अलग ही नज़र आएगी ‘जिमी कांदा’ की पूजा- जागृति सिन्हा

मिसाल न्यूज़

7 अप्रैल को रिलीज़ होने जा रही छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘जिमी कांदा’ के पोस्टर पर हीरो अनुपम भार्गव के अपोजिट नज़र आ रही एक्ट्रेस सबका ध्यान खींच रही हैं। इस एक्ट्रेस का नाम है जागृति सिन्हा। ‘जिमी कांदा’ उनकी दूसरी फ़िल्म है और वे छत्तीसगढ़ी में कई अलबम कर चुकी हैं। जागृति कहती हैं- “मैं छत्तीसगढ़ी सिनेमा को उस ऊंचाई पर देखना चाहती हूं, जहां पर आज साउथ का सिनेमा नज़र आ रहा है।“

‘मिसाल न्यूज़’ से बातचीत के दौरान जागृति सिन्हा ने बताया कि “जिमी कांदा में मेरा करैक्टर अनाथ आश्रम में रहने वाली लड़की का है। जो बाहर से शांत नज़र आती है और भीतर से काफ़ी स्ट्रांग है। उसके जीवन में एक युवक की दस्तक होती है। इसके आगे की कहानी पर सस्पेंस रखा जाए तो अच्छा होगा। ‘जिमी कांदा’ फैमिली ड्रामा है, जिसमें कॉमेडी का तड़का है। ये पांच लड़के और 5 लड़कियों की कहानी है। अभी तक छत्तीसगढ़ी सिनेमा में शायद ही ऐसी कोई कहानी आई हो जिसमें 5 हीरो और उनके अपोजिट 5 हीरोइनें पर्दे पर नज़र आएं।“ यह पूछने पर कि जब किसी फ़िल्म में कलाकारों का जमघट हो तो ऐसा नहीं लगता कि अपना करैक्टर कहीं खो सा जाता है या जिस तरह नोटिस में लिया जाना चाहिए दर्शक वैसा किसी एक चेहरे को नहीं ले पाते? जागृति कहती हैं- “जिमी कांदा में मेरा नाम पूजा है। पूजा का करैक्टर अलग से नज़र आएगा। दर्शकों को पूजा के सीन का इंतज़ार रहेगा। हिन्दी में ऐसी कितनी ही मल्टी स्टारर फ़िल्में हैं, जिनके कुछ करैक्टर हमेशा याद रह जाते हैं।“

जागृति सिन्हा के बारे में कहा जाता है कि वह 2023 का नया चेहरा हैं। इस नये चेहरे की ‘जिमी कांदा’ से पहले की क्या कहानी है? पूछने पर वे कहती हैं- “मैंने बीएससी की पढ़ाई की। गणित मेरा सब्जेक्ट था। मोबाइल पर टीक टॉक बनाना, मिमिक्री करना, डॉस करना यह सब मेरी आदत में शुमार था। मोबाइल पर आए मेरे वीडियो को तारीफ़ मिलने लगी। सबसे पहले एक अलबम जिसका टाइटल ‘धीरे धीरे’ था का ऑफर आया। मैं इसे करने सहर्ष तैयार हो गई। अब तक 20 के आसपास अलबम कर चुकी हूं। अलबम चल ही रहा था कि वेब सीरीज़ ‘लव के चकल्लस’ की। ‘मया 3’ मेरी पहली छत्तीसगढ़ी फ़िल्म थी और अब दूसरी ‘जिमी कांदा’ आ रही है। एक बात बताना चाहूंगी, स्कूल-कॉलेज़ के दिनों में मैं बॉलीवुड एक्ट्रेस श्रीदेवी की दीवानी रही। श्रीदेवी में मैंने पाया कि उन्होंने कभी एक टाइप का रोल नहीं किया। उनके साथ मोनोटोनी जैसा कभी नहीं रहा। उनकी ‘चालबाज’ फ़िल्म को देख लें, जिसमें उनका डबल रोल था। एक श्रीदेवी गंभीर नज़र आती है तो दूसरी बेहद चुलबुली। मैं एक ही टाइप के कैरेक्टर में कभी बंधना पसंद नहीं करूंगी।

‘जिमी कांदा’ में आपके अपोजिट अनुपम भार्गव हैं, जो इस फ़िल्म के डायरेक्टर भी हैं, उनके साथ कैसा एक्सपीरियेंस रहा? इस सवाल पर जागृति कहती हैं- “जब वे डायरेक्शन दे रहे होते थे बारीकी से हर चीज को समझाते थे और एक्टिंग कर रहे होते थे तो लगता था कोई दूसरा ही चेहरा सामने आ गया है। उन्होंने सभी आर्टिस्टों को अपनी तरह का काम करने की पूरी छूट दी। किसे क्या पहनना है और किसे कैसी हेयर स्टाइल रखनी है ये सब कुछ आर्टिस्टों पर छोड़ दिया था। हर आर्टिस्ट बेहतर परफार्मेंस दे इसी पर उनका पूरा ध्यान रहा।  यही कारण है कि हर किसी ने इस फ़िल्म में अपनी पूरी ताकत लगा दी। अनुपम जी ने इतने सारे कलाकारों को मैनेज किया और तीन महीने में पूरी फ़िल्म तैयार कर पर्दे पर ला रहे हैं, ऐसा काम शायद ही अब तक कोई कर पाया हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *