कारवां (3 मार्च 2024)- ● भाजपा ने पहली बार रायपुर से दी सामान्य वर्ग को टिकट… ● हताशा और लोस चुनाव… ● आगे क्या रहेगी सोनी की भूमिका… ● ज़ल्द नहीं थमने वाला मूणत खेमे की तरफ से उठा तूफान… ● क्या डबल इंजन की सरकार में बिलासपुर एयरपोर्ट के दिन फिरेंगे… ● जिधर देखो नशा ही नशा… ● पूनम तिवारी एवं समप्रिया पूजा निषाद को बड़ा सम्मान…

■ अनिरुद्ध दुबे

भाजपा ने छत्तीसगढ़ की सभी 11 लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। केवल दो वर्तमान सांसद विजय बघेल (दुर्ग) एवं संतोष पांडे (राजनांदगांव) को फिर से चुनावी मैदान में उतारा गया है। बाकी 7 लोग जो सांसद रहे उन्हें इस बार लड़ने का मौका नहीं दिया गया। उन 7 सांसदों में से अरुण साव, रेणुका सिंह एवं गोमती साय विधायक बन चुके हैं। इस तरह देखा जाए तो सुनील सोनी (रायपुर), मोहन मंडावी (कांकेर), गुहाराम अजगले (जांजगीर चाम्पा) एवं चुन्नीलाल साहू (महासमुन्द) ऐसे नाम हैं जो सांसद रहते हुए इस बार टिकट से वंचित हो गए। सबसे ज़्यादा चौंकाने वाला नाम बृजमोहन अग्रवाल का रहा, जो वर्तमान में रायपुर दक्षिण के विधायक होने के साथ छत्तीसगढ़ सरकार में स्कूली व उच्च शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन, धर्मस्व एवं संसदीय कार्य मंत्री हैं। भारतीय जनता पार्टी के गठन होने के बाद से जितने भी लोकसभा चुनाव हुए रिकॉर्ड रहा है रायपुर की भाजपा टिकट ओबीसी नेता को जाती रही थी। नौ बार (1984, 1989, 1991, 1996, 1998, 1999, 2004, 2009 एवं 2014) ओबीसी नेता रमेश बैस रायपुर से लोकसभा चुनाव लड़े और 7 बार जीते। 2019 में रमेश बैस को टिकट न देकर ओबीसी वर्ग से ही सुनील सोनी को टिकट दी गई और वे जीते। पहली बार हो रहा है कि भाजपा ने रायपुर से सामान्य वर्ग के नेता बृजमोहन अग्रवाल को लोकसभा चुनाव में उतारा है।

हताशा और लोकसभा चुनाव

विधानसभा चुनाव में जिस तरह सत्ता हाथ से गई उस निराशा से कांग्रेस के कई बड़े नेता उबर नहीं पा रहे हैं। फरवरी में एक तरफ विधानसभा का बजट सत्र चल रहा था तो दूसरी ओर राहुल गांधी की न्याय यात्रा का छत्तीसगढ़ में प्रवेश हुआ था। कुछ बड़े नेता न्याय यात्रा, तो कुछ बजट सत्र में उलझे रहे। नतीजतन लोकसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ता सम्मेलन की तारीख़ तक तय नहीं हो पाई। अंदर की ख़बर यही है कि कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं ने लोकसभा चुनाव लड़ने से साफ इंकार कर दिया है। राज्य बनने के बाद से कांग्रेस छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीटों में से अधिकतम दो सीटों पर जीत दर्ज कर पाई है। अधिकांश कांग्रेस नेताओं का मानना है कि बस्तर, कांकेर एवं जांजगीर चाम्पा ऐसी लोकसभा सीटें हैं जहां पार्टी दम दिखा सकती है। कांग्रेस में कई बड़ी ज़िम्मेदारियों का वहन कर चुके एक नेता ने विधानसभा परिसर में अपने कुछ क़रीबी लोगों कहते नज़र आए कि “हमारे कुछ दिग्गज हताशा से उबर ही नहीं पा रहे हैं। समय रहते हताशा दूर नहीं हुई तो इसका बुरा असर लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा।“

आगे क्या रहेगी

सोनी की भूमिका

भाजपा ने रायपुर के वर्तमान सांसद सुनील सोनी को दोबारा लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया। आज ही से सोनी को लेकर चर्चा का दौर शुरु हो गया कि आगे उनकी भूमिका क्या रहेगी? कुछ अनुभवी भाजपाइयों का मानना है यदि रायपुर महापौर सीट महिला वर्ग के लिए आरक्षित नहीं रही तो हो सकता है पार्टी महापौर के लिए सोनी का नाम आगे करे। आख़िर महापौर चुनाव को नौ महीने ही तो बचे हैं। महापौर वाला मामला नहीं जमा तो निगम-मंडल जिंदाबाद।

