मिसाल न्यूज़
रायपुर। विधानसभा में आज जल जीवन मिशन में छत्तीसगढ़ राज्य में पिछड़ने का मामला जमकर उठा। विपक्षी भाजपा विधायकों ने आरोप लगाया कि जल जीवन मिशन की टेंडर प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। पड़ोसी राज्य ओड़िशा एवं तेलंगाना में यह काम समय पर पूरा हो चुका है लेकिन छत्तीसगढ़ काफी पीछे चल रहा है। विपक्षी विधायकगण इस पर लोक स्वास्थ्य मंत्री गुरु रूद्र कुमार की तरफ से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने की बात कहते हुए सदन से वाक आउट कर गए।
प्रश्नकाल में भाजपा विधायक डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी का सवाल था कि बिलासपुर जिले में 15 जुलाई 2022 से 7 दिसंबर 2022 तक की स्थिति में जल जीवन मिशन के तहत कितने टेंडर निकले? कितने टेंडरों के लिए रिटेंडर या संशोधित किया गया? संशोधित टेंडर के लिए कितनी समय सीमा निर्धारित की गई थी? ऑन लाइन व ऑफ लाइन रिटेंडर के लिए क्या समय सीमा निर्धारित थी? अगर विभाग व्दारा नियमों के विरुद्ध रिटेंडर किए गए तो उस पर क्या कार्रवाई हुई? इन टेंडरों के संबंध में जिला प्रशासन को कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं और उन पर क्या कार्रवाई हुई? लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्र कुमार की तरफ से जवाब आया कि बिलासपुर जिले में 15 जुलाई से 7 दिसंबर तक जल जीवन मिशन के तहत कुल 201 टेंडर निकाले गए। इनमें से 80 टेंडर रिटेंडर तथा 15 टेंडरों की समय सीमा में संशोधन किया गया। कोई भी निविदा ऑफ लाइन रिटेंडर नहीं की गई। विभाग व्दारा नियम के विरुद्ध टेंडर नहीं किए गए हैं। इन टेंडरों के संबंध में जिला प्रशासन को 3 शिकायतें प्राप्त हुई थीं। डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि टेंडर के नाम पर बड़ा खेला हुआ है। विधानसभा में जब इस पर प्रश्न लगा तब सरकार ने इसे संज्ञान में लिया। टेंडर निरस्त करना फिर उसे एबव में देना यही तो खेला है। 80 लोगों का रिटेंडर हुआ। 15 लोगों को समय दिया गया। बता सकते हैं कितना समय दिया गया? 6 घंटे की समयावधि के लिए ऑन लाइन टेंडर ओपन किया गया, जिसमें 15 को दिया गया और बाद में उसे निरस्त भी कर दिया गया। निरस्त करने के पीछे आखिर क्या कारण हो सकता है? यह जांच का विषय है। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि जल जीवन मिशन केन्द्र सरकार की बड़ी योजना है। इसके अंतर्गत प्रदेश में 72 लाख नल कनेक्शन लगना है। छत्तीसगढ़ इस काम में काफ़ी पीछे चल रहा है। जनता तक पानी पहुंचाने के बजाय भ्रष्टाचार का खेल हो रहा है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने कहा कि जल जीवन मिशन के टेंडर की प्रक्रिया होती है। इसके लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति बनी हुई है। समिति के सदस्य बैठकर टेंडर पर निर्णय लेते हैं। इस योजना में हमारी सरकार का भी पैसा लगा है। यदि किसी टेंडर में जीरो कॉल आए या सिंगल कॉल आए तो रिटेंडर होता है। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि 300 करोड़ का यह प्रोजेक्ट 400 करोड़ का हो गया। आपके पास इस काम को करने के लिए समय बचा नहीं है। इसमें भ्रष्टाचार हुआ है। जांजगीर क्षेत्र में इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर रिकॉर्ड काफी खराब है। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि 80 रिटेंडर हुआ यह संदेह के दायरे में आता है। क्या इसकी सदन की समिति से जांच कराएंगे? नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि जल जीवन मिशन के काम में 100 करोड़ का घपला है। पड़ोसी राज्य तेलंगाना एवं ओड़िशा में जल जीवन मिशन का लक्ष्य पूरा हो गया लेकिन हमारे यहां नहीं हुआ। छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन के काम में भारत सरकार की गाइड लाइन को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया। इस पर जो भी सवाल उठे हैं मंत्री की तरफ से सही जवाब नहीं आ रहा है। इसके विरोध में विपक्ष सदन से बहिर्गमन का करता है। इसके साथ ही सारे भाजपा विधायक नारेबाजी करते हुए सदन से वाक आउट कर गए।