कारवां (17 मार्च 2024) ●‘आर्टिकल 370’ देख भावुक हुए राज्यपाल… ● भाजपा-कांग्रेस के बीच काफ़ी पहले से चला आ रहा कार्टून वॉर… ● विजय शर्मा की बातों के क्या हैं मायने… ● चौधरी बदलेंगे नया रायपुर की शक्ल… ● चमचमाती कार वाले ग़रीब विधायक… ● देवव्रत प्रतिमा का अनावरण नहीं होना भी चर्चा में…

■ अनिरुद्ध दुबे

राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन राजधानी रायपुर के एक मल्टीप्लेक्स में फ़िल्म ‘आर्टिकल 370’ देखने गए। महामहिम जब फ़िल्म देखकर निकले तो काफ़ी भावुक थे। कश्मीर में पूर्व में जो कुछ भी घटा रहा हो उसे लेकर उनके भीतर गुस्सा साफ़ नज़र आया। राज्यपाल सिनेमा हॉल से बाहर निकले ही थे कि मीडिया ने उनको घेर लिया। राज्यपाल ने फ़िल्म से जुड़े अपने अनुभवों को शेयर करते हुए क्षोभ भरे लहज़े में कहा कि “डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कहा था कि एक देश में दो विधान, दो प्रधान, दो निशान नहीं चल सकते। आजादी के 70 साल के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कश्मीर से धारा 370 को हटाने का साहसिक एवं महत्वपूर्ण फैसला लिया गया।“ मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए अजीत जोगी, डॉ. रमन सिंह, भूपेश बघेल जब कभी कोई फ़िल्म देखने गए उसकी काफ़ी चर्चा रही थी। पिछले दिनों मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी ‘आर्टिकल 370’ देखने गए उसकी भी काफ़ी चर्चा रही। किसी राज्यपाल का फ़िल्म देखना पहली बार इतनी चर्चा में रहा। इससे पहले छत्तीसगढ़ की राज्यपाल रहते हुए सुश्री अनुसुइया उइके मल्टीप्लेक्स में फ़िल्म ‘भूलन द मेज़’ देखने गई थीं, उसकी चर्चा कम ही हो पाई थी। फिर ‘आर्टिकल 370’ एवं ‘भूलन द मेज़’ दोनों का विषय भी तो एकदम अलग है।

भाजपा-कांग्रेस के बीच

काफ़ी पहले से चला

आ रहा कार्टून वॉर

लोकसभा चुनाव की तारीख़ तो शनिवार को घोषित हुई उससे पहले भाजपा-कांग्रेस के बीच प्रत्याशियों को लेकर पोस्टर कार्टून वॉर शुरु हो चुका था। पोस्टर पर बने ये कार्टून सोशल मीडिया में छाए हुए हैं। भाजपा ने भूपेश बघेल, ताम्रध्वज साहू, दीपक बैज, डॉ. शिव कुमार डहरिया एवं श्रीमती ज्योत्सना महंत जैसे कांग्रेस प्रत्याशियों को टारगेट करते हुए कार्टून बनाया। ज़वाब में कांग्रेस की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत भाजपा प्रत्याशियों बृजमोहन अग्रवाल, सरोज पांडे, विजय शर्मा, चिंतामणि महाराज, भोजराज नाग एवं महेश कश्यप का पोस्टर कार्टून बनाकर पलटवार किया गया। भाजपा हो या कांग्रेस चुनाव से पहले कार्टून बनाकर निशाना साधने की परंपरा पहले से चली आ रही है। 2003 के विधानसभा चुनाव के समय में तत्कालीन विपक्षी दल भाजपा ने जो आरोप पत्र लाया था उसके कवर पेज पर तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी का कार्टून था। जोगी को पुलिस की वर्दी में दिखाया गया था। सिर पर पुलिस वाली टोपी थी तो बगल में डंडा। उल्लेखनीय है कि आईएएस से पहले जोगी आईपीएस भी रहे थे। यानी उनका कभी पुलिस वाला चेहरा भी रहा था। 2018 के विधानसभा चुनाव के समय में कांग्रेस के एक युवा नेता ने तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को टारगेट करते हुए ‘रमन का चश्मा’ नाम से संगीतमय तीखा व्यंग्यात्मक वीडियो बनाया था। सत्ताधारी दल पर प्रहार करता हुआ वह वीडियो तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल को इतना अच्छा लगा था कि उन्होंने उस युवा नेता की जमकर पीठ थपथपाई थी। अंदर की ख़बर रखने वाले तो यही बता रहे हैं कि कांग्रेस नेताओं को टारगेट करते हुए कार्टून के पीछे जिस किसी ने अपना दिमाग लगाया है उसकी भी ख़ूब पीठ थपथपाई जा रही है।

