मिसाल न्यूज़
रायपुर। ऑक्सीजोन के निर्माण के नाम पर खालसा स्कूल के सामने से हटाए गए 70 दुकानदारों के व्यवस्थापन नहीं होने का मामला आज विधानसभा में कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा एवं भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से उठाया। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया की ओर से लिखित जवाब आया कि व्यवस्थापन हेतु निरंतर प्रयास जारी हैं।
कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा एवं भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल की ध्यानाकर्षण सूचना इस प्रकार थी- रायपुर के नया बस स्टैंड पंडरी रोड पर खालसा स्कूल के सामने नगर निगम व्दारा 70 दुकानें निर्मित की गई थीं, जिनसे छोटे दुकानदारों का जीवन यापन चल रहा था। उक्त स्थल पर ऑक्सीजोन निर्माण के लिए ये सभी दुकानें 26 दिसंबर 2017 को ढहा दी गईं। तब से आज तक पिछले चार वर्षों से प्रभावित दुकानदारों का व्यवस्थापन नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन मंत्री व्दारा प्रभावित दुकानदारों के व्यवस्थापन के लिए स्पष्ट रूप से मौखिक निर्देश दिए जा चुके हैं, किन्तु इस पर आज तक अमल नहीं हुआ। 26 नवंबर 2021 को नगर निगम की सामान्य सभा में इन प्रभावित दुकानदारों के व्यवस्थापन हेतु प्रस्ताव पारित हो चुका है। नगरीय प्रशासन मंत्री, महापौर एवं नगर निगम कमिश्नर व्दारा स्थल निरीक्षण कर अवंति बाई चौक के पास हाट बाजार के बाजू की जगह इन प्रभावित दुकानदारों के व्यवस्थापन हेतु निर्धारित कर ली गई है, किन्तु इससे आगे कोई कार्यवाही नहीं हुई। प्रभावित दुकानदार अभी भी व्यवस्थापन के लिए भटक रहे हैं। इनका रोजगार लगभग चार वर्षों से बंद है। इस कारण इन्हें गंभीर आर्थिक कठिनाइयों से जूझना पड़ रहा है।
नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया की तरफ से जवाब आया कि खालसा स्कूल के सामने से हटाए गए दुकानदारों को भनपुरी में बेस्ट प्राइज सुपर बाजार के पास व्यवस्थापित किए जाने सूचित किया गया था। व्यवसायियों व्दारा इस प्रस्ताव पर असहमति व्यक्त करते हुए उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर की गई थीं। उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज करते हुए निर्देश दिए थे कि दुकानदार यदि भनपुरी की दुकानों पर सहमत हों तो आगे की कार्यवाही की जाए। इसमें दुकानदारों ने रुचि नहीं ली जिससे व्यवस्थापन की कार्यवाही नहीं की जा सकी। विगत 26 नवंबर को नगर निगम की सामान्य सभा से इन व्यवसायियों का लोधीपारा चौक के पास क्रिस्टल ऑर्केड के सामने हाट बाजार के पास निगम की रिक्त भूमि पर व्यवस्थापन का प्रस्ताव पास हुआ है। 17 दिसंबर को व्यवस्थापन हेतु पत्र राज्य शासन को प्रेषित किया गया। निगम का प्रस्ताव मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की मार्गदर्शिका के अनुरुप नहीं होने के कारण उस पर स्पष्ट अभिमत चाहा गया है। इसके पश्चात् प्रकरण पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। शासन की ओर से व्यवस्थापन हेतु निरंतर प्रयास जारी हैं।