कोल ट्रांसपोर्टेशन पर बवाल, डॉ. रमन ने दी खुली बहस की चुनौती, भूपेश ने कहा- केमिकल लोचा…… विपक्ष का सदन से वाक आउट

मिसाल न्यूज़

रायपुर। विधानसभा में आज कोल ट्रांसपोर्टेशन हेतु जारी निविदा में भारी भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कई सवाल खड़े किए। सदन में डॉ. रमन सिंह एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच नोंक-झोंक भी हुई। डॉ. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री को खुली बहस की चुनौती दे दी। मुख्यमंत्री ने पलटकर कहा कि ये सब केमिकल लोचा है। जो कुछ भी हुआ वह आप ही के शासनकाल समय की देन है।

प्रश्नकाल में डॉ. रमन सिंह का सवाल था कि क्या वर्ष 2022 में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल व्दारा गारे पलमा कोल ब्लॉक रायगढ़ के कोल ट्रांसपोर्टेशन हेतु निविदा जारी की गई? वर्तमान में जारी निविदा में किस कंपनी को कार्यादेश दिया गया एवं किस दर पर उपरोक्त कार्य का आबंटन किया गया? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से जवाब आया कि वर्ष 2022 में छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी लिमिटेड द्वारा गारे पेलमा सेक्टर-3 कोयला खदान रायगढ़ के कोल ट्रांसपोर्टेशन  हेतु निविदा जारी की गई। वर्तमान में 3 नवंबर 2022 को जारी निविदा में न्यूनतम निविदाकर्ता मेसर्स बार्बरिक प्रोजेक्ट लिमिटेड को घरघोड़ा रेल वे साइडिंग (40 किलोमीटर दूरी) हेतु 466 रुपये मीट्रिक टन एवं राबर्टसन रेल्वे साइडिंग (80 किलोमीटर दूरी) हेतु 683.50 रुपये प्रति मेट्रिक टन की दर पर माइन डेवलपर एवं आपरेटर (एमडीओ) मेसर्स गारे पेलमा-3 कोलयरीज लिमिटेड के माध्यम से कार्य का आबंटन किया गया है। इस संबंध में एमडीओ व्दारा प्रोवीजनल आशय पत्र जारी किया गया है। डॉ. रमन सिंह ने पूछा कि निविदा में कितने लोगों ने भाग लिया था? भूपेश बघेल ने कहा कि 8 निविदाकर्ताओं ने ऑन लाइन आवेदन किया था। 4 ने निविदा प्रस्तुत की थी। आखरी में टेंडर प्रक्रिया में दो कंपनियों ने भाग लिया। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि 40 किलोमीटर दूरी हेतु 466 रुपये मीट्रिक टन की दर तय करने के पीछे बड़ा घपला है। ट्रांसपोर्टिंग के नाम पर अवैध वसूली हो रही है। सरकार नई प्रक्रिया के तहत यह जो काम कर रही है उसमें 250 टन एक्सट्रा जा रहा है। 200 से 250 रुपये के बीच का गोलमाल है। यह टेंडर निरस्त करते हुए विधानसभा की कमेटी से इसकी जांच कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब केमिकल लोचा है। ये मत भूलिए कि 2012 में इसी विषय पर तत्कालीन भाजपा विधायक देवजी पटेल ने सवाल लगाया था और आप ही की तरफ से जवाब आया था। शर्तें 2017 में आप ही की सरकार के समय में बनी थी। आपने जब मड़वा पॉवर प्लांट लगाया था तब यह सब सोचा जाना चाहिए था। दुनिया का सबसे महंगा प्लांट लगाए और प्रभावितों को नौकरी नहीं दी। यह तो वैसा ही हुआ कि 18 लाख में 8 लाख प्रधानमंत्री आवास आपके समय में बने और अब कह रहे हैं कि 16 लाख आवास नहीं बने। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मैं चुनौती देता हूं इस पर खुली चर्चा कर लें। डॉ. रमन सिंह के अलावा भाजपा विधायक व्दय शिवरतन शर्मा एवं सौरभ सिंह ने भी टेंडर प्रकिया पर सवाल उठाया। एक साथ कई विपक्षी विधायकों को बोलते देख सत्ता पक्ष के विधायक इसका विरोध करते हुए शोर मचाने लगे। जवाब में विपक्ष की तरफ से भी शोर होने लगा। शोर शराबे के बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने विधायक चंदन कश्यप का प्रश्न करने के लिए नाम पुकारा। शोर शराबे के बीच ही चंदन कश्यप ने सवाल किया जिस पर मुख्यमंत्री का जवाब आया। इसके बाद डॉ. महंत ने प्रश्न करने के लिए भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा का नाम पुकारा लेकिन विपक्ष की तरफ से शोरगुल नहीं थमा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सब की दुकानें बंद हो चुकी हैं। जनता इनको नकार चुकी है और फिर नकारेगी। मुख्यमंत्री की ओर से सही जवाब नहीं आने की बात कहते हुए भाजपा विधायकगण सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन से वाक आउट कर गए।

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