मिसाल न्यूज़
रायपुर। विधानसभा में आज नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने आरोप लगाया कि फ्लाई ऐश का उपयोग सीमेंट एवं ईंट बनाने में कम, खदानों को भरने तथा सड़कों के आजू-बाजू फेंकने में ज्यादा हो रहा है। यह लोगों के स्वास्थ्य को खराब कर रहा है।
प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत का सवाल था कि फ्लाई ऐश का उत्सर्जन करने वाले संयंत्रों की संख्या एवं वार्षिक मात्रा वर्तमान में कितनी है ? संयंत्रों से उत्सर्जित फ्लाई ऐश का नियमों के अनुसार निराकरण किस-किस प्रकार से होता है? नियमानुकूल निराकरण को सुनिश्चित करने क्या-क्या व्यवस्थाएं की गई हैं? उनका पालन हो रहा है या नहीं? वित्त, आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ. पी. चौधरी की तरफ से जवाब आया कि छत्तीसगढ़ में फ्लाई ऐश उत्सर्जित करने वाले कुल 101 ताप विद्युत संयंत्र स्थापित/संचालित हैं। फ्लाई एश लोडिंग एवं अनलोडिंग के दौरान उड़ने वाली राखड़ की रोकथाम हेतु जल छिड़काव की व्यवस्था की गई है। फ्लाई ऐश का परिवहन तारपोलीन से ढके हुये वाहनों से कराया जाता है। फ्लाई ऐश का यथासंभव लाभकारी कार्यों यथा सीमेंट उत्पादन, ईंट निर्माण, खदान भराव, सड़क निर्माण, भू- भराव आदि में उपयोग किया जा रहा है।
डॉ. महंत ने कहा कि फ्लाई ऐश ऐसी चीज है जिसका असर दिल और दिमाग पर पड़ता है। क्या इसका सत्यापन कराया जाता है या उद्योग चलाने वाले जो कहते हैं वही मान लिया जाता है? कोरबा में जगह-जगह राख उड़ रही है जिससे सीधे-सीधे नागरिकों को तकलीफ हो रही है। इस पर क्या कार्यवाही करेंगे? आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ.पी. चौधरी की गैर मौजूदगी में स्वास्थ मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जवाब देते हुए कहा कि फ्लाई ऐश का सही तरह से निराकरण नहीं होने पर 2 करोड़ 74 लाख 13 हजार पेनाल्टी वसूली जा चुकी है। डॉ. महंत ने कहा कि फ्लाई ऐश का अधिकतम इस्तेमाल सीमेन्ट एवं ईंट बनाने में होना चाहिए। लेकिन इसका आधे से ज्यादा उपयोग खदान भरने एवं रोड के आजू-बाजू फेंकने में हो रहा है। इससे होने वाले प्रदूषण से इंसान की प्रतिरोधक क्षमता घटती है। हृदय रोग व कैंसर जैसी असाध्य बीमारी के होने का खतरा बना रहता है। मौत तक हो जाती है। मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि फ्लाई ऐश से पर्यावरण पर किसी तरह का खतरा न हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। जहां कहीं भी स्वास्थ्य पर खतरा जैसी स्थिति नजर आती है तो दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।