मिसाल न्यूज़
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुद्दा विहीन भारतीय जनता पार्टी अपने राजनैतिक वजूद को बचाने रासुका का हवाला देकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस की सरकार पर झूठा आरोप लगा रही है। राज्य में कानून व्यवस्था तथा सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव को बनाये रखने के लिये राज्य सरकार समय समय पर विभिन्न उपाय करती है। रासुका उसी का हिस्सा है।
राजीव भवन में मीडिया से बातचीत करते हुए सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कानूनी शक्तियों का विधि सम्मत प्रयोग किया जाता है। कांग्रेस के शासनकाल में ऐसा कुछ नया संशोधन नहीं कर दिया गया है जिसे लेकर विपक्ष द्वारा मुद्दा बनाया जा रहा है। ऐसे नोटिफिकेशन हर तीन महीनों में जारी किये जाते रहे हैं। राज्य सरकार ने विगत 3 जनवरी को एक अधिसूचना प्रकाशित करवाई है। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कानून को लागू करने के संबंध में कहा गया कोई भी व्यक्ति सांप्रदायिक मेल मिलाप को संकट में डालने के लिये लोक व्यवस्था के बनाये रखने पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है तो उसके खिलाफ रासुका के तहत कार्यवाही की जायेगी। ऐसी ही अधिसूचना रमन सरकार के समय भी प्रकाशित कराई गई थी। यही नहीं डॉ. रमन सिंह की सरकार के तीसरे कार्यकाल में इसे 9 बार 3 अक्टूबर 2015 से दिसंबर 2015, 1 जनवरी 2016 से 31 मार्च 2016, 1 अप्रेल 2016 से 30 जून 2016, 1 जुलाई 2016 से 30 सितंबर 2016, 1 अक्टूबर 2016 से 31 दिसंबर 2016, 1 जनवरी 2017 से 31 मार्च 2017, 1 अप्रेल 2017 से 30 जून 2017, 1 जुलाई 2017 से 30 सितंबर 2017 एवं 1 अक्टूबर 2017 से 31 दिसंबर 2017 को प्रकाशित करवाई गई थी।
शुक्ला ने डॉ. रमन सिंह से सवाल पूछते हुए कहा कि जो अधिसूचना जो कानून आपके समय लागू किया गया वह लोक कल्याणकारी था, कांग्रेस के समय लागू किया गया तो दमनकारी कैसे हो गया। डॉ. रमन सिंह और भाजपा इस प्रकार झूठ बोलकर प्रदेश में विशेषकर आदिवासी समाज में भ्रम फैला रहे हैं। उनके शासनकाल में 98 प्रतिशत चर्च बने और धर्मांतरण हुआ। अब रासुका मामले में झूठ बोल रहे है। धर्मांतरण पर विवाद भाजपा की साजिश है। भाजपा डर रही है कि रासुका लगाने से उसके दंगा भड़काने के एजेंडे पर अवरोध लगेगा। डॉ. रमन सिंह भ्रम फैलाने एवं झूठ बोलने के लिये प्रदेश की जनता से माफी मांगें।
वरिष्ठ प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने कहा कि सत्ता और कमीशन की मलाई जाने के साथ ही लगता है याददास्त ने भी रमन सिंह का साथ छोड़ दिया है। आठ बार खुद ही अधिसूचना जारी करवाये थे अब हमारी अधिसूचना का विरोध कर रहे हैं। सवाल यह है कि भाजपा का हर कार्यकर्ता अपराधी दंगाई नहीं होता, लेकिन हर अपराधी और दंगाई भाजपाई ही क्यों निकलता है? भारतीय जनता पार्टी धर्मांतरण और सांप्रदायिकता पर सिर्फ राजनीति करना चाहती है। वह नहीं चाहती इस समस्या का कोई ठोस निदान हो। सुप्रीम कोर्ट धर्मांतरण पर चिंतित है। वह देश में धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनने की वकालत कर रही है। ऐसे में मोदी सरकार को इस मामले पहल कर शीघ्र कानून बनाना चाहिये। अलग-अलग राज्य धर्मांतरण के मामले में कानून बना रहे हैं। लेकिन जब यह समस्या पूरे देश की है तब एक राष्ट्र एक कानून के सिद्धांत का पालन धर्मांतरण में भी होना चाहिये।
पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा, अजय साहू एवं अजय गंगवानी उपस्थित थे।