मिसाल न्यूज़
रायपुर। ऐतिहासिक छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘घर व्दार’ की हीरोइन रजीता कोचर का 23 दिसंबर की सुबह 10.26 बजे मुम्बई निधन हो गया। वे 70 वर्ष की थीं। उन्होंने बॉलीवुड की कुछ यादगार फ़िल्मों के अलावा बहुत से लोकप्रिय हिन्दी सीरियलों में काम किया था। उनका अंतिम संस्कार 25 दिसंबर को चेम्बूर श्मशानघाट (मुम्बई) में होगा।
1971 में प्रदर्शित छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘घर व्दार’ में रजीता कोचर हीरो कान मोहन के अपोजिट नज़र आई थीं। ‘घर व्दार’ फ़िल्म की प्रचार सामग्री में उनका नाम रंजीता ठाकुर दिखाया गया था। रजीता कोचर ने ‘रजनीगंधा’ एवं ‘पिया का घर’ जैसी बॉलीवुड की हिट फ़िल्मों में काम किया था। वे आखरी बार कंगना रनौत की फ़िल्म ‘मणिकर्णिका’ में नज़र आई थीं। वे जाने-माने फ़िल्म अभिनेता एवं नाट्य निर्देशक दिनेश ठाकुर के थियेटर ग्रुप से भी जुड़ी रही थीं। ‘कहानी घर घर की’, ‘कवच’ एवं ‘हातिम’ जैसे सीरियलों में रजीता जी के काम को काफ़ी सराहा गया था। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक सितंबर 2021 में उन्हें ब्रेन स्ट्रोक आया था। इसके बाद वे पैरालिसिस से पीड़ित थीं। दवाओं एवं दुवाओं से उनके स्वास्थ्य में लगातार सुधार होते दिखाई दे रहा था लेकिन 20 दिसंबर को अचानक उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी। फिर पेट में दर्द होने लगा। उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां वे वेंटिलेटर पर थीं। मौत की वज़ह किडनी फेल होना बताया जा रहा है।
वे अपने पीछे बेटी कपीशा को छोड़ गई हैं। रजीता कोचर की भतीजी नुपुर कमपानी ने बातचीत के दौरान बताया कि रजीता जी को उनके को स्टार्स मां कहते थे। ब्रेन स्ट्रोक होने के बाद वे काफ़ी समय से आराम पर थीं और कोई नया प्रोजेक्ट नहीं कर रही थीं। उन्हें यह आभास हो चुका था कि उनके पास अब समय कम है। उन्होंने हमेशा अपने क़रीब रहे लोगों को प्यार बांटा और उत्साह बढ़ाया।