मिसाल न्यूज़
रायपुर। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि जन घोषणा पत्र को मज़ाक़ बना देने वाली कांग्रेस के ख़िलाफ़ प्रदेश का हर वर्ग आक्रोशित उद्वेलित है। कल के आंदोलन को देखकर यह प्रतीत हो रहा था कि यह किसी पार्टी विशेष से भी ऊपर उठकर प्रदेश की जनता का आंदोलन है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहला मौक़ा था जब आंदोलनकारियों को रोकने के लिए किसी सरकार ने कंटेनरों का प्रयोग किया हो। ऐसी अभेद्य व्यवस्था अगर प्रदेश की तेज़ी से बिगड़ती क़ानून-व्यवस्था को दुरुस्त करने में करते तो प्रदेश की हालात यह नहीं होती। इसके बाद भी भाजपा के लोग उस कंटेंनर को भी भेदकर मुख्यमंत्री के निवास को घेरने में सफल रहे।
अरुण साव ने आज कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि जिन शासकीय कर्मचारियों को भाजपा शासन में नौकरी मिली, ऐसे 5 लाख लोग भी अभी हड़ताल पर हैं। सारा शासकीय-प्रशासकीय कामकाज ठप है। पूरा प्रदेश रुका हुआ है। नई नौकरी देना तो दूर, भाजपा सरकार में स्वीकृत 14,580 शिक्षक भर्ती को भी जान बूझकर रोक रखा गया है। वास्तव में यह आंदोलन छत्तीसगढ़ के इतिहास में उसी तरह अंकित हो जाएगा जैसे बीस वर्ष पहले के पिछले कांग्रेस शासन के ख़िलाफ़ भाजपा ने किया था। निस्संदेह परिणाम भी वैसा ही आने वाला है, इसमें कोई संदेह नहीं। इस आंदोलन की सफलता से घबराकर, बौखलाकर कांग्रेसी अपना आपा खो रहे हैं। लगातार अनाप-शनाप बयानबाज़ी, असभ्य और अशालीन शब्दों का उपयोग कर कांग्रेसी मुद्दों को जान बूझकर डायवर्ट करना चाह रहे हैं। साव ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हमारे क्षेत्रीय संगठन मंत्री, हमारी प्रदेश प्रभारी, हमारे नेता प्रतिपक्ष समेत अन्य के बारे में अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। लोकतंत्र में सत्ता पक्ष से जवाबदेह होने की अपेक्षा की जाती है। उसे प्रतिपक्ष के सवालों का जवाब देना होता है न कि अनाप-शनाप बोल कर मुद्दों को भटकाना होता है। छत्तीसगढ़ में हम विपक्ष में हैं, सवाल हम पूछेंगे और जवाब उन्हें देना होगा। इधर, उल्टे कांग्रेस ही सवाल खड़ी कर रही है। इन्हें जवाब देना ही होगा कि हर घर रोज़गार के इनके वादे का क्या हुआ। 5 लाख नौकरी देने के वादे का क्या हुआ।