चिटफंड पर फिर हंगामा, अकेले सहारा में जनता के फंसे 3 हजार करोड़…… विधानसभा में फिर उठा मामला

मिसाल न्यूज़

रायपुर। विधानसभा में आज चिटफंड कंपनियों का मामला फिर गूंजा। विपक्षी भाजपा विधायकों ने आरोप लगाया कि केवल सहारा कंपनी की ही बात करें तो वहां आम जनता के 3 हजार करोड़ फंसे हुए हैं। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में चिटफंड कंपनियों में फंसे पैसे को वापस दिलाने का जो वादा किया था वह पूरा नहीं हुआ। विपक्ष की ओर से इस मामले में स्थगन भी लाया गया था जिसे सभापति ने अग्राह्य कर दिया। विपक्ष एवं सत्ता पक्ष दोनों तरफ से हंगामा होने के कारण सभापति को सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

शून्यकाल के दौरान भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि प्रदेश में जिन लोगों का चिटफंड कंपनियों में पैसा फंसा है वह वापस नहीं मिल पा रहा है। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री का यहां जो भाषण हुआ उसमें दोनों ने ही कहा था कि चिटफंड कंपनियों में गया पैसा वापस हो रहा है। सच्चाई यह है कि किसी का भी पैसा वापस होते नहीं दिख रहा है। भाजपा सदस्य सौरभ सिंह ने कहा कि कांग्रेस के जन घोषणा पत्र में वादा था कि चिटफंड कंपनियों में आम जनता का जो पैसा फंसा हुआ है उसे वापस दिलाएंगे। सिर्फ सहारा कंपनी में ही आम जनता का 3 हजार करोड़ फंसा हुआ है। सौरभ सिंह ने सवाल उठाए कि धरमपुरा में सहारा की जो जमीन थी उसका क्या हुआ? वह कहां गायब हो गई? जब पैसा वापसे नहीं दिला सकते थे तो वादा क्यों किए? भाजपा विधायक रजनीश कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि अपने लोगों को उपकृत करने के लिए जरूर इधर उधर की कुछ संपत्ति कुर्क की गई। वरिष्ठ भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि मंचों पर जरूर यह बात होती नजर आती है कि इतने लोग गिरफ्तार हुए, इतनी जमीन सरेंडर करवाए, इतनी जमीन बेचे। सच्चाई यह है कि चिटफंड कंपनियों से पैसे वापस दिलाने के लिए जो आवेदन बुलाए गए थे वो वैसे के वैसे ही पड़े हैं। उन्हें देखने वाला कोई नहीं है। जनता कांग्रेस विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि बाहर के लोग छत्तीसगढ़ को चरने का काम करते रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि अकेले सहारा कंपनी में ही 3 हजार करोड़ से ज्यादा फंसा हुआ है। यदि आपने 30-40 करोड़ वापस दिला भी दिए होंगे तो सौ करोड़ से ज्यादा तो यह बताने के लिए विज्ञापनबाजी में खर्च कर दिए कि हमने पैसे वापस दिलवाए हैं। सारे भाजपा विधायकों ने मांग की कि चिटफंड कंपनियों के विषय पर जो स्थगन दिया गया है उस पर चर्चा कराई जाए। सभापति लखेश्वर बघेल ने कहा कि चिटफंड कंपनियों को लेकर इसी सदन में पूर्व में चर्चा हो चुकी है। गृह मंत्री के विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान भी इस पर बातचीत हो चुकी है। इसलिए स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य कर दिया गया है। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं के बीच 200 करोड़ की बंदरबांट हुई है। यह सुनते ही सत्ता पक्ष के विधायक खड़े हो गए और शर्मा के इस आरोप को निराधार बताते हुए शोरगुल मचाने लगे। वहीं विपक्ष की तरफ से भी भारी शोरगुल होने लगा। सभापति को सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

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