‘कबड्डी’ के कुछ दृश्य रोंगटे खड़े कर देंगे- अक्षिता गुप्ता

मिसाल न्यूज़

28 जुलाई को सिनेमाघरों में छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘कबड्डी’ रिलीज़ होने जा रही है। ‘कबड्डी’ का वह पोस्टर सोशल मीडिया में काफ़ी घूम रहा है जिसमें एक नारी ट्रक का टायर उठाए विद्रोह की मुद्रा में दिखाई दे रही है। इस किरदार को अक्षिता गुप्ता ने निभाया है। अक्षिता कहती हैं ‘कबड्डी’ गांव की ऐसी महिलाओं की कहानी है जो अत्याचारियों के खिलाफ़ आवाज़ बुलंद करती हैं और लड़ाई में जीत हासिल करने पुरुषों से कबड्डी का मुक़ाबला करने तक से पीछे नहीं हटतीं। इसके कुछ दृश्य ऐसे बने पड़े हैं कि दर्शकों के रोंगटे खड़े हो जाएंगे।

‘मिसाल न्यूज़’ से हुई बातचीत में अक्षिता बताती हैं- “मैं दिल्ली से हूं। 2015 में जब कॉलेज में थी थियेटर करना शुरु कर दिया था। समर्थ थियेटर ग्रुप से जुड़े रहकर मैंने काफ़ी ड्रामे किए। उनमें से दो ड्रामे ‘द ओपन कपल’ एवं ‘द जॉब’ काफ़ी चर्चा में रहे। ये दोनों ही ड्रामे अंग्रेजी में थे। जब छत्तीसगढ़ आई तो नक्सली समस्या की बात सुनने को मिली। इससे मुझे याद आया कि मैंने एक ड्रामा किया था- ‘एक मुद्दा ये भी’, जिसकी पृष्ठभूमि नक्सलवाद थी। ड्रामा करते वक़्त महसूस किया करती थी कि नारी चरित्र पर फ़ोकस करते हुए कम ड्रामे लिखे गए हैं। इसे संयोग ही कहा जा सकता है कि पहली फ़िल्म ‘कबड्डी’ का जो ऑफर आया वह नारी प्रधान है।

‘कबड़्डी’ की थीम क्या है, पूछने पर अक्षिता बताती हैं- “नारक गांव की कहानी है जो भैरव सिंह जैसे आततायी के कारण नरक गांव बन जाता है। गांव के अधिकांश पुरुषों को नशे की लत लगी हुई है। उनकी कमजोरी का फायदा उठाकर भैरव सिंह गांव की ज़मीनों को औने-पौने में खरीदते चला जाता है। जब उसके पाप का घड़ा भर जाता है गांव की औरतें उसके खिलाफ़ विद्रोह कर देती हैं। महिलाएं भैरव सिंह के कुचक्र को कुचलने के लिए पुरुषों के साथ कबड्डी खेलने से भी पीछे नहीं रहतीं। कबड्डी के मुकाबले से पहले महिलाएं जमकर तैयारी करती हैं। गांव में जिम या अखाड़ा तो होता नहीं है अतः ईंट, पत्थर एवं ट्रक का टायर यही उनके एक्सरसाइज में काम आते हैं। जो 12 महिलाएं कबड्डी खेलती हैं उनमें से एक किरदार मेरा है जो गूंगी है। ऐसा चरित्र जिसमें बोलने के लिए कुछ न हो वहां चेहरे की भाव भंगिमाएं अहम् हो जाती हैं। वाकई मेरे लिए यह रोल काफ़ी चैलेंजिंग था। ‘कबड्डी’ का सीन शूट करने में 20 से 25 दिन लग गए थे। फ़िल्म में कुछ सीन ऐसे हैं जिन्हें देखकर दर्शकों के रोंगटे खड़े हो जाएंगे।

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