मिसाल न्यूज़
छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘भूलन द मेज़’ की बड़ी कामयाबी के बाद डायरेक्टर मनोज वर्मा अब ‘भूलन-2’ बनाने के इरादे में हैं। राइटर संजीव बख्शी एवं मनोज के बीच ‘भूलन-2’ की स्क्रिप्ट को लेकर लगातार विचार विमर्श चल रहा है। उल्लेखनीय है कि जाने-माने लेखक संजीव बख्शी के उपन्यास ‘भूलन कांदा’ पर ‘भूलन द मेज़’ बनी। मनोज वर्मा बताते हैं- “इस समय मैं लगातार संरक्षित जनजातियों पर डाक्यूमेंट्री बनाने का काम कर रहा हूं। हाल में उन्हें और भी नज़दीक से जानने और समझने का अवसर मिला। वे प्रकृति के बहद क़रीब रहते हुए स्वाभाविक जीवन जी रहे हैं। उन्हें देखकर महसूस होता है शहर की तेज रफ़्तार वाली ज़िन्दगी की अंधी दौड़ में भूलन तो हम सब खुंदे हुए हैं। भूलन कांदा वह पौधा होता है जिस पर पैर पड़ जाने से कुछ समय के लिए व्यक्ति सब कुछ भूल जाता है। ‘भूलन द मेज़’ इसी टॉपिक पर बनी थी। संरक्षित जनजातियों की जीवन शैली को दिमाग में बिठाकर हम ‘भूलन-2’ की स्क्रिप्ट लिख रहे हैं।