मिसाल न्यूज़
रायपुर। पूर्व मंत्री एवं विधायक राजेश मूणत ने कहा कि स्काई वॉक राजधानी रायपुर का ड्रीम प्रोजेक्ट है। यह कोई भाजपा-कांग्रेस का मुद्दा नहीं है, रायपुर वासियों की ज़रूरत है। स्काई-वॉक के निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से 37 करोड़ रुपए का आवंटन हुआ है।
एकात्म परिसर में आज राजेश मूणत ने पत्रकार वार्ता में कहा कि शास्त्री चौक से जयस्तंभ चौक और शास्त्री चौक से जेल तिराहे तक जो लोग पैदल चलते हैं उसके कारण ट्रैफिक डिस्टर्ब होता है। तेज रफ्तार वाहनों के कारण दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। जयस्तंभ चौक के पास मल्टीलेवल पार्किंग है। पार्किंग पर गाड़ी खड़ी कर कोई भी आसानी से अंबेडकर अस्पताल, डीकेएस, कलेक्टोरेट या तहसील कार्यालय पहुंच सके इस आधार पर स्काई वॉक योजना लाई गई थी। 2016-17 में स्काई वॉक के लिए बजट में प्रावधान किया गया। उस पर प्रशासकीय स्वीकृति जारी हुई। उसी वर्ष प्रशासनिक एजेंसी ने सर्वे करने के लिए एजेंसी का टेंडर आमंत्रित किया, जिसमें दो एजेंसी ने भागीदारी की। स्काई वॉक की उपयोगिता और आवश्यकता पर डिटेल सर्वे आया। सर्वे आने के बाद इसके तीन प्रेजेंटेशन इस रायपुर शहर के अंदर हुए। उस समय की महापौर श्रीमती किरणमयी नायक, विधायक सत्यनारायण शर्मा, प्रमोद दुबे, निगम कमिश्नर, कलेक्टर, यातायात विभाग के अधिकारी, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी सब लोगों ने संयुक्त रूप से इस प्रेजेंटेशन को देखा था। इन सभी लोगों ने अपने सुझाव भी दिए थे। उन सुझावों का समावेश करने के उपरांत फाइनल प्राक्कलन (इस्टीमेट) बनाकर राज्य सरकार को टेंडर की प्रक्रिया और प्रशासकीय स्वीकृति के लिए आवेदन दिया गया था। पीडब्ल्यूडी से प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के उपरांत टेंडर हुआ था। 2017 में काम चालू हुआ। जिस दिन स्काई वॉक का भूमि पूजन हुआ, रायपुर के समाचार पत्रों में विज्ञापन के साथ-साथ पूरी डिटेल जनता के बीच रखी गई थी। तब विधानसभा में कभी भी कांग्रेस पार्टी के किसी नेता ने कोई सवाल नहीं उठाया था। कभी कोई बात नहीं की थी।
मूणत ने कहा कि जब स्काई वॉक का काम शुरू हुआ था तब स्मार्ट सिटी योजना शुरू नहीं हुई थी। भाजपा की हमारी तत्कालीन सरकार ने पहले उन योजनाओं पर भी काम किया ताकि सड़क आवागमन सुविधाजनक हो, ट्रैफिक जाम की स्थिति न हो। 2018 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कह दिया कि स्काई वॉक नहीं बनना चाहिए। हालाँकि इसका कोई आधिकारिक आदेश संबंधित विभाग ने नहीं निकाला था। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने तीन स्तरों पर इसकी जाँच कराई। तमाम जाँच प्रक्रियाओं के बाद यह निष्कर्ष निकला कि राजधानी की आवश्यकता और इस काम में खर्च हो चुकी राशि को देखते हुए इस स्काई व़ॉक को पूर्ण करना चाहिए। तत्कालीन मुख्यमंत्री बघेल व कांग्रेस नेताओं ने इस रिपोर्ट को गंभीरता से नहीं लिया। मूणत ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में कांग्रेस के एक प्रवक्ता की शिकायत पर स्काई वॉक योजना की ईओडब्लू ने जांच की थी। जाँच की रिपोर्ट में इस योजना को क्लीन चिट देते हुए कहा गया कि इस काम में कहीं भी किसी प्रकार का भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। अगर स्काई वॉक में कोई भ्रष्टाचार हुआ तो इससे संबंधित फाइलें तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार के पास थी तो उन्होंने कार्रवाई क्यों नहीं की?
मूणत ने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सत्ता में वापसी के बाद जब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री अरुण साव व वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी के समक्ष इस बारे में डिटेल प्रेजेंटेशन दिया गया, तब इसके निर्माण को पूर्ण करने का निर्णय लेकर शेष 37 करोड़ रुपए के कार्य की पूर्णता के लिए राशि आवंटन किया गया है। यह राशि पूर्व में स्वीकृत बजट की ही राशि है, कोई अतिरिक्त राशि प्रदान नहीं की गई है। कांग्रेस केवल आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति कर रही है। दरअसल कांग्रेस के पास विकास का विजन ही नहीं है। पाँच साल के शासनकाल में कांग्रेस ने राजधानी के विकास के लिए एक भी काम नहीं किया है, केवल भ्रष्टाचार किया। मूणत ने कहा कि छत्तीसगढ़ हमने बनाया, हम ही सवाँरेंगे।
पत्रकार वार्ता में प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल, जिला अध्यक्ष रमेश सिंह ठाकुर एवं सोशल मीडिया सह प्रभारी मितुल कोठारी मौजूद थे।