विजय शर्मा की बातों

के क्या हैं मायने…

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा जो कुछ बोलें लोग उसे बड़े गौर से सुनते हैं, फिर उस पर गहराई से सोचते हैं। विजय शर्मा ने हाल ही में दो बातें कहीं। पहला, उनके व्दारा कहा गया यह कथन कि “बस्तर में प्रेम से, या फिर चर्चा से, या फिर सख़्ती से जैसा भी हो नक्सली समस्या का समाधान निकालेंगे।“ सोच में पड़े लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं नक्सली समस्या के उन्मूलन हेतु शर्मा इन तीनों में कौन सा कदम पहले उठाएंगे। हाल फिलहाल में तो सरकार का रूख़ सख़्ती वाला ही दिख रहा है। एक जगह पर शर्मा ने कहा कि “खेद है छत्तीसगढ़ में 11 ही लोकसभा सीटें हैं। 11 से ज़्यादा होनी थीं। 11 से ज़्यादा होतीं तो भी सभी में जीत भाजपा की ही होती।“

चौधरी बदलेंगे नया

रायपुर की शक्ल

नया रायपुर। मुर्दा शहर। दस साल से ज़्यादा हो गए इस शहर को बसे, लेकिन सन्नाटा अब भी बरक़रार। पिछली बार जब कांग्रेस की सरकार रही, इस सन्नाटे को तोड़ने एयरपोर्ट के पास एयरो सिटी बसाने तथा जोरा एवं नया रायपुर के बीच क़रीब 18 किलो मीटर के ख़ालीपन को दूर करने बिजनेस हब लाने पर विचार कर रही थी। अब सत्ता परिवर्तन हो जाने के बाद एयरो सिटी और बिजनेस हब पर कोई बात होती नहीं दिख रही है। वित्त, आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ.पी. चौधरी ने हाल ही में ज़रूर कहा है कि “नया रायपुर में दो बड़ी कंपनियां आ रही हैं। आईटी सेक्टर खोलने की तैयारियां हो रही हैं। नया रायपुर में एक साल के भीतर दस हज़ार से अधिक नौकरियों के रास्ते खुलेंगे।“ चौधरी साहब ने इसी रायपुर शहर में नगर निगम कमिश्नर व कलेक्टर रहते हुए पुराना एवं नया दोनों रायपुर को काफ़ी नज़दीक से देखा था। नया रायपुर से ‘आदमी सड़क का’ किस कदर कटा हुआ है यह चौधरी साहब से ज़्यादा और कौन समझ सकता है।

चमचमाती कार वाले

ग़रीब विधायक

दुर्ग संभाग में आने वाली एक विधानसभा सीट के विधायक इन दिनों सुर्खियों में हैं। वैसे तो वे इन दिनों नई चमचमाती बड़े साइज की कार में घूम रहे हैं, लेकिन उनको ग़रीब कहलाने में विशेष आनंद आता है। किसी संस्था से जुड़े लोग धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रम में सहयोग लिए विधायक जी के पास पहुंचते हैं तो वे हाथ जोड़कर कहते हैं “मैं भला आप लोगों की क्या मदद कर सकता हूं। मैं ठहरा ग़रीब विधायक।“ विधायक जी की पार्टी से जुड़े कितने ही लोग अब कहने लगे हैं कि ऊपर वाला ऐसा ग़रीब सबको बनाए।

देवव्रत प्रतिमा का अनावरण

नहीं होना भी चर्चा में

राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में इस समय पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं वर्तमान सांसद संतोष पांडेय के मुक़ाबले की चर्चा तो है ही साथ ही पूर्व विधायक एवं सांसद देवव्रत सिंह की प्रतिमा का अनावरण नहीं हो पाया इस बात की भी चर्चा है। ख़बर यही है कि 14 मार्च को भूपेश बघेल प्रतिमा का अनावरण करने वाले थे। इसके पहले कार्यक्रम हो पाता देवव्रत सिंह की दूसरी पत्नी विभा सिंह ने कड़ी आपत्ति दर्ज करा दी। बताते हैं पिछले साल प्रतिमा लगाने से पहले भूमि पूजन हुआ तो उसमें नहीं बुलाए जाने को लेकर विभा सिंह नाराज़ थीं। प्रतिमा लगाने के लिए स्थल दुर्गा चौक को चुना गया है, इस स्थान को लेकर भी विभा सिंह की असहमति रही। पूर्व में विभा सिंह तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं छत्तीसगढ़ की तत्कालीन कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा के समक्ष नाराज़गी दर्ज करवा चुकी थीं। चूंकि कुछ ऐसे मसले हैं जिन्हें लेकर विभा सिंह की अब भी आपत्ति बरक़रार है, अतः प्रतिमा लोकार्पण कार्यक्रम को टाला जाना ही मुनासिब समझा गया।

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