अनिरुद्ध दुबे/मिसाल न्यूज़
छत्तीसगढ़ी सिनेमा को एक और नया हीरो मिला है दीपक साहू। 24 मई को रिलीज़ होने जा रही फ़िल्म ‘मोर छंइहा भुंईया- 2’ में दीपक कार्तिक के किरदार में नज़र आएंगे। उछलकूद मचाने वाला मस्ती भरा किरदार। साथ में रोमांटिक भी। दीपक कहते हैं- “छंइहा भुंईया- 2 में सतीश सर के डायरेक्शन में काम करना कभी नहीं भूला सकने वाला अनुभव दे गया। वह अपने आप में पूरी फ़िल्म यूनिवर्सिटी हैं।“
‘मिसाल न्यूज़’ ने दीपक साहू से लंबी बातचीत की, जिसके मुख्य अंश यहां प्रस्तुत हैं-
0 ‘मोर छंइहा भुंईयां- 2’ के गाने एवं ट्रेलर सामने आने के बाद दीपक साहू की चर्चा कुछ ज़्यादा जोरों पर है। फ़िल्म से पहले का सफर कैसा रहा…
00 मुझ पर फ़िल्माया गया गया छत्तीसगढ़ी गाना यू ट्यूब पर आया था ‘मोहनी।‘ जिस पर अब तक 18 करोड़ व्यूस आ चुके हैं। डायरेक्टर सतीश जैन जी ने मुझे इस गाने में देखा था। इस गाने से ही ‘मोर छंइहा भुंईया- 2’ की राह बनी।
0 क्या ‘मोर छंइहा भुंईया- 1’ देखी है। 1 और 2 में क्या अंतर है…
00 ‘मोर छंइहा भुंईया-1’ को यू ट्यूब पर कितनी ही बार देखा है। ‘छंइहा भुंईया-1’ एवं ‘छंइहा भुंईया-2’ की बात की जाए तो दोनों फ़िल्मों में भाइयों के पिक्चाराइजेशन में भारी अंतर है। 1 में शिक्षा एवं कॉलेज़ का जो माहौल दिखाया गया था, वह 2 में भी है, लेकिन 2 में कुछ और नये टॉपिक जुड़े हैं। 1 के दो गाने 2 में भी हैं लेकिन 6 गाने बिलकुल नये हैं।
0 पहले वाली ‘छंइहा भुंईया’ में कार्तिक का किरदार अनुज शर्मा ने निभाया था। दूसरे में यही रोल आपने किया, क्या किसी तरह का दबाव रहा…
00 कार्तिक बड़ा आइकॉनिक किरदार है। मुझे लगता है छत्तीसगढ़ी सिनेमा में अभी तक की स्थिति में इससे बड़ा करैक्टर नहीं हुआ है। ‘छंइहा भुंईया- 1’ में अनुज भैया ने यह रोल शानदार किया था। मैंने भी यह रोल पूरी ज़िम्मेदारी के साथ करने की कोशिश की है। सतीश सर ने इस पात्र को बड़ी बारीकी से समझाया। उम्मीद है ‘छंइहा भुंईया- 2’ में भी कार्तिक को दर्शकों का ख़ूब प्यार मिलेगा।
0 इस फ़िल्म में आपके अपोज़िट एल्सा घोष हैं, कैसी ट्यूनिंग रही…
00 बहुत अच्छी ट्यूनिंग रही। आज की की तारीख़ में वे छत्तीसगढ़ी सिनेमा की स्टार कलाकार हैं। जब पता चला कि उनके साथ मुझे कॉस्ट किया जा रहा है बेहद खुशी हुई। वो इससे पहले सतीश सर की ही फ़िल्म ‘ले सुरू होगे मया के कहानी’ कर चुकी हैं जो ब्लॉक ब्लस्टर रही। मेरी और एल्सा की बहुत अच्छी केमेस्ट्री रही।
0 फ़िल्म के मस्ती भरे गाने आपके हिस्से में आए हैं। इन गानों को लेकर कैसा एक्सपीरियेन्स रहा…
00 बहुत अच्छा रहा। मैं खुद कोरियोग्राफर हूं। ‘छंइहा भुंईया- 2’ के एक गाने “तोला सीधा भांवर पराना हे…” कि कोरियोग्राफी मैंने खुद की है। ये गाना कव्वाली टच में है। दूसरा गाना “टूरी आइस्क्रीम खाके फरार होगे जी…” करने में भी बड़ा मज़ा आया। यह गाना करते समय पुराने दिन याद आ गए। राज़ की बात बताऊं ‘छंइहा भुंईया- 2’ का एक गाना यू ट्यूब पर नहीं लाया गया है। ये गाना भी मस्ती भरा है। इसके बोल नहीं बताउंगा। इसका आनंद सीधे थियेटर में लीजिएगा।
0 डायरेक्टर सतीश जैन की गिनती टॉप डायरेक्टर के रूप में होती है, उनके साथ कैसा अनुभव रहा…
00 एक ऐसा अनुभव जो हर आर्टिस्ट को लेना चाहिए। मैं दस-बारह साल मुम्बई में रहा। इतने साल की जर्नी एक तरफ, सतीश सर का साथ एक तरफ। ‘छंइहा भुंईया- 2’ की मेंकिंग के समय उनका जो सानिध्य मिला वह उस 10-12 साल के बराबर है। शूट के समय वह ऐसा वातावरण तैयार करते हैं कि आर्टिस्ट अपने किरदार में पूरी तरह रच बस जाता है। कार्तिक का किरदार मैंने जो किया वह चुलबुल, नटखट, शैतान एवं शार्ट टेम्पर्ड है। इस किरदार के साथ यदि मैं न्याय कर पाता हूं तो इसके पीछे पूरा श्रेय सतीश सर को जाता है। वो अपने आप में फ़िल्म यूनिवर्सिटी हैं।
0 आपने बताया मुम्बई रहे, वहां किधर अपना हूनर दिखा रहे थे…
00 मुम्बई में मैं कोरियोग्राफी करते रहा था। मैंने ‘डॉस दीवाने’, ‘सुपर डॉसर’, ‘झलक दिखला जा’, ‘नच बलिए’, ‘डॉस इंडिया डॉस’ जैसे शो के लिए कोरियोग्राफी की है। मैं तो मुम्बई में रमा हुआ था। यहां पहली ही बार में ‘छंइहा भुंईया-2’ जैसा बड़ा प्रोजेक्ट करने मिलेगा सोचा भी नहीं था। ‘छंइहा भुंईया- 2’ की पूरी टीम ने मेहनत करने में कोई कसर बाक़ी नहीं रखी है। पूरी उम्मीद है मेहनत रंग लाएगी।
0 दर्शकों के लिए कोई मैसेज देना चाहेंगे…
00 आप सब इस कार्तिक को भी यानी मुझे प्यार दें। कहीं कोई ग़लती नज़र आए तो माफ़ कर दें।