मिसाल न्यूज़
रायपुर। राजधानी रायपुर के शैलेन्द्र नगर में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के अध्ययन केंद्र (ऑफ कैंपस सेंटर) का शुभारंभ पद्मश्री व्दय भारती बंधु एवं मदन चौहान ने किया। इस केंद्र में थिएटर, लोक संगीत, फैशन डिजाइन, योग एवं दर्शन तथा दृश्य कला (पेंटिंग) का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
अध्ययन केन्द्र के शुभारंभ अवसर पर प्रमुख रूप से इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की कुलपति पद्मश्री श्रीमती मोक्षदा (ममता) चंद्राकर, जाने-माने फिल्म निर्देशक मनोज वर्मा, विश्वविद्यालय के कुल सचिव प्रोफेसर डॉ. इंद्रदेव तिवारी एवं अध्ययन केन्द्र के निदेशक योगेन्द्र चौबे उपस्थित थे। श्रीमती मोक्षदा चंद्राकर ने ‘मिसाल न्यूज़’ को जानकारी देते हुए बताया किछत्तीसगढ़ शासन द्वारा कला और संस्कृति के उत्थान की दृष्टि से इसी शैक्षणिक सत्र से प्रदेश में 4 नवीन संगीत महाविद्यालयों की स्थापना दुर्ग, जगदलपुर, बिलासपुर एवं सरगुजा में की गई है। 1956 में स्थापित इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ संगीत एवं कला को समर्पित छत्तीसगढ़ राज्य का प्रथम विश्वविद्यालय है। यह लगभग 6 दशकों की शैक्षणिक विरासत के साथ संगीत, नृत्य, ललित कला एवं रंगमंच से जुड़े क्षेत्रों में शिक्षण, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान हेतु पर्याप्त अवसर प्रदान करते रहा है।इस विश्वविद्यालय में भारतवर्ष के साथ-साथ विदेशी छात्र-छात्राएं एवं शोधार्थी भी अध्यनरत हैं। यह विश्वविद्यालय देश की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा की धरोहर है तथा छत्तीसगढ़ का गौरव भी है। इन महाविद्यालयों को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से संबद्ध किया गया है। इसी के साथ छत्तीसगढ़ शासन द्वारा रायपुर में कला एवं सांस्कृतिक विरासत और उसमें हो रहे नवाचारों को दृष्टिगत रखते हुए अध्ययन केन्द्र की स्थापना की गई है, ताकि छत्तीसगढ़ की कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर कार्य किया जा सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रमुख उद्देश्य रोजगार उन्मुख होने के साथ ही साथ कौशल विकास भी है। इस बात पर भी विशेष बल दिया गया है कि आधुनिक परिदृश्य में भारतीय संस्कृति, कला एवं दर्शन को युवाओं के जीवन का अभिन्न अंग बनाने के लिए विश्वविद्यालय अधिक से अधिक विद्यार्थियों तक अपनी पहुंच बनाएं। हमारा उद्देश्य है कि हम अपनी कला के विरासत को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा पाएं। यह केंद्र खैरागढ़ विश्वविद्यालय का विस्तार है।