भिलाई डीपीएस स्कूल में अबोध बच्ची के साथ छेड़छाड़ की गंभीर घटना पर पर्दा डालने की कोशिश… दुर्ग एसपी मामले को दबा रहे- भूपेश बघेल

मिसाल न्यूज़

रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि भिलाई के डीपीएस स्कूल में 5 जुलाई को एक अबोध बच्ची के साथ छेड़छाड़ की जो गंभीर घटना हुई, उस पर पर्दा डालने की कोशिश हो रही है। मामले को दबाने में दुर्ग एसपी अहम् भूमिका निभा रहे हैं। पास्को एक्ट की धारा 21 में प्रावधान है कि कोई पुलिस अधिकारी रिपोर्ट लिखने में विफल रहता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। इस मामले में सीधे एसपी ने लापरवाही बरती है।

राजीव भवन में आज पत्रकार वार्ता में भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश के किसी भी हिस्से में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। रायगढ़ में एक महिला के साथ 14 दरिंदे गैंग रेप करते हैं। चोरी, डकैती, हत्या, लूट, चाकूबाजी की घटनाएं आम हो गई हैं। स्कूलों में बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं। भिलाई के डीपीएस स्कूल में 5 जुलाई को एक अबोध बच्ची के साथ छेड़छाड़ की गंभीर घटना हुई। 5 जुलाई को बच्ची जब घर आई तो उसकी परेशानी को देखते हुये उसी दिन भिलाई के ही वरिष्ठ बाल चिकित्सक के यहां बच्ची को ले जाया गया। डॉक्टर ने साफ लिखा कि बच्ची के निजी अंगों में चोट है। उन्होंने कुछ दवाईयां भी लिखी। 20 जुलाई को जब बच्ची की तबियत खराब हुई तब उसे फिर से दूसरे डॉक्टर के पास ले जाया गया। डॉक्टर ने बच्ची के साथ गंभीर छेड़छाड़ की आशंका जताई। इस मामले में बच्ची के पालक लगातार स्कूल को शिकायत करते रहे लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले की जानकारी जब स्कूल के अन्य पालकों को हुई तब उन्होंने स्कूल के सामने मामले में कार्यवाही के लिये 2 अगस्त को प्रदर्शन किया। पुलिस ने जांच का आश्वासन दिया। 3 अगस्त को दुर्ग के पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में बयान दिया कि बच्ची के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। अखबारों में छपी खबर गलत और भ्रामक है। एसपी ने मीडिया तक को धमकाने का काम किया। दुर्ग के पुलिस अधीक्षक के बच्चे भी उसी स्कूल में पढ़ते हैं। डीपीएस के पालकों का जो वाट्सअप ग्रुप है उसमें वे हैं।  उस वाट्स अप ग्रुप में भी पालकों ने मामले पर आक्रोश जाहिर किया जबकि स्वयं पुलिस अधीक्षक इस प्रकार की घटना होने से इंकार कर रहे हैं। पालकों के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक, राजनैतिक संगठन के लोगों ने भी मामले के जांच तथा पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़ा किया है। भाजयुमो के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य प्रशम दत्ता ने महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े को ज्ञापन देकर मामले की जांच कराने तथा पुलिस मामले पर पर्दा डाल रही है इसकी शिकायत की है।

भूपेश बघेल ने कहा कि यह मामला बहुत ही गंभीर है, पास्को एक्ट का मामला है। एक अबोध बच्ची के साथ दुराचार का मामला है। नियमानुसार पहले इस मामले में एफआईआर होनी थी, उसके बाद जांच की जानी चाहिए थी। एक्ट कहता है कि किसी भी संज्ञेय अपराध में पहले जांच की जरूरत नहीं है। पहले एफआईआर किया जाना चाहिये। पास्को एक्ट की धारा 21 में प्रावधान है कि कोई पुलिस अधिकारी रिपोर्ट लिखने में विफल रहता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। इस मामले में सीधे एसपी ने लापरवाही बरती है। एसपी ने बिना एफआईआर कैसे जांच करवा ली तथा घटना को गलत बता दिया। उन्होंने स्कूल केंपस में पालकों से तथा मीडिया में घटना होने से इंकार किया। दो-दो चिकित्सकों की रिपोर्ट साफ बता रही है कि बच्ची के साथ गलत हुआ है। फिर एसपी ने किस आधार पर यह कह दिया कि कुछ नहीं हुआ। पास्को एक्ट के तहत एफआईआर के बाद पुलिस ने मेडिकल बोर्ड के सामने बच्ची का परीक्षण क्यों नहीं करवाया? इस पूरे मामले में एसपी का बयान बेहद ही गैर जिम्मेदाराना तथा आरोपियों को बचाने वाला है। पुलिस का काम अपराध की जांच कर आरोपियों को सजा दिलाने का है न कि घटना को नकार कर मामले में पर्दा डालने का।

पूर्व अध्यक्ष धनेन्द्र साहू ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। प्राचार्य और पुलिस अधीक्षक की भूमिका संदिग्ध है। वह खुद पार्टी हैं। इनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। पास्को एक्ट में अपराध कारित करने वाले के समान ही उसको छुपाने वाला भी दोषी होता है। अतः पुलिस अधीक्षक के विरुद्ध कार्यवाही हो।

पूर्व मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि भिलाई का मामला गंभीर है। एसपी की भूमिका की जांच होनी चाहिये तथा दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिये। रायपुर कैपिटल ऑफ क्राइम बन गया है। राजधानी में सड़क पर भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब हत्या, लूट, चाकूबाजी की घटना नहीं होती । कल ही एक युवक को बदमाशों ने मरणासन्न होते तक पीटा, वहीं एक अन्य युवक की हत्या कर दी गई। प्रदेश का ऐसा कोई शहर नहीं है जहां रोज खूनी वारदात नहीं होती हो। पुलिस अपना मूल काम अपराधों पर अंकुश लगाने के बजाय सरकार की चाटुकारिता में लगी है। भाजपा राज में पुलिस अपना मूल कार्य अपराधों पर नियंत्रण करना छोड़ राजनैतिक षड़यंत्र करने में व्यस्त है। सत्तारूढ़ दल के संरक्षण में अपराधी बेलगाम हो गये हैं। राजधानी सहित पूरे प्रदेश में हत्या और चाकूबाजी, लूट, डकैती की घटनाएं रूक नहीं रही हैं। लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं के बावजूद सरकार की नींद नहीं टूट रही है।

पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ नेता सत्यनारायण शर्मा, पूर्व मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, विकास उपाध्याय, कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, पूर्व सांसद छाया वर्मा, पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा, पूर्व महापौर प्रमोद दुबे, भिलाई महापौर नीरज पाल, चरोदा महापौर निर्मल कोसरे,महेन्द्र छाबड़ा, दीपक मिश्रा, वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता, जिलाध्यक्ष उधो वर्मा, मुकेश चंद्राकर, वंदना राजपूत, युवा कांग्रेस अध्यक्ष आकाश शर्मा, सत्यप्रकाश सिंह एवं ऋषभ चंद्राकर उपस्थित थे।

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