मिसाल न्यूज़
शार्ट मूवी में नज़र आ चुकीं नेहा शुक्ला अब बड़े पर्दे पर भी अपना जलवा बिखेरेंगी। उनकी पहली छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘जिमी कांदा’ 7 अप्रैल को प्रदर्शित होने जा रही है।
‘मिसाल न्यूज़’ से बातचीत के दौरान नेहा ने बताया कि “जिमी कांदा में मेरा किरदार एक एटीट्यूड वाली लड़की का है जो सेकेंड हाफ में पर्दे पर नज़र आता है। मेरे अपोजिट हर्ष साहू हैं। इस फ़िल्म में इमोशन है, जबरदस्त ड्रामा व कॉमेडी है। पूर्व में मैं छत्तीसगढ़ी में ‘कुश्ती एक प्रेम कथा’ एवं ‘इश्क लव अउ मया’ फ़िल्में कर चुकी हूं लेकिन पहली रिलीज़ फ़िल्म ‘जिमी कांदा’ होगी। डायेरक्टर एवं एक्टर अनुपम भार्गव सर ने ‘जिमी कांदा’ फ़िल्म काफ़ी होम वर्क कर लेने के बाद बनाई है। इसमें पांच हीरो एवं पांच हीरोइन हैं। साथ ही बड़ी संख्या में करैक्टर आर्टिस्ट हैं। इतने सारे कलाकारों को एक साथ लेकर अनुपम सर ने जो काम लिया व कम चैलेंजिंग नहीं था। ‘जिमी कांदा’ का म्यूज़िक भी काफ़ी अलग हटकर बना है। मेरा ये मानना है कि काफ़ी समय बाद डिफ्रेंट किस्म की छत्तीसगढ़ी मूवी देखने को मिलेगी।“
बीच में कुछ समय आप मुम्बई में भी रहीं, वहां रहने के पीछे कारण क्या सिनेमा ही था? इस सवाल पर नेहा कहती हैं- “निश्चित रूप से मुम्बई के बड़े पर्दे और छोटे पर्दे दोनों तरफ की दुनिया देखने का मन था। बॉलीवुड की एक हिन्दी मूवी मैंने की है ‘मिस मैरी।‘ ज़ाहिद अहमद व्दारा निर्देशित यह फ़िल्म थ्रिलर है। यह ओटीटी पर आएगी। इसके अलावा धर्मा प्रोडक्शन की फ़िल्म ‘रॉकी और रानी’ में मैंने एक छोटा सा सीन किया है। इस फ़िल्म में रणबीर सिंह एवं आलिया भट्ट जैसे सितारे हैं। यह फ़िल्म इसी साल रिलीज़ होगी। मुम्बई में रहते हुए सीरियल ‘परशुराम’, ‘मोसे छल किए जाए’, ‘जय कन्हैयालाल की’ एवं ‘बड़े अच्छे लगते हैं’ जैसे सीरियल भी किए। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में मैंने ‘बलिदानी गुरु बालक दास’ फ़िल्म की है। यह छत्तीसगढ़ी व हिन्दी दोनों में बनी है। इस फ़िल्म में मैंने बालक दास जी की छोटी रानी राधा माता का रोल किया है।“
सोशल मीडिया पर आपके व्दारा कुछ शार्ट मूवी एवं डाक्यूमेंट्री फ़िल्म भी किए जाने की जानकारी सामने आई थी यह जिक्र करने पर नेहा कहती हैं- “मेरी एक शार्ट मूवी ‘वाइफ-2’ को इंटरनेशनल प़िल्म फेस्टिवल में अवार्ड मिल चुका है। डॉ. अजय सहाय जी व्दारा निर्मित एक और फ़िल्म ‘नोनी’ जिसमें मेरा किरदार था, फेस्टिवल में पुरस्कृत हो चुकी है। बाल्को कैंसर हॉस्पिटल एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के लिए बनी डाक्यूमेंट्री फ़िल्म में काम कर चुकी हूं। दूरदर्शन में एंकर भी हूं।“
आप दांतों की डॉक्टर भी हैं। एक डेन्टिस्ट अभिनय के साथ तालमेल बिठाने वक़्त कैसे निकाल पाती हैं? इस सवाल पर नेहा कहती हैं- “चाहें तो क्या कुछ पॉसिबल नहीं है। एक ही जन्म मिला है, उसमें दोनों ही काम पूरे करने हैं। मैं डेंटल क्लीनिक एवं शूट पर दोनों ही तरफ 100 प्रतिशत देने की कोशिश करती हैं। मुझे पेंटिंग का भी शौक है। उसके लिए भी वक़्त निकाल लेती हूं।“