‘रासुका’ आपातकाल जैसा, सरकार श्वेत पत्र लाये- डॉ. रमन

मिसाल न्यूज़

रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने एक बार फिर से आपातकाल लगाने की साजिश रची है। अपने साम्प्रदायिक तुष्टीकरण की राजनीति के तहत प्रदेश में धर्मांतरण को बढ़ावा देने के लिए ‘रासुका’ लगा दिया गया है। यह राष्ट्रीय सूरक्षा कानून नहीं कांग्रेस सूरक्षा कानून है। 1 जनवरी से यह आदेश प्रभावशील है, जबकि मीडिया में यह 12 जनवरी को आया। आखिर इतने बड़े फैसले को जनता से छिपा कर क्यों रखा गया?  भाजपा की यह स्पष्ट मांग है कि रासुका लगाने की पूरी परिस्थिति पर कांग्रेस सरकार श्वेत पत्र लाये।

एकात्म परिसर में आज प्रेस वार्ता में डॉ. रमन सिंह ने कहा कि रासुका में किसी भी व्यक्ति को किसी भी समय बिना कारण बताए गिरफ्तार किया जा सकता है। जमानत नहीं होगी और साल भर जेल में रहना होगा। कांग्रेस का यह असामान्य परिस्थितियों में उठाया गया कदम है। मुख्यमंत्री के दिल्ली से लौटने के साथ ही इस कानून की घोषणा हुई। यह किसी षड़यंत्र का हिस्सा लगता है। कांग्रेस धर्मांतरण को बढ़ावा दे रही है। आदिवासियों के विरोध में इस सरकार के खतरनाक इरादे झलक रहे हैं। छत्तीसगढ़ जो कभी शांति का टापू कहलाता था इस समय बेहद अशांत हो गया है। सुकमा के एसपी और बस्तर के कमिश्नर जब ईसाई मिशनरियों के खिलाफ सरकार को चेतावनी दे रहे थे, तब प्रदेश सरकार अशांति की किसी आशंका से इंकार कर रही थी। अब आदिवासी जब अपनी संस्कृति बचाने के लिए जागरूक हुए हैं, तो कांग्रेस बौखला क्यों रही है? प्रदेश के 32 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के लोगों की भावनाओं व अधिकारों को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है जिसे सफल नहीं होने देंगे।

डॉ. रमन सिंह ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार द्वारा रासुका के दुरूपयोग के पीछे जो कारण हैं उनमें एक अहम् वज़ह यह है कि हर मोर्चे पर उसके खिलाफ जबरदस्त विरोध और असंतोष फैला होना। सभी वर्ग इस सरकार की वादाखिलाफी के विरुद्ध आंदोलित हैं। कर्मचारियों से लेकर शिक्षित बेरोजगार तक सड़क पर उतर रहे हैं। धरना दे रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार भयभीत है। विरोध के सभी स्वर दबाए जा रहे हैं। पूरे प्रदेश में रासुका लागू किया है कि कहीं भी किसी भी प्रदर्शन में सरकार का लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने वालों को जेल में ठूंस दिया जाए। आज अनियमित कर्मचारी, संविदा कर्मचारी, स्वास्थ्य कर्मचारी, पंचायत कर्मचारी से लेकर भर्ती के लिए युवा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। ऐसा कोई वर्ग नहीं है जो इस सरकार से जरा सा भी संतुष्ट हो। इसलिए इस सरकार ने तानाशाही फरमान जारी किया है।

पत्रकार वार्ता में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव, पूर्व मंत्री व प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत तथा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी मौजूद थे।

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