कांग्रेस का आरोप- 2 हज़ार करोड़ के शराब घोटाले की बात मनगढ़ंत…… ईडी धमकाकर, देर रात जगाकर मनचाहे बयान पर करवा रही हस्ताक्षर

मिसाल न्यूज़

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने आरोप लगाया कि ईडी द्वारा कथित शराब घोटाले में 2000 करोड़ रू. का भ्रष्टाचार होने की असत्य जानकारी सामने लाकर सरकार को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। ईडी जिन लोगों को आरोपी बना रही है उन्हें थकाकर, धमकाकर, देर रात तक जगाकर मनचाहे बयान पर हस्ताक्षर करवा रही है।

राजीव भवन में आज प्रेस वार्ता में सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इस पूरे मनगढ़ंत आरोपों की पटकथा 3 साल पहले लिखनी शुरू हो गयी थी। आसन्न विधानसभा चुनावों को देखते हुये केंद्र सरकार ने ईडी के माध्यम से यह षड़यंत्र रचा है। पूर्व में आईटी की छापेमारी फेल हो गयी थी। वह साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाई थी। आईटी की उसी कार्यवाही को आधार बनाकर ईडी व्दारा मनगढ़ंत कहानी रची गई। जब ईडी भी साक्ष्य नहीं प्रस्तुत कर पाई तो गन पॉइंट पर डरा धमकाकर लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। सरकार को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। सरकार में बैठे लोगों का नाम लेने दबाव बनाया जा रहा है। धमकाया जा रहा। ईडी द्वारा राