विक्रम मंडावी का विधानसभा में सवाल- जब राज्य से राशि ही उपलब्ध नहीं तो 175 पालना घर कैसे संचालित हो रहे…

मिसाल न्यूज़

रायपुर। विधानसभा में आज कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी ने सवाल उठाया कि जब राज्य सरकार से राशि ही उपलब्ध नहीं हो रही तो प्रदेश में 175 पालना घर कैसे संचालित हो रहे हैं?

प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी का सवाल था कि प्रदेश में पालना योजना कब से प्रारंभ की गई? योजनान्तर्गत क्या-क्या कार्य किए जाने थे? वर्ष 2024-25 में केन्द्रांश एवं राज्यांश कितना प्रावधानित/स्वीकृत किया गया? 15 फरवरी 2025 तक कितना व्यय हुआ? क्या वर्ष 2024-25 में पालना घर संचालित किया जाना था? यदि हां, तो कहां-कहां, कितना कितना किया गया?

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने बताया कि प्रदेश में पालना योजना वित्तीय वर्ष 2024-25 से प्रारंभ की गई। योजना अंतर्गत योजना प्रावधान के अनुसार कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए पालना (आंगनबाड़ी सह-पालना) का संचालन किया जाना है। वर्ष 2024-25 में केन्द्रांश 60 प्रतिशत के मान से 4 करोड़ 82 लाख 51 हजार 250 रूपये का मदर सेन्शन प्राप्त है। 40 प्रतिशत राज्य का अंशदान उपलब्ध है। 15 फरवरी 2025 तक कोई राशि व्यय नहीं की गई है। उपलब्ध केन्द्रांश 4 करोड़ 82 लाख 51 हजार 250 रूपये तथा 40 प्रतिशत राज्य का अंशदान शेष है। प्रदेश में इस समय 175 पालना घर संचालित हो रहे हैं।

विक्रम मंडावी ने पूछा कि 40 प्रतिशत राज्यांश का जो प्रावधान है उसे क्यों पूरा नहीं किया गया? श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि वित्त विभाग से उस समय परमिशन नहीं मिला था। अब परमिशन मिल गया है। पैसा रिलीज कर दिया गया। कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने पूछा कि जब राज्यांश ही शून्य है तो 175 पालना घर जो संचालित हो रहे हैं उनका व्यय किस मद से हो रहा है? 15 फरवरी 2025 तक कोई राशि व्यय नहीं हुई, फिर यह कैसे साल भर से संचालित हो रहा है। श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि तकनीकी दिक्कतें थीं, जिनका समाधान निकल आया है। विक्रम मंडावी ने कहा कि सही जवाब नहीं आ रहा है> विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि केन्द्र से प्राप्त राशि से काम चल रहा होगा। उमेश पटेल ने कहा कि यह तो संशय वाली बात है केन्द्र की राशि खर्च की जाती है और राज्य की ओर से राशि उपलब्ध नहीं है।

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