एक मंच पर आकर एक साथ प्रदेश स्तरीय अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लें ताकि मंत्रालय के अधिकारी कर्मचारी भी इस हड़ताल में पूर्ण सहयोग करेंगे।