मिसाल न्यूज़
रायपुर। अनुसूचित क्षेत्रों में चना वितरण व्यवस्था का सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं होने का आरोप लगाते हुए आज विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खाद्य मंत्री दयालदास बघेल को घेरा।
प्रश्नकाल में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सवाल था कि राज्य शासन द्वारा अनुसूचित क्षेत्रों में चना वितरण हेतु व्यवस्था एवं मापदंड निर्धारित किया गया था। वर्तमान में उसका पालन करते हुए हितग्राहियों को चना उपलब्ध कराया जा रहा है या नहीं? क्या चना वितरण बंद किया गया है? यदि हां, तो उसका कारण क्या है? खाद्य मंत्री दयालदास बघेल की ओर से जवाब आया कि राज्य शासन द्वारा निर्धारित मापदंड अनुसार राज्य के सभी अनुसूचित विकासखण्डों तथा माडा क्षेत्र के समस्त अंत्योदय एवं प्राथमिकता परिवारों के राशनकार्ड धारियों को वर्तमान में हर महीने 2 किलो चना 5 रूपये प्रति किलो के मान से प्रदाय किया जा रहा है। भूपेश बघेल ने पूछा कि चने में कितनी मात्रा में कमी या अधिकता पाई गई? खाद्य मंत्री ने कहा कि चना वितरण में थोड़ा विलंब हुआ है। भारत सरकार की गाइड लाइन पर चलना होता है। खुली निविदा होती है, लेकिन चना वितरण जारी है। भूपेश बघेल ने कहा कि जो चना वितरित हो रहा चाहें तो उसकी गुणवत्ता की जांच करा लें। नेता प्रतिपक्ष जी ने यहां चने का पैकेट भी भिजवाया है। खाद्य मंत्री ने कहा कि नेता जी जो पैकेट लेकर आए वह अलग है और हम जो वितरित करवा रहे वह अलग है। पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि चना वितरण में कितनी कमी आई है और कहां कहां वितरित नहीं हो रहा है? मंत्री ने कहा कि विलंब हुआ है लेकिन वितरण सभी जगह हो रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी जानकारी में मोहला मानपुर एवं गरियाबंद जिले में वितरण ही नहीं हो रहा है। कहीं-कहीं पर वितरण में दो से तीन महीने विलंब हो रहा है। जहां विलंब हो रहा वहां इकट्ठे वितरण करेंगे या नहीं? मंत्री ने कहा- तीनों महीने के चने देंगे। बघेल ने कहा कि आप कमी की बात स्वीकार कर रहे हैं। दोषी लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई करेंगे? मंत्री ने कहा कि मार्च महीने का सत्यापन अप्रैल-मई महीने में करवाया गया। 155 टन कम पाए जाने की बात सामने आई तो कार्रवाई भी किए।