विधानसभा में विपक्ष ने उठाया सवाल- कहां गया 600 करोड़ से अधिक का राशन?……खाद्य मंत्री ने कहा- जो भी दोषी पाया गया जाएगा जेल

0 कार्यवाही दो बार स्थगित

मिसाल न्यूज़

रायपुर। विधानसभा में आज विपक्षी भाजपा विधायकों ने आरोप लगाया कि 600 करोड़ से अधिक की खाद्य सामग्री जो राशन दुकानों के माध्यम से सीधे आम जनता तक पहुंचनी थी वह दबा दी गई। चावल, समेत गुड़, चना एवं शक्कर के वितरण में भारी घपला हुआ है। विपक्ष बार-बार विधानसभा की कमेटी से इसकी जांच कराने की मांग करते रहा। इधर, खाद्य मंत्री ने दावे से कहा कि जांच जारी है, जो कि 24 मार्च तक पूरी हो जाएगी। जो भी दोषी पाया जाएगा वह जेल की सलाखों के पीछे होगा। खाद्य वितरण प्रणाली को लेकर जिस तरह लगातार शोर-शराबा होते रहा विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही 2 बार स्थगित करनी पड़ी।

प्रश्नकाल में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का पीडीएस सिस्टम को लेकर प्रश्न लगा था। डॉ. रमन सिंह ने पूछा कि राशन दुकानों में जो अतिशेष स्टॉक बचता है क्या उसके लिए विभाग ने कोई नियम बनाए गए हैं? उन्होंने कहा कि लगभग 68 हजार 930 मीट्रिक टन चावल स्टॉक में होना था। यदि ईमानदारी बरती गई होती तो 4 से 5 माह तक इसका वितरण हो सकता था। इसे गायब कर दिया गया। ग्राम पंचायतों तक में राशन सामग्री का ओवर स्टॉक था। 450 दुकानों में गड़बड़ी की बात सामने आ चुकी है। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि विभाग व्दारा समय-समय पर इसकी निगरानी की जाती है। 2019 से अब तक 161 उचित मूल्य दुकानों का निलंबन तथा 140 दुकानों का निरस्तीकरण किया जा चुका है। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि 600 करोड़ से अधिक का घपला हुआ है। प्रदेश का पीडीएस सिस्टम बिचौलियों के हाथों में चला गया है। विधायकों की कमेटी बनाकर इसकी जांच कराई जाए। मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि जो कमियां आज सामने नजर आ रही हैं वो सब आपके समय की देन है। मंत्री की इस बात पर आपत्ति करते हुए भाजपा विधायकगण शोर मचाने लगे। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि 68 हजार मीट्रिक टन चावल का कोई हिसाब नहीं है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि यह 600 करोड़ का मामला है। गरीबों के अनाज का मामला है। इसके बाद भाजपा विधायकगण सदन की कमेटी से जांच कराने की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। अमरजीत भगत ने कहा कि जांच चल रही है और 24 मार्च तक इसे पूर्ण करने के निर्देश भी दिए जा चुके हैं। जो भी राशन दबाया होगा जेल की सलाखों के पीछे जाएगा। भाजपा विधायकगण पुनः विधानसभा की कमेटी से जांच कराने की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। शोरगुल होते देख विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी।

सदन की कार्यवाही दोबारा शुरु होने पर विपक्ष विधानसभा की कमेटी से जांच कराने की मांग पर अड़े रहा। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मंत्री कह तो रहे हैं कि 24 तारीख तक जांच पूरी हो जाएगी और जो भी दोषी पाया गया उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। विपक्षी विधायकगण इस बात पर सहमत नहीं हुए और फिर नारेबाजी करने लगे। शोरगुल नहीं थमते देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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