कांग्रेस के घोषणा पत्र में स्वास्थ्य को लेकर 19 वादे… भाजपा के संकल्प में कुछ नहीं- डॉ. राकेश गुप्ता

मिसाल न्यूज़

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के विगत 10 वर्षों के कार्यकाल में देश की स्वास्थ्य सेवा बदहाल हुई है। सीएजी के रिपोर्ट में प्रमाणित हुआ है कि आयुष्मान योजना के नाम पर हजारों करोड़ के घपले, घोटाले किये गये। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए दोनों प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों का घोषणा पत्र जारी हो चुका है। स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषय पर जहां कांग्रेस पार्टी ने 19 महत्वपूर्ण वादे किये हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी अपने तथाकथित संकल्प पत्र में आम जनता को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की दिशा में कोई ठोस वादा करने में नाकाम रही।

राजीव भवन में आज प्रेस वार्ता में डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि भाजपा के घोषणा पत्र में स्वास्थ्य सेवा के संबंध में केवल पुराने वादे ही हैं, जो पूर्व में पूरे नहीं हुये। एम्स में डॉक्टर, नर्स, तकनीशियनों के लगभग 45 प्रतिशत से अधिक पद रिक्त हैं। मोदी सरकार ने भर्तियां रोक रखी है जिसका नुकसान मरीजों को उठाना पड़ रहा है। आयुष्मान योजना नई नहीं है। आजादी के बाद से ही कांग्रेस की सरकारों ने तमाम तरह के टीके निःशुल्क लगवाने की व्यवस्था की। मोदी सरकार ने तो वैक्सिन निर्माता कंपनी से चुनावी बांड वसूले। मोदी सरकार में दवाओं की गुणवत्ता को लेकर भी लगातार सवाल उठते रहे हैं। मोदी सरकार ने स्वास्थ्य के बजट में भी लगातार कटौती की है। भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में भी स्वास्थ्य सेवा की उपेक्षा स्पष्ट तौर पर दिख रही है। कांग्रेस ने अपने न्याय पत्र में देश की जनता से स्वास्थ्य सेवा बेहतरी के लिए 19 बिन्दुओं का वादा किया है, जो कि इस प्रकार है- सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं, जैसे अस्पताल, क्लिनीक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, मोबाइल स्वास्थ्य इकाई, औषधालय और स्वास्थ्य शिविर में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल हर नागरिक के लिए निःशुल्क उपलब्ध होगी। निःशुल्क स्वास्थ्य देखभाल में परामर्श, जांच, उपचार, सर्जरी, दवाएं और पुनर्सुधार शामिल होंगे। राजस्थान में कांग्रेस सरकार द्वारा लागू की गई चिरंजीवी योजना के तर्ज पर देश भर में 25 लाख रुपए तक निःशुल्क इलाज के लिए कैशलेस बीमा योजना लागू की जाएगी। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) को भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक मानदंडों (IPHS) के अनुसार विकसित किया जाएगा और प्रत्येक पीएचसी में डायग्नोस्टिक्स (आधुनिक जांच सुविधाएं) उपलब्ध कराएगी। निजी और सरकारी क्षेत्र में स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को बढ़ावा दिया जाएगा। मौजूदा यूनिवर्सल स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम को विभिन्न वर्गों की जरुरतों के अनुरूप नया स्वरूप दिया जाएगा और निजी अस्पतालों, गैर-लाभकारी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाली संस्थाओं और स्वास्थ्य केंदों को इसके तहत सूचीबद्ध करने की अनुमति दी जाएगी। केन्द्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर यह सुनिश्चित होगा कि मातृत्व लाभ सभी महिलाओं को मिले। सभी नियोक्ता अनिवार्य रूप से अपने कर्मचारियों के लिए सवैतनिक (वेतन के साथ) मातृत्व अवकाश देंगे। स्वास्थ्य के लिए बजट आवंटन को हर साल चरणबद्ध तरीके से बढ़ाकर वर्ष 2028-29 तक बजट का न्यूनतम 4 प्रतिशत किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने वाले डॉक्टरों के लिए कठिनाई भत्ता दोगुना किया जाएगा और उनके रहने के लिए उपयुक्त सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। फ्रंट लाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (जैसे आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मध्याह्न भोजन रसोइया, आदि) के मानदेय में केंद्र सरकार का योगदान दोगुना होगा। प्रत्येक जिले में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज – सह – अस्पताल स्थापित किया जाएगा। सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं और मेडिकल कॉलेजों में रिक्त सभी पदों (मेडिकल और पैरामेडिकल) को तीन साल के भीतर भरा जाएगा। मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए 75 प्रतिशत पदों को भरने न्यूनतम कानूनी अनिवार्यता होगी। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम की समीक्षा की जाएगी करेगी और कमियों को दूर किया जाएगा। आयोग (NMC) को अपने दायित्वों का निर्वहन करने की पूरी स्वतंत्रता दी जाएगी। 2,500 से अधिक आबादी वाली बसाहट में एक अतिरिक्त आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति की जाएगी। चिकित्सा की सभी प्रणालियों को सरकार द्वारा बढ़ावा दिया जाएगा।दवाओं के सभी निर्माताओं पर कड़ाई से निगरानी रखी जाएगी ताकि वे अच्छी गुणवत्ता बनाए रखें और अच्छी उत्पादन प्रक्रिया का पालन करें। औषधालयों की संख्या में तेजी से विस्तार होगा। सभी केंद्रीय सरकारी औषधालय उचित मूल्य पर अच्छी गुणवत्ता की ब्रांडेड और जेनेरिक दवाएं वितरित करेंगे। टीकाकरण के लिए एक राष्ट्रीय मिशन शुरू किया जाएगा। अभी देश के केवल 76 प्रतिशत बच्चों का पूर्ण टीकाकरण हो पाता है। कांग्रेस की सरकार बनी तो 5 वर्षों के भीतर 100 प्रतिशत बच्चों का पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित किया जाएगा। मध्याह्न भोजन योजना का विस्तार बारहवीं कक्षा तक किया जाएगा ताकि बच्चों में पोषण की कमी दूर की जा सके और बौनापन (स्टंटिंग) (उम्र के हिसाब से कम लंबाई) और कुपोषण (वेस्टिंग) (लंबाई के हिसाब से कम वज़न) की घटनाओं को तेजी से कम किया जा सके। कांग्रेस की सरकार बनने पर एक सुरक्षा कानून पारित किया जाएगा जिसके अंतर्गत अपने कर्तव्यों का पालन करते समय डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को अपराध का दर्जा दिया जाएगा।

डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ्य का इंफ्रास्ट्रचर लगभग ढाई गुना बेहतर किया। 4000 से अधिक पदों पर स्वास्थ्य विभाग में नियमित पदों पर भर्तियां की। हमर अस्पताल, मोहल्ला क्लिनिक, हाट बाजार क्लिनिक और स्लम चिकित्सा योजना के तहत निःशुल्क जांच, इलाज और दवा की व्यवस्था करवाई। डबल इंजन की सरकार आने के बाद से छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधा पूरी तरह से चरमरा गई है। आयुष्मान कार्ड से इलाज अघोषित रूप से बंद है। भुगतान नहीं मिलने से कई अस्पताल मरीजों को बिना इलाज के लौटा रहे हैं। भाजपाई बताएं कि देश की जनता को स्वास्थ्य सेवा के अधिकार से क्यों वंचित रखा जा रहा है?

पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, डॉ. अरूण केडिया, डॉ. सत्यजीत साहू, प्रवक्ता अजय गंगवानी एवं अमित श्रीवास्तव उपस्थित थे।

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