मिसाल न्यूज़
रायपुर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दुखती रग पर हाथ रख दिया। यही कारण है कि संसद में केन्द्र सरकार के मंत्रियों ने उनकी आवाज़ दबाने की कोशिश की। जब इसमें सफल नहीं हो पाए तो साजिश रचकर राहुल गांधी की संसद से सदस्यता ही समाप्त करवा दी गई। अडानी के प्रोजेक्ट में एक चीनी नागरिक नागरिक की संलग्नता है, जिस पर राहुल गांधी सवाल उठाते रहे हैं कि ये आदमी कौन है।
राजीव भवन में आज मीडिया से बातचीत करते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि राहुल गांधी के ऊपर यह सारी कार्यवाही के पीछे इसका एकमात्र कारण है कि उन्होंने मोदी के निकट सहयोगी अडानी के घोटालेबाजी को लेकर आवाज उठाई। राहुल गांधी ने सवाल पूछे थे- क्या अडानी की शेल कंपनियों में 20 हजार करोड़ लगे हैं? अडानी इस पैसे को खुद कमा नहीं सकता क्योंकि वो इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस में है तो यह पैसा कहां से आया? किसका काला धन है? ये किसकी शेल कंपनियां हैं? ये कंपनियां डिफेंस फील्ड में काम कर रही हैं, कोई क्यों नहीं जानता? क्या अडानी के काम में एक चीनी नागरिक शामिल है? यह चीनी नागरिक कौन है? मोदी सरकार ने सवालों का जवाब तो नहीं दिया उल्टे राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण से अडानी घोटाले के महत्वपूर्ण अंश और राहुल गांधी के भाषण को संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया। भारत के इतिहास में पहली बार देखने में आया है कि सत्तारूढ़ पार्टी ही संसद को बाधित कर रही थी। यह अडानी को बचाने के लिए एक ध्यान भटकाने की साजिश है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि आगे हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। सदस्यता रद्द करने के तीन दिन के भीतर लोकसभा की गृह समिति ने राहुल गांधी को मकान खाली करने के लिये 30 दिन का नोटिस दे दिया। यह सब बताने के लिये पर्याप्त है कि इस देश में तानाशाह सरकार चल रही है। भाजपा की ओर से ध्यान भटकाने 3 हास्यास्पद आरोप लगाए गए। दावा किया गया कि राहुल गांधी ने विदेशी ताकतों से लंदन में भारत की मदद करने के लिए कहा। ये एक सफेद झूठ है। अगर कोई उनके वक्तव्यों को ध्यान से देखे, तो उन्होंने कहा कि ये भारत का अंदरूनी मामला है, हम स्वयं इसका हल निकालने में सक्षम हैं। दूसरा, भाजपा अब झूठा हौवा खड़ा कर रही है कि राहुल गांधी ने ओबीसी को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया, क्योंकि उन्होंने पीएम मोदी से एक सवाल किया था। ध्यान भटकाने का एक और बोगस हथकंडा है। जो व्यक्ति एकता फैलाने के लिए “भारत जोड़ो यात्रा“ में 4000 किलोमीटर पैदल चल सकता है, वो कैसे एक समुदाय को निशाना बना सकता है? राहुल गांधी ने कभी ऐसा नहीं कहा कि “सारे मोदी चोर हैं“ ! उन्होंने किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाया। दूसरा, न तो नीरव मोदी और न ही ललित मोदी ओबीसी हैं। कांग्रेस पार्टी में 2 ओबीसी मुख्यमंत्री हैं। इससे साबित होता है कि कांग्रेस उनके योगदान को महत्व देती है।आपराधिक मानहानि के लिए अधिकतम दो साल की सजा आज तक किसी को नहीं मिली है। दूसरी ओर, भाजपा नेताओं के खिलाफ मामले अत्यधिक उदारता से निपटाए जाते हैं। उत्तर प्रदेश के बांदा से भाजपा सांसद आर.के. सिंह पटेल को नवंबर में एक ट्रेन रोकने, सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध करने और पुलिस कर्मियों पर पथराव करने के लिए दोषी ठहराया गया था – लेकिन उन्हें केवल 1 साल की जेल हुई।
पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, मंत्री टी.एस. सिंहदेव, मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम, मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा उपस्थित थे।