मिसाल न्यूज़
रायपुर। विधानसभा के नये नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ की सरकार 51 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी हुई है। कर्ज का ब्याज पटाने इस सरकार को कर्ज लेना पड़ा रहा है। छत्तीसगढ़ की बदहाल स्थिति पर सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिये।
नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद आज एकात्म परिसर में पहली पत्रकार वार्ता लेते हुए नारायण चंदेल ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे उन्होंने अपने जन घोषणा पत्र में बेरोजगारों को अधिक से अधिक रोजगार और 2500 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था। जो कि पूरा नहीं हुआ। बेरोजगारों के साथ की गई वादाखिलाफ़ी के विरोध में भारतीय जनता युवा मोर्चा 24 अगस्त को पूरे प्रदेश में जंगी प्रदर्शन करने जा रहा है। सरकार श्वेत पत्र जारी कर स्पष्ट करे कि छत्तीसगढ़ में कितने शिक्षित बेरोजगार पंजीकृत हैं और कितनों को इस सरकार ने रोजगार दिया। कर्ज पर कर्ज लेने के पीछे क्या कारण हैं। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद किसानों से भी छलावा हुआ। भूपेश बघेल ने कहा था कि हमारी सरकार बनी तो किसानों को दो साल का बोनस देंगे। किसानों से किया गया यह वादा पूरा नहीं हुआ। पिछले साल किसानों को बोरे का पैसा भी नहीं दिया गया। किसानों के पास नकली खाद व बीज पहुंंचे। उन्हें न जाने कितनी ही समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। पिछले साल सोसायटियों में अपना धान बेचने गए न जाने कितने ही किसानों को अपमानित होना पड़ा। जिन किसानों ने राष्ट्रीयकृत बैंकों से कर्जा लिया था सरकार ने उनका कर्जा माफ नहीं किया।
चंदेल ने कहा कि मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने अनियमितता पाए जाने पर विधानसभा में जिन 14 अफ़सरों को निलंबित करने की घोषणा की थी उन्हें हटाना तो दूर उल्टे प्रमोशन दे दिया गया। यह विधानसभा की अवमानना है। वहीं कोरबा के मंत्री ने अपने ही कोरबा जिले के कलेक्टर पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाया, जिसका कुछ नहींं बिगड़ा। चंदेल ने बिना किसी का नाम लेते हुए कहा कि प्रदेश में सियासत और रियासत के बीच लड़ाई चल रही है। रियासत सियासत पाना चाहती है। वहीं सियासत चला रहे लोग रियासत को कोई मौका नहीं दे रहे हैं।
नारायण चंदेल ने यह भी कहा-
0 आज जन्माष्टमी पर सरकार ने शराब दुकानों को बंद रखा है। सरकार आज ही के दिन पूर्ण शराब बंदी को घोषणा करे और अपने चुनावी घोषणा पत्र में किये गए वादे को पूरा करे
0 एक पुलिस अफ़सर ने सरकार की बदहाली की दास्तान सुनाई। उनका नाम नहीं लूंगा, उन्होंने कहा कि यह सरकार जूते मोजे के लिए भी पैसे नहीं दे पा रही है। न जाने कितने ही जवान फटे जूते पहने नक्सली मोर्चों पर लड़ रहे हैं
0 राजधानी रायपुर का धरना स्थल काफ़ी छोटा पड़ने लगा है। सरकार नये धरना स्थल की घोषणा करे