आरक्षण पर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों का हंगामा…… विधानसभा अध्यक्ष को कहना पड़ा- “राज्यपाल संवैधानिक पद, अमर्यादित बोल न बोलें”……सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित

मिसाल न्यूज़

रायपुर। विधानसभा में आज आरक्षण को लेकर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों तरफ से भारी हंगामा हुआ। भाजपा विधायकों का आरोप था कि आरक्षण विधेयक पर दस्तखत के लिए राज्यपाल पर दबाव बनाने उनके खिलाफ धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं सत्ता पक्ष ने सवाल उठाया कि जब इसी विधानसभा में आरक्षण विधयेक को पारित हुए महीने भर हो गए तो फिर राज्यपाल उस पर दस्तखत करने से पीछे क्यों हट रही हैं? भाजपा विधायक सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते गर्भ गृह में पहुंच गए। बार-बार बाधा उत्पन्न होते देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

आज सदन की कार्यवाही शुरु होते ही वरिष्ठ भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने आरोप लगाया कि राज्यपाल के लिए मुख्यमंत्री धमकी भरे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके विरोध में मोहन मरकाम समेत सत्ता पक्ष के अन्य विधायक खड़े हो गए और शोरगुल मचाने लगे। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने कहा कि इसी विधानसभा में आरक्षण विधेयक को पारित हुए महीना भर हो गया। राज्यपाल आखिर इस विधेयक पर दस्तखत क्यों नहीं कर रही हैं? विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि प्रश्नकाल हो जाने दीजिए, फिर शून्य काल में आरक्षण पर चर्चा कर लीजिएगा। प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद जैसे ही शून्यकाल की बारी आई कांग्रेस सदस्य मोहन मरकाम ने कहा कि आरक्षण विधेयक को पारित हुए आज 32 दिन हो गए। राज्यपाल के हस्ताक्षर होकर अब तक इसे लागू हो जाना चाहिए था। आरक्षण लागू नहीं होने से सरकारी पदों पर नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं। दूसरी तरफ भाजपा विधायक यह कहते हुए शोरगुल मचाने लगे कि आरक्षण लागू करवाने सरकार की नीयत ही नहीं है। सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों तरफ से आरोप एवं प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया। इतना अधिक शोरगुल होने लगा कि अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

सदन की कार्यवाही दोबारा शुरु होने पर अध्यक्ष ने मोहन मरकाम को अपनी बात रखने की अनुमति दी। मरकाम अपनी बात कह ही रहे थे कि विपक्ष की तरफ से फिर शोरगुल होने लगा। इधर, सत्ता पक्ष के विधायक आरक्षण पर राज्यपाल की भूमिका को लेकर सवाल उठाने लगे। अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि राज्यपाल संवैधानिक पद पर हैं। वे विधानसभा का भी अंग हैं। उनके लिए अमर्यादित बोल न बोलें। मोहन मरकाम ने कहा कि हम एससी, एसटी, ओबीसी एवं ईडब्लूएस चारों वर्ग के हक में अपनी बात रखना चाह रहे हैं तो भाजपा के लोग उसे दूसरा ही मोड़ दे रहे हैं। मरकाम की इस बात के विरोध में विपक्ष की ओर से फिर शोरगुल होने लगा। अध्यक्ष डॉ. महंत ने कहा कि पक्ष एवं विपक्ष दोनों से निवेदन है कि विधानसभा की कार्यवाही को चलने हैं। अध्यक्ष की इस समझाइश के बाद भी दोनों तरफ से शोरगुल होते रहा। अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही एक बार फिर 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

सदन की कार्यवाही पुनः शुरु होने पर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल समेत पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, धरमलाल कौशिक, बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्रकार, शिवरतन शर्मा, ननकीराम कंवर, डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी, डमरूधर पूजारी, रजनीश कुमार सिंह एवं रंजना डिपेन्द्र साहू नारेबाजी करते हुए गर्भ गृह में जा घुसे। विधानसभा अध्यक्ष ने इन सभी को निलंबित करते हुए सदन की कार्यवाही मंगलवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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