मिसाल न्यूज़
रायपुर। अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर समाज कल्याण विभाग द्वारा आज राजधानी रायपुर के सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में राज्य स्तरीय सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत, समाज कल्याण मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, छत्तीसगढ़ योग आयोग की अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा सहित विभिन्न जिलों से आए लगभग तीन हजार बुजुर्ग शामिल हुए। इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथियों द्वारा सूफी गायक पद्मश्री मदन चौहान और समाज सेविका पद्मश्री श्रीमती शमशाद बेगम सहित 16 वरिष्ठजन का समाज के प्रति उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए शॉल, श्रीफल और प्रतीक चिन्ह से सम्मान किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और राज गीत के साथ हुआ। समारोह में अतिथियों द्वारा सीनियर सिटीजन वेलफेयर फोरम द्वारा प्रकाशित वृद्धजनों से संबंधित पत्रिका संज्ञान का विमोचन भी किया गया। जिलों से आए सभी बुजुर्गा का श्रीफल शॉल और वॉकिंग स्टिक देकर सम्मान किया गया। उल्लेखनीय है कि वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा, संरक्षण तथा सम्मान के प्रति समाज में सकारात्मक वातावरण विकसित करने के लिए प्रतिवर्ष एक अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया जाता है। इसी तारतम्य में राजधानी में राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया ने बुजुर्गों को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति, सम्मान और सभ्यता बुजुर्गों से जुड़ी है। सामूहिक परिवार में रहने की प्रथा अन्य राज्यों की तुलना में हमारे राज्य में श्रेष्ठ है। उन्होंने बुजुर्गों के लिए सुखमय जीवन की मंगल कामना करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा बुजुर्गों के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुजुर्गों के लिए एक नवंबर, राज्य निर्माण दिवस से सियान हेल्पलाइन प्रारंभ करने की बड़ी घोषणा की है। यह हेल्पलाइन ऐसे वृद्धजन, जिनकी संतानें देश-विदेश के अन्य स्थानों में कार्यरत हैं, उन्हें आपात स्थितियों में सहायता पहुंचाने में मदद करेगी।
डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि बुजुर्गाें के प्रति पहली जिम्मेदारी उनके बच्चों के साथ पूरे समाज की है। राज्य सरकार ने पेंशन सहित बुजुर्गाें के ज़रूरत के लिए कई व्यवस्थाएं की है। अब बुजुर्गों की मदद के लिए हेल्पलाइन भी शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों के लिए आत्मीयता और मान-सम्मान सबसे बड़ी जरूरत है इस दिशा में नौजवानों को सोचना होगा।
ज्ञानेश शर्मा ने कहा कि एकाकी परिवार की वजह से बुजुर्ग बहुत प्रभावित और उपेक्षित हुए हैं। भौतिकतावाद के कारण सामाजिक ताना-बाना बिखर रहा है। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों के अनुभव का लाभ युवा पीढ़ी को लेना चाहिए। नई पीढ़ी प्रेरणा लेकर सम्मान का वातावरण फिर से लाएं।
इनका हुआ सम्मान
रायपुर से पद्मश्री मदन चौहान का कला साधना के लिए डॉ. श्री चितरंजन कर का साहित्य साधना के लिए सम्मान किया गया। बालोद जिले से पद्मश्री श्रीमती शमशाद बेगम का साक्षरता अभियान और सामाजिक बुराईयों के प्रति जागरूकता में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मान किया गया। इसी तरह बिलासपुर के श्री नित्यानंद शर्मा का स्वच्छता अभियान में सक्रिय सहभागिता के लिए, बलरामपुर जिले के बिरझु सिंह का स्वच्छता और खैरवार जनजाति के उत्थान के लिए सम्मान किया गया। बस्तर से नवी मोहम्मद का वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और निराश्रितों की सहायता के लिए सम्मान किया गया। कांकेर जिले के राजूराम मरकाम को स्वास्थ्य शिविर, निःशुल्क उपचार के लिए और धमतरी की लखमशी भाई भानुशाली को निराश्रित बच्चों और बुजुर्गों के कल्याणार्थ कार्यों के लिए सम्मान किया गया। बलौदाबाजार जिले के मिक्खा सिंह सम्मान से सम्मानित सरजू साहू को उनकी खेलकूद प्रतिभा के लिए सम्मानित किया गया। धमतरी के अश्विनी गजेंद्र का महिलाओं को स्वावलंबी बनाने, गरियाबंद नूतनलाल साहू का रचनात्मक लेखन और गतिविधियों, सरगुजा के मंगाराम का कोविड-19 संक्रमणकाल में सामाजिक कार्यों के लिए सम्मान किया गया। इसी तरह नारायणपुर जिले की श्रीमती एन.के. आजाद को बच्चों की शिक्षा, वरिष्ठ नागरिकों और निराश्रितों की सेवा के लिए सम्मानित किया गया। मुंगेली जिले के अशोक तिवारी को स्काउट शिक्षा और योग प्रशिक्षण के लिए, कोण्डागांव जिले के श्री खेम वैष्णव को उनके लोक चित्रों के लिए, दंतेवाड़ा जिले के अमर सिंह ठाकुर को सामाजिक कार्यों में सहयोग के लिए प्रशस्ति पत्र दिया गया।