मिसाल न्यूज़
बॉलीवुड एक्ट्रेस मन्नत सिंग छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘कबड्डी’ में एक अहम् किरदार में नज़र आएंगी। ‘कबड्डी’ का प्रदर्शन 28 जुलाई को छत्तीसगढ़ के सिनेमाघरों में होने जा रहा है। मन्नत कहती हैं- “कबड्डी में मेरा किरदार गांव की महिला सरपंच का है, जो मौका पड़ने पर गांव के अत्याचारियों के खिलाफ़ लड़ाई लड़ने उठ खड़ी होती है। ऐसा किरदार बड़े नसीब से मिलता है।“
मन्नत सिंग ने ‘मिसाल न्यूज़’ से कहा कि “मैं मूलतः अमृतसर की रहने वाली हूं। पिछले क़रीब 15 सालों से मुम्बई में हूं। मैं और मेरे हसबैंड दक्षजीत सिंग दोनों लंबे समय से अभिनय की दुनिया से जुड़े हैं। स्कूल के दिनों में मैंने थियेटर करना शुरु कर दिया था। अभिनय का शौक जब मुझे मुम्बई ले गया मैं लकी रही। बॉलीवुड की मूवी ‘बूड्ढा मर गया’ एवं ‘जर्सी’ करने को मिली। काफ़ी सीरियल भी किए। फिलहाल मुझे ‘कबड्डी’ के सिल्वर स्क्रीन पर आने का बेसब्री से इंतज़ार है। आपको ‘कबड्डी’ कैसे मिली, इस सवाल पर मन्नत कहती हैं- “दो घटनाएं आपस में जुड़ी हैं। पिछले साल मैं पंजाब गई थी। वहां एक गांव की महिला सरपंच से मुलाक़ात हुई। बातचीत करने पर मालूम हुआ वह सरपंच ज़रूर है लेकिन सारे काम उसका आदमी करता है। मैंने उससे कहा था कि जब जनता के हित में काम करने का अवसर मिला है तो तुम्हें भी आगे बढ़कर कुछ करना चाहिए। संयोग देखिए इसके कुछ ही समय बाद जब ‘कबड्डी’ ऑफर हुई उसमें मुझे सरपंच माया देवी का रोल करना था। ‘कबड्डी’ की सरपंच पति पर निर्भर नहीं रहती। वह सारे बड़े फैसले खुद लेती है। यहां तक कि जब उसे महसूस होता है कि शराब की लत के कारण गांव तबाह हो रहा है, वह शराब बंदी लागू कर देती है। ऐसी स्थिति में गांव का बाहूबलि भैरव सिंह चुनौती बनकर खड़ा हो जाता है, जिसका डटकर मुकाबला मेरे साथ गांव की औरतें करती हैं। भैरव कहता है कि यदि औरतें मेरे लड़कों को कबड्डी में हरा देंगी तो लोगों की हड़पी हुई ज़मीनों को वह लौटा देगा। 12 औरतें लड़कों के साथ कबड्डी खेलने खुद को तैयार करती हैं। फिर वह दिन भी आता है जब कबड्डी का ऐतिहासिक मुकाबला होता है। कबड्डी में जीत किसकी होती है यह जानने सबसे गुजारिश है कि कीमती समय निकालकर ‘कबड्डी’ ज़रूर देखें।
मन्नत ‘कबड्डी’ के बाद एक अन्य फ़िल्म ‘सुखी’ में दिखाई देंगी, जिसमें शिल्पा शेट्टी अहम् किरदार में हैं।