आशा भोसले के सदाबहार गीतों से सजी शाम… स्व. चंद्रकली पांडे की स्मृति में हुआ आयोजन

मिसाल न्यूज़

रायपुर। जानी-मानी गायिका आशा भोंसले के 90 वें जन्म दिन पर ‘स्वर सप्तक’ संस्था की ओर से शहीद स्मारक ऑडिटोरियम में संगीत संध्या का आयोजन किया गया। आयोजन “कर ले प्यार कर ले… के दिन है यही…” थीम पर था। सुरों से सजी इस शाम में सदाबहार गायिका आशा भोसले और स्वर्ग कोकिला लता मंगेशकर के गानों की प्रस्तुति शहर के युवा और अनुभवी गायकों ने दी। गायकों के साथ संगतकारों ने ( म्यूजिशियन) ने सुरमयी संध्या को खुशनुमा बना दिया। संगीत संध्या स्वर्गीय चंद्रकली पांडे की स्मृति में उनके सुपुत्र जयप्रकाश पांडे के मार्गदर्शन में आयोजित थी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महापौर एजाज़ ढेबर तथा विशिष्ट अतिथि जयप्रकाश पांडे एवं प्रदीप श्रीवास्तव थे। मेरे नसीब में तू है कि नहीं…, सपना मेरा टूट गया…, तू क्या जाने वफा…., कांटा लगा हाय लगा…, कर ले प्यार कर ले के दिन है…., और इस दिल में क्या रखा है…. जैसे सदाबहार गीतों की प्रस्तुति से शहीद स्मारक भवन का सभागार देर रात तक गुंजता रहा। संगीत प्रेमियों ने गीतों का जमकर लुफ्त उठाया। सिंगर स्टेज में प्रस्तुति दे रहे थे और श्रोतागण सामने बैठकर गीते गुनगुनाते नजर आए। भूमि सागर ने जब “मेरे नसीब में तू है कि नहीं…” गीत की प्रस्तुति दी तो सभी श्रोता एक स्वर में गीत गाने लगे। पूरा सभागार गीत से गूंजने लगा। अलग-अलग सिंगर ने विभिन्न गीतों की प्रस्तुति दी। रायपुर में यह अपनी तरह का पहला आयोजन था।

मीनाक्षी केसरवानी ने “गुजरा हुआ जमाना…,  ” डॉ छाया प्रकाश ने “सुनो सजना पपीहे ने…, ” कृति गुप्ता ने “रोज शाम आती थी…”,  ओमप्रकाश ने “नज़र न लग जाए…”,  भूमि सागर ने “हुस्न के लाखों रंग…”,  उषा पाल ने “अब जो मिले हैं तो…”,  शिवानी बानी ने “हंगामा हो गया…”,  दिनेश वर्मा ने “थोड़ी सी जो पी ली है…”,  मनोज बर्मन ने “देखता हूं कोई लड़की हंसी…, ” गीतांजलि साहू ने “दैया यह मैं कहां आ गई…” जैसे सदाबहार गीत गाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *