मिसाल न्यूज़
रायपुर। छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में ईडी कोयले के अवैध कारोबार के नाम पर छापेमारी कर रही है। ऐसे लोगों के घरों में छापे मारे जा रहे हैं जिनका कोयले के धंधे से कोई लेना देना ही नहीं है। भाजपा के इशारे पर चल रही ईडी की इस छापेमारी मुहिम को ऑपरेशन कमल कहना ठीक होगा। ईडी से ही जुड़े कुछ अधिकारी कह रहे थे कि इस तरह की लगातार कार्रवाई से ईडी का नाम बदनाम हुआ है। ईडी हंसी का पात्र हो गई है।
राजीव भवन में आज प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए गिरीश देवांगन ने कहा कि पिछले कई महीनों से छत्तीसगढ़ में ईडी के छापों का खेल चल रहा है। अब तक जो सुनने में आते रहा है उसके अनुसार ईडी कोयले के किसी मामले की जांच कर रही है। मेरा कभी कोयले के काम से लेना-देना नहीं रहा। मैं सीएमडीसी का चेयरमेन हूं और वहां का भी काम कोयले से जुड़ा हुआ नहीं है। फिर किस उद्देश्य को लेकर ईडी ने मेरे यहां छापा मारा? क्या इसलिए कि भूपेश बघेल के साथ मैंने 15 साल तक कांग्रेस में संघर्ष किया और फिर हमारी सरकार बनी। रायपुर में कांग्रेस का जो महाधिवेशन हुआ उसमें भी मेरी भूमिका थी। अधिवेशन को डिस्टर्ब करने मेरे यहां छापा मारा गया। लगातार छापे के बाद भी ईडी नहीं बता पाई कि कितने कैश मिले और कौन सा अवैध कारोबार सामने आया। राहुल गांधी कह चुके हैं डरो मत। हमें कोई डर नहीं है। कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ हर तरह की जांच का स्वागत करती है और हर जांच में हर संभव मदद भी करेगी। सवाल ये है कि आखिर किस भ्रष्टाचार की जांच हो रही है और जांच का दायरा क्या है? इसकी मंशा क्या है? मेरे अलावा रायपुर महापौर एजाज़ ढेबर, सुशील सन्नी अग्रवाल और अचल भाटिया के यहां भी ईडी का छापा पड़ा। मैं, ढेबर और अग्रवाल तो कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं और पदाधिकारी हैं लेकिन भाटिया तो विशुद्ध रूप से कारोबारी हैं। हम ईडी से और उनके राजनीतिक आकाओं से पूछना चाहते हैं कि हमारे घरों पर छापे किस केस में डाले गए हैं? हमारे घरों की तलाशी क्यों ली गई? हमारे बयान क्यों दर्ज किए गए? हमें लगता है कि ईडी ‘ऑपरेशन कमल’ में लगी हुई है और इसके लिए वह छत्तीसगढ़ में कोयले के कारोबार का आड़ ले रही है। इस प्रदेश में और भी कई लोगों को ईडी प्रताड़ित कर रही है जिसमें अधिकारी हैं, ज़मीनों के छोटे कारोबारी हैं, कुछ ट्रांसपोर्टर हैं और कई बड़े कारोबारी हैं। ईडी जिस तरह से लोगों को प्रताड़ित कर रही है वह ग़ैर क़ानूनी है। जो अधिकारी ऐसा कर रहे हैं उनकी जवाबदेही किसी राजनीतिक दल के प्रति नहीं बल्कि संविधान के प्रति होनी चाहिए।
प्रेस वार्ता में महापौर एजाज ढेबर, भवन सन्निर्माण कर्मकार मंडल अध्यक्ष सुशील सन्नी अग्रवाल एवं व्यवसायी अचल भाटिया ने भी अपनी बात रखी।
पत्रकार वार्ता की शुरुआत में कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस सरकार का सीधा राजनैतिक मुकाबला नहीं कर पा रही तो वह ईडी को आगे कर के अपने मंतव्य पूरा करना चाहती है। जैसे भाजपा में भाजपा युवा मोर्चा, भाजपा महिला मोर्चा, भाजपा किसान मोर्चा हैं वैसे ही अब भाजपा ईडी मोर्चा, भाजपा आईटी मोर्चा, भाजपा सीबीआई मोर्चा बन चुका है।
पत्रकार वार्ता में प्रभारी महामंत्री प्रशासन रवि घोष, प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, अजय साहू एवं मणी वैष्णव उपस्थित थे।