ज़ल्द नहीं थमने वाला

 मूणत खेमे की

तरफ से उठा तूफान

विधानसभा के पंचम बजट सत्र के समापन वाले दिन पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ विधायक राजेश मूणत ने फिर जबरदस्त आक्रामकता दिखाई। ध्यानाकर्षण के दौरान मूणत ने आरोप लगाया कि राजधानी रायपुर के तेलीबांधा क्षेत्र से लगे शताब्दी नगर में नगर निगम एवं स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने मिलकर जो तथाकथित सामुदायिक भवन बनाया उस पर पूर्व मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया की पत्नी श्रीमती शकुंतला डहरिया के एनजीओ राजश्री सद्भावना समिति ने कब्ज़ा कर रखा था। जहां अटल आवास बने थे उन्हें जर्जर बताकर तोड़ा गया और चार हज़ार वर्ग फुट ज़मीन पर तथाकथित सामुदायिक भवन बना दिया गया। बिना नगर निगम कमिश्नर के किसी आदेश के उक्त भवन पर कब्ज़ा हो गया। जिन भ्रष्ट अधिकारियों के संरक्षण में काम हुआ उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। सत्ता पक्ष के ही वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने मूणत के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि भवन निर्माण में स्मार्ट सिटी मद से 84 लाख रुपये खर्च हुए हैं। यह भी दिलचस्प संयोग रहा कि कभी राजेश मूणत नगरीय प्रशासन मंत्री रहे थे। मूणत ने जिन श्रीमती शकुंतला डहरिया पर आरोप लगाया उनके पति शिव डहरिया भी नगरीय प्रशासन मंत्री ही थे। यह मामला पहले नगर निगम की बजट सामान्य सभा में उठा, उसके बाद विधानसभा के बजट सत्र में। नगर निगम की सामान्य सभा में इस मामले को निगम नेता प्रतिपक्ष श्रीमती मीनल चौबे ने उठाया। श्रीमती चौबे, मूणत खेमे की मानी जाती हैं। यानी यह मूणत खेमे की तऱफ से उठा तूफान है। मूणत या उनके क़रीबी जब कभी कोई तूफान खड़ा करें, वह आसानी से नहीं थमता। एक और उदाहरण महादेव ऐप है। महादेव ऐप को लेकर भी मूणत विधानसभा के इसी बजट सत्र में जमकर बरसे थे।

क्या डबल इंजन की सरकार

में बिलासपुर एयरपोर्ट

के दिन फिरेंगे…

बिलासपुर एयरपोर्ट के 4 सी श्रेणी के मापदंड के अनुरूप विकसित होने का रास्ता खुल गया है। एयरपोर्ट से लगी 287 एकड़ ज़मीन सेना की है। एयरपोर्ट का विस्तार कर उसे आदर्श स्वरूप देने सेना की इस ज़मीन का मिलना ज़रूरी था। सेना यह ज़मीन देने तैयार हो गई है। सेना की अफ़सरों की मौजूदगी में ज़मीन की नापजोख होगी। ज़मीन मिलने के बाद रनवे का विस्तार तो होगा ही साथ ही एटीएस कॉम्पलेक्स फ्लाइट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन, एविएशन सिक्योरिटी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स, होटल एयरो सिटी एवं गॉर्डन का भी निर्माण हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष जब केंद्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का छत्तीसगढ़ प्रवास हुआ था उन्होंने बिलासपुर एयरपोर्ट का विस्तार नहीं होने के पीछे दोष तत्कालीन प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर मढ़ दिया था। तब तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ज़वाब में यही कहा था कि सारे निर्णय केन्द्र सरकार से होने हैं, प्रदेश सरकार को बेवज़ह घसीटा जा रहा है। प्रदेश में अब भाजपा की सरकार बन चुकी है, यानी डबल इंजन की सरकार। न्यायाधानी बिलासपुर के लोग अब विमानन सेवा के विस्तार हेतु डबल इंजन की सरकार की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं।

जिधर देखो

नशा ही नशा

इन दिनों नशे से जुड़ी ख़बरें मीडिया में छाई हुई हैं। कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा विकासखंड से ख़बर आई कि वहां की प्राथमिक शाला में पदस्थ प्रधान पाठक रोज़ शराब के नशे में स्कूल आते हैं। बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा के नाम से छात्रों से राशि का कलेक्शन किया गया था। वह राशि भी प्रधान पाठक ने शराब पीकर उड़ा दी। फिर बिलासपुर जिले के मस्तूरी ब्लॉक से यह ख़बर आई कि वहां स्कूल में महिला प्रधान पाठक के सामने शिक्षक यह कहते हुए शराब पीते नज़र आए कि “ज़िन्दगी में बहुत टेंशन है, इसलिए पीना ज़रूरी है। लगे तो कलेक्टर को बता दें।“ फिर राजधानी रायपुर में सीमा शुल्क आयुक्तालय (भोपाल जोन) के स्टाफ ने 3 करोड़ 89 लाख के नशीले पदार्थों को जलाने का काम किया। जलाए गए नशीले पदार्थों में विदेशी सिगरेट, सिगार एवं रोलिंग पेपर शामिल थे। इससे यह साबित होता है कि अवैध तरीके से विदेशी सिगरेट यहां पहुंचती रही है। इससे जुड़े तस्कर पूर्व में रायपुर, दुर्ग एवं राजनांदगांव में पकड़े गए थे। ताज़ा ख़बर यह है कि राजधानी रायपुर की राज टॉकीज़ के पास स्थित पान दुकान में छापा मारकर बड़ी संख्या में हुक्का फ्लेवर, हुक्का पॉट एवं पाइप जब्त किए गए। इस अवैध काम में संलग्न रहे चाचा-भतीजा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दुकान के अलावा इनके घर से भी नशीले पदार्थ एवं उनसे संबंधित सामान जब्त हुए हैं। हाल ही में कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट पीने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा यह नियम लाया गया है कि 21 साल से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को सिगरेट या तंबाकू नहीं बेचा जाएगा। छत्तीसगढ़ में जिस तरह नशाखोरी बढ़ गई है कर्नाटक सरकार की तरह यहां भी कड़े नियम लागू करने की ज़रूरत बताई जा रही है।

पूनम तिवारी एवं समप्रिया

पूजा निषाद को बड़ा सम्मान

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ की दो बड़ी कला हस्तियों पूनम तिवारी एवं समप्रिया पूजा निषाद को सम्मानित करने की घोषणा की है। पूनम को संगीत नाटक अकादमी एवं समप्रिया पूजा को उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। पूनम ख्याति प्राप्त नाट्य निर्देशक हबीब तनवीर के ग्रुप ‘नया थियेटर’ से बरसों जुड़ी रहीं। तनवीर साहब का सबसे चर्चित ड्रामा ‘चरणदास चोर’ था। इस ड्रामे में पूनम ने रानी और दासी दोनों भूमिका निभाई थी। ‘नया थियेटर’ में ही पूनम को दीपक तिवारी मिले, जो चरणदास चोर की भूमिका निभाया करते थे। दीपक और पूनम एक दूसरे को दिल दे बैठे। पूनम दीपक की जीवन संगिनी हो गईं। दीपक व पूनम का एक बेटा वीरू व बेटी बेला हुई। हबीब साहब के ग्रुप में रहते हुए पूनम ने इंग्लैंड, फ्रांस, रशिया एवं जर्मनी जैसे देशों की यात्रा की और वहां अपने अभिनय की छाप छोड़कर आईं। ‘नया थियेटर’ से अलग होने के बाद दीपक एवं पूनम ने अपनी खुद की संस्था की नींव रखी। विडम्बना देखिए दीपक लकवा के शिकार हो गए। लंबे समय तक बिस्तर में रहने के बाद अभाव भरी ज़िंदगी में उन्होंने दम तोड़ दिया। दीपक की मौत को कुछ ही समय बीता था कि बेटे वीरू ने भी दम तोड़ दिया। वीरू की जब शव यात्रा घर से रवाना हो रही थी पूनम ने कलेजे में पत्थर रखकर गीत गाया था “चोला माटी के राम…।“ इस पर बना वीडियो ख़ूब वायरल हुआ था। वह वीडियो मन को झकझोर कर रख देने वाला वीडियो था। पति एवं बेटे को खो देने के बाद भी पूनम ने हौसला नहीं खोया। अपनी कला साधना को वे जारी रखी हुईं हैं।

समप्रिया पूजा निषाद जानी-मानी पंडवानी गायिका हैं। जिस समय पुरस्कार की घोषणा हुई, ये अयोध्या में थीं। इन्होंने वेदमती शैली को अपनाया। 2009 से अपने गुरु पुनाराम निषाद के साथ मंच पर पंडवानी की प्रस्तुति देती आ रही हैं। 500 से ज़्यादा प्रस्तुतियां दे चुकी हैं। 1 मार्च को इन्होंने दिल्ली में पंडवानी की प्रस्तुति दी। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त पंडवानी गायिका तीजन बाई ने समप्रिया पूजा से कहा था कि मैं तुम्हारी प्रस्तुति देखना चाहती हूं। पूजा ने तीजन के घर जाकर पंडवानी की प्रस्तुति दी। पूजा की लगातार दो घंटे प्रस्तुति देखकर तीजन बाई ने कहा था- “तूम्हारी प्रस्तुति मेरे मन में गहरी छाप छोड़ गई है। इस विधा को तूम दूर तक ले जाओगी।“

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