मिसाल न्यूज़
रायपुर। विधानसभा में आज भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने आरोप लगाया कि पैरा ढुलाई के नाम पर 53 करोड़ का जो व्यय बताया जा रहा है वह केवल कागजों पर है। चंद्राकर ने इसकी विधानसभा समिति से जांच कराने की मांग की। मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने प्रकरण को गंभीर मानते हुए विधानसभा की प्रश्न संदर्भ समिति से इसकी जांच कराने की घोषणा की।
प्रश्नकाल में भाजपा विधायक अजय चंद्राकर का सवाल था कि 1 जनवरी 2019 से 30 सितंबर 2023 तक किस योजना में शासन को कितना पैरा दान मिला? पैरा का परिवहन किस दर से, किस वाहन से किया गया और परिवहन दर किस आधार पर निर्धारित की गई? पैरा परिवहन का भुगतान राज्य शासन ने कौन सी मद से किया? जिस मद से भुगतान किया गया, उस मद के खर्च के नियमों के तहत क्या पैरा परिवहन का भुगतान करने का प्रावधान था? कृषि मंत्री रामविचार नेताम की ओर से जवाब आया कि 1 जनवरी 2019 से 30 सितंबर 2023 तक विभिन्न योजनाओं अंतर्गत प्रदेश की गोठान समितियों को 45.69 लाख क्विंटल पैरा दान मिला। पैरा का परिवहन स्थानीय दर पर ट्रेक्टर एवं अन्य उपलब्ध वाहन से किया गया। परिवहन की दर दूरी के आधार पर तय की गई। परिवहन का भुगतान गोधन न्याय योजना, मूलभूत, 14 वें एवं 15 वें वित्त मद से किया गया है। अजय चंद्राकर ने पूछा कि क्या 14 वें एवं 15 वें वित्त आयोग की मद तथा गोधन न्याय योजना से पैरा की खरीदी की जा सकती है? कृषि मंत्री रामविचार नेताम की गैर मौजदूगी में उनकी तरफ से शिक्षा एवं संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने जवाब दिया कि पैरा की खरीदी नहीं होती पैरा दान में मिलता है। 14 वें एवं 15 वें वित्त आयोग की राशि गोठान को हस्तांतरित होती होती है। 186.67 लाख गोधन न्याय योजना में हस्तांतरित हुए। पैसा आया तो खर्च भी हुआ। 53 करोड़ 6 लाख का व्यय हुआ। ट्रेक्टर व अन्य छोटी गाड़ियों से पैरा का परिवहन हुआ। अजय चंद्राकर ने आरोप लगाया कि कागजों पर पैरा की ढुलाई हुई है। 53 करोड़ का व्यय केवल कागजों पर हुआ है। इसकी विधानसभा की किसी समिति से जांच कराई जाए। अजय चंद्राकर ने इस संबंध में बहुत से तथ्य सामने रखे। मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने प्रकरण को गंभीर मानते हुए सदन में घोषणा की कि विधानसभा की प्रश्न संदर्भ समिति से इस मामले की जांच कराई जाएगी।