विधानसभा में डॉ. रमन का आरोप- बोधघाट परियोजना पर भाषणबाजी तो खूब लेकिन आगे नहीं बढ़ा काम

0 विधानसभा अध्यक्ष ने चर्चा के लिए किया आधा घंटे तय

मिसाल न्यूज़

रायपुर। बस्तर की अधूरी बोधघाट सिंचाई परियोजना के मुद्दे को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज विधानसभा में उठाया। डॉ. रमन सिंह ने आरोप लगाया कि बोधघाट परियोजना पर इसी सदन में मुख्यमंत्री ने तो खूब भाषणबाजी की लेकिन काम आगे नहीं बढ़ा। विधानसभा अध्यक्ष ने इसे अति महत्वपूर्ण विषय मानते हुए इस पर अलग से चर्चा के लिए आधे घंटे का समय निर्धारित किया।

प्रश्नकाल में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की ओर से सवाल लगा था कि क्या कृषि मंत्री बताएंगे कि बोधघाट सिंचाई परियोजना हेतु विभाग व्दारा विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) हेतु निविदा जारी की गई है? यदि हां तो इस हेतु कुल कितनी कंपनियों ने निविदा प्रक्रिया में भाग लिया था और किस कंपनी को कार्यादेश दिया गया है? उपरोक्त परियोजना का डीपीआर बनाने हेतु कितनी कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं डीपीआर बनाने का काम कब तक पूर्ण हो जाएगा? कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे की ओर से लिखित में जवाब आया कि बोधघाट सिंचाई परियोजना हेतु विभाग व्दारा डीपीआर तैयार करने के लिए निविदा जारी नहीं की गई है। परियोजना के सर्वेक्षण का कार्य भारत सरकार के उपक्रम वाप्कोस लिमिटेड गुड़गांव को सौंपा गया है। परियोजना का सर्वेक्षण एवं डीपीआर बनाने हेतु 4154.38 लाख की राशि स्वीकृत की गई है। डीपीआर बनाने निश्चित समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

सदन में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि इसी बोधघाट परियोजना पर विधानसभा में मुख्यमंत्री ने आधे घंटे भाषण दिया था। मुख्ययमंत्री ने कहा था कि यह 22 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट है और इससे 3 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी। अभी जो तस्वीर सामने नज़र आ रही है उससे तो यही लगता है कि आने वाले और 3-4 साल में इसका डीपीआर नहीं बन पाएगा। समय सीमा बता पाना संभव नहीं कहकर सरकार बस्तर के लोगों को दिग्भ्रमित करने का काम कर रही है। जब कुछ हुआ ही नहीं तो विधानसभा में बड़ी-बड़ी बातें किसलिए? इसके सर्वे के बाद डीपीआर बनाने की प्रक्रिया शुरु भी होगी या इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है?

सदन में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे की गैर मौजूदगी में उनकी जगह उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने जवाब देते हुए कहा कि परियोजना के सर्वेक्षण का कार्य जिस वाप्कोस को सौंपा गया है उसे मिनी रथ कहा जाता है। इसका 70 प्रतिशत सर्वे का काम पूरा हो चुका है और डीपीआर तैयार हो रहा है। डीपीआर तैयार होने की समयावधि 2022 थी जिसे आगे बढ़ा रहे हैं। जिस कंपनी को सर्वे का काम सौंपा गया है डॉ. रमन सिंह ने उसके बारे में जानकारी मांगी। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि चूंकि यह अति महत्वपूर्ण विषय है, अतः इस पर अलग से आधे घंटे की चर्चा कराई जाएगी। अध्यक्ष के इस निर्णय का सभी भाजपा विधायकों ने मेज थपथपाकर स्वागत किया।

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