मिसाल न्यूज़
रायपुर। ऑक्सीजोन के नाम पर खालसा स्कूल के सामने से हटाए गए 70 दुकानदारों का अब तक व्यवस्थापन नहीं हो पाने का मसला आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने रखा गया। उनसे जल्द से जल्द व्यवस्थापन की मांग की गई। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए अधिनस्थ अफसर से कहा कि व्यवस्थापन की कार्यवाही के लिए तत्काल नगर निगम को निर्देशित करें।
उल्लेखनीय है कि 1 अक्टूबर को राजधानी रायपुर में सिक्ख समाज का प्रदेश स्तरीय सम्मेलन होने जा रहा है, जिसका मुख्य आतिथ्य स्वीकार करने का अनुरोध लेकर सिक्ख समाज का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात करने उनके निवास गया था। प्रतिनिधि मंडल में शामिल सिक्ख समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रजीत सिंह छाबड़ा ने खालसा स्कूल के सामने से हटाए गए दुकानदारों का पांच साल गुजर जाने के बाद भी व्यवस्थापन नहीं हो पाने के मसले को उठाया। इंद्रजीत छाबड़ा ने मुख्यमंत्री को स्मरण कराया कि 2018 में छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनते ही विश्राम गृह ‘पहुना’ में आपसे मुलाकात कर दुकानदारों के व्यवस्थापन हेतु आपको आवेदन दिया था। पांच साल गुजरने आ रहा है और उजाड़े गए 70 दुकानदार आज भी वहीं के वहीं खड़े हैं। छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक आयोग (कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त) के अध्यक्ष एवं सिक्ख समाज के संयोजक महेन्द्र छाबड़ा ने भी मुख्यमंत्री को स्मरण कराया कि 2020 में मेरे व्दारा भी दुकानदारों के संबंध में एक पत्र सौंपकर उनके व्यवस्थापन का अनुरोध किया गया था। मुख्यमंत्री ने इस मसले को गंभीरता से लेते हुए अधिनस्थ अफ़सर से कहा कि व्यवस्थापन की कार्यवाही के लिए तत्काल नगर निगम को निर्देशित करें।
मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले सिक्ख समाज के प्रतिनिधि मंंडल में महेंद्र छाबड़ा समेत प्रदेश कांग्रेस महामंत्री मलकीत सिंह गैदू, गुरप्रीत सिंह बाबरा, गुरुबक्श सिंह छाबड़ा, त्रिलोचन सिंह टुटेजा, निरंजन सिंह खनूजा, इंद्रजीत सिंह छाबड़ा, हरजीत सिंह छाबड़ा एवं तेजिन्दर सिंह होरा शामिल थे।