नागडबरा में 3 बैगा आदिवासियों की संदिग्ध मौत पर जमकर हंगामा… विधानसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित… गर्भ गृह में आकर कांग्रेस विधायकगण स्वमेव निलंबित…

मिसाल न्यूज़

रायपुर। कवर्धा जिले अंतर्गत पंडरिया विधानसभा क्षेत्र के ग्राम नागडबरा में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाने वाली बैगा जनजाति के एक ही परिवार के 3 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला आज विधानसभा में गूंजा। कांग्रेस विधायक श्रीमती हर्षिता स्वामी बघेल के यह कहने पर कि आरोपियों को पंडरिया विधायक का संरक्षण है, इस पर गहरी आपत्ति करते हुए सत्ता पक्ष ने हंगामा मचाया। इस घटना पर विपक्षी कांग्रेस विधायक दल ने स्थगन प्रस्ताव लाया था जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने अग्राह्य कर दिया। स्थगन पर चर्चा की मांग पर अड़े रहते हुए कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए गर्भ गृह में आकर स्वमेव निलंबित हो गए। निलंबन के बाद कांग्रेस विधायकगण विधानसभा परिसर में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास कुछ देर धरने पर बैठे रहे और इसके बाद आज की सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया।

शून्यकाल में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि विगत 14 जनवरी को कवर्धा जिले के अंतर्गत नागडबरा ग्राम में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र बैगा जनजाति के एक ही परिवार के 3 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने बताया कि घटना के बाद पुलिस प्रशासन व्दारा साक्ष्यों को छुपाकर हत्या को आगजनी से मृत्यु के रूप में बदलने का प्रयास किया जा रहा है। भूपेश बघेल के बाद कांग्रेस विधायकगण विक्रम मंडावी, देवेन्द्र यादव, श्रीमती अनिला भेड़िया, श्रीमती सावित्री मनोज मंडावी, लालजीत सिंह राठिया, इंद्रशाह मंडावी एवं श्रीमती हर्षिता स्वामी बघेल ने भी इस विषय पर अपनी बात रखी। हर्षिता स्वामी बघेल व्दारा यह कहे जाने पर कि “मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये देकर इस मामले को दबान का प्रयास किया गया। आरोपियों को पंडरिया की विधायक का संरक्षण है” के विरोध में भाजपा विधायकों ने हंगामा मचाना शुरु कर दिया और कांग्रेस विधायकों के खिलाफ नारेबाजी शुरु कर दी। जवाब में कांग्रेस विधायकों ने भी नारेबाजी शुरु कर दी। हंगामा होते देख विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

सदन का कार्यवाही दोबारा शुरु होने पर सत्ता पक्ष के विधायक अजय चंद्राकर ने गहरी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि बिना किसी प्रमाण के सदन में एक सदस्य व्दारा दूसरे सदस्य पर ऐसा गंभीर आरोप नहीं लगाया जा सकता। चंद्राकर के यह कहने पर कांग्रेस विधायकों ने विरोध में नारेबाजी शुरु कर दी। जवाब में भाजपा विधायकगण भी नारे लगाने लगे। अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि नव निर्वाचित सदस्य ध्यान रखें कि एक-दूसरे पर इस तरह व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाएं। श्रीमती हर्षिता स्वामी बघेल के जिस कथन पर आपत्ति है उसे विलोपित किया जाता है। श्रीमती बघेल खेद व्यक्त करें यह मैं उनके विवेक पर छोड़ता हूं। अध्यक्ष ने यह भी कहा कि अजय चंद्राकर ने विशेषाधिकार भंग की सूचना दी है इस पर व्यवस्था बाद में दूंगा। संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इस तरह के आरोप लगाने से बचना चाहिए। श्रीमती बघेल को खेद व्यक्त कर देना चाहिए। हम भी नहीं चाहते कि विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही हो। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि श्रीमती बघेल के कथन को विलोपित करवा दिया गया है। अब सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। अजय चंद्राकर ने कहा कि विधायक कथन वापस लेने की बात तो कह सकती हैं। हर्षिता बघेल ने कहा कि मेरा यही कहना था कि बैगा जनजाति के 3 लोगों की जो मौत हुई उनके परिवार को 4-4 लाख का चेक किस आधार पर दिया गया। मैं कथन वापस लेती हूं।

विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी कांग्रेस विधायक दल की ओर से बैगा जनजाति परिवार के 3 लोगों की संदिग्ध मौत पर दिए गए स्थगन को पढ़ा। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की ओर से शासन का वक्तव्य आया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि शासन का वक्तव्य आ जाने के बाद मैं स्थगन को प्रस्तुत करने की अनुमति नहीं देता। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जब 3 बैगा आदिवासियों की हत्या कर दिए जाने का संदेह है तो उनके परिजनों को प्राकृतिक आपदा के तहत मुआवजा कैसे दिया गया? परंपरा के विपरीत जाकर तीनों शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण है। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों से जुड़ा मामला है। उप मुख्यमंत्री के जिले में यह घटना हुई है। स्थगन को ग्राह्य़ कर उस पर चर्चा कराई जाए। संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि अध्यक्ष की व्यवस्था आ जाने के बाद इस पर चर्चा व भाषण नहीं होना चाहिए। भूपेश बघेल ने कहा कि ये तो लीपापोती की कोशिश हो रही है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस विषय पर आगे किसी न किसी रूप में चर्चा का अवसर मिलेगा। अध्यक्ष की इस बात पर असहमति जताते हुए कांग्रेस विधायकगण नारेबाजी करते हुए गर्भ गृह में आ गए। अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस विधाकगण गर्भ गृह में आकर स्वमेव निलंबित हो गए हैं। वे सदन से बाहर चले जाएं। कांग्रेस विधायकगण बाहर जाने की बजाय गर्भ गृह में पर्चे लहराते हुए नारेबाजी करते रहे। व्यवधान होते देख अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही दोबारा 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। जब तक कार्यवाही स्थगित रही, कांग्रेस विधायकगण गर्भ गृह में बैठकर भजन गाते रहे।

सदन की कार्यवाही फिर से शुरु होने पर आसंदी से विधानसभा उपाध्यक्ष धर्मजीत सिंह ने कहा कि निलंबित सदस्य सदन से बाहर चले जाएं ताकि सदन का संचालन सूचारूपूर्ण ढंग से हो सके। निलंबित कांग्रेस विधायकगण नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए और विधानसभा परिसर में स्थित गांधी प्रतिमा के पास जाकर धरने पर बैठ गए और आज की विधानसभा की शेष कार्यवाही का बहिष्कार किया।

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