गोठान के नाम पर 1300 करोड़ के घोटाले का आरोप… भाजपा का 20 मई से ‘चलबो गोठान-खोलबो पोल’ अभियान

मिसाल न्यूज़

रायपुर। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि भाजपा के प्रतिनिधि मंडल एवं कार्यकर्ताओं के साथ आज हमने राजधानी रायपुर से लगे गोढ़ी गांव के  गोठान का अचानक निरीक्षण किया। गोठान में न गाय मिली, न गोबर बेचा जा रहा था। गोठान में गाय के रखरखाव हेतु कोई व्यवस्था नहीं मिली। ऐसा लगा यहां कभी गाय रही ही नहीं। गोठान के नाम पर विभिन्न मदों से खर्च की गयी 1300 करोड़ से अधिक की राशि का दुरुपयोग कर इसमें भारी घोटाला किया गया है। भाजपा इस भ्रष्टाचार के ख़िलाफ जन-जागरण के लिए प्रदेशव्यापी ‘चलबो गोठान-खोलबो पोल’ अभियान शुरू करने जा रही है। 20 मई से इसकी शुरुआत होगी।

राजधानी रायपुर से लगे गोढ़ी गांव के गोठान के पास प्रेस वार्ता लेते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में नरवा, गरवा, घुरवा, बारी के नाम पर वोट हासिल किया। हम अभी एक गोठान देखने आए हैं। जब राजधानी के पास गोढ़ी के गोठान का यह हाल है, तो गांव देहातों के गोठान और उस के नाम पर मची लूट की कल्पना की जा सकती है। 20 तारीख से शुरु होने जा रहे चलबो गोठान खोलबो पोल अभियान में हर मंडल से नेतागण जायेंगे। सभी नेतागण कम से कम 10 गोठानों का दौरा करेंगे। वहां ग्रामीणों से मिलेंगे और उनके यहां के गोठानों में जाकर जमीनी हाल पता करने ‘गोठान का गोठ’ करेंगे। इस निमित्त हमने एक फ़ीडबैक फ़ॉर्म ‘जनता का पंचनामा’ नाम से तैयार किया है। गोठानों से संबंधित 10 सवाल हर जगह पूछे जायेंगे।

अरुण सााव ने आरोप लगाया कि गोठान के नाम पर चल रहे गोरखधंधे  में कांग्रेस सरकार ने सबसे अधिक पंचायतों/सरपंचों के हक पर ही डाका डाला है। विभिन्न मदों में पंचायतों के विकास के लिए आयी राशि को सरपंचों से छीन कर सीधे उसे अनेक बहानों के साथ बंदरबांट कर लिया गया है। सरकारी दावे के अनुसार ही बात करें तो प्रदेश में कथित तौर पर 9790 गोठान कार्यरत हैं। शोभा के लिए बने कुछ कथित ‘आदर्श गोठानों’ को छोड़ दें तो कहीं भी कोई व्यवस्था नहीं है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहते हैं कि प्रत्येक गोठान में लगभग 8 लाख से 19 लाख रुपया खर्च किया है। इसके अलावा 10 हजार रुपया प्रतिमाह रखरखाव के नाम पर अलग से गोठानों के नाम पर भेजा जा रहा है, उसका अधिकांश भाग भ्रष्टाचार की ही भेंट चढ़ रहा है। घोटाले बिना रोक-टोक के जारी रहे इसलिए नियमानुसार गोठान समिति का चुनाव भी नहीं कराया गया। बड़ी संख्या में इसमें सत्ता के क़रीबियों ने बिना चुनाव के ही कब्जा कर लिया है। भारत सरकार ने मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, 14वां वित्त, 15 वां वित्त, एलड्ब्ल्यूजी, रूर्बन, डीएमएफ जैसे मदों में राशि भेजी है। उस पैसों को भी डायवर्ट कर गोठान के नाम पर भारी भ्रष्टाचार किया गया। विकास कार्यों के लिए आए तमाम पैसों को डायवर्ट कर देने के कारण पंचायतों में पैसे ही नहीं बचे। सभी जगह विकास के तमाम कार्य ठप हैं। गांवों में रोड, नालियां आदि बनना बंद हैं। प्रत्येक गोठान में 300 गाय रखने का नियम है। शायद ही किसी में इतनी गायें हों। विधानसभा में सरकार ने बताया था कि गोठान निर्माण पर अभी तक 1019 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। वर्मी कम्पोस्ट के लिए टंकी बनाने के नाम पर 233 करोड़ खर्च किए गए हैं। इसके अलावा फरवरी 23 तक 105 करोड़ और खर्च कर देने की बात सरकार ने कही है। इनमें से अधिकांश पैसे कागजों पर खर्च किये दिखते हैं। 2 रु. प्रति किलो में लोगों से कथित तौर पर गोबर खरीदा गया और वर्मी-कम्पोस्ट के नाम पर कंकड़-पत्थर मिलाकर वही गोबर 10 रु. प्रति किलो में जबरन बेचा गया। प्रदेश में कुल 1976 ऐसे लोग हैं, जिनके नाम पर 1 लाख रुपए से अधिक गोबर के मद में भुगतान हुआ है। ये कौन लोग हैं, यह पड़ताल का विषय है। इसी तरह रोका-छेका के नाम पर प्रोपगंडा किया गया, लेकिन न तो मवेशियों के लिए कोई खाने पीने का इंतज़ाम हुआ न ही उनके लिए कोई शेड आदि बने। हजारों गायों की मौत सड़कों पर दुर्घटना में या भूख से हो गई।

गोठान निरीक्षण व प्रेस वार्ता में भाजपा महामंत्री विजय शर्मा,ओपी चौधरी,विजय शंकर मिश्रा,अमित चिमनानी,अभिनेष कश्यप सहित अन्य नेेता एवं कार्यकर्ता मौजूद थे।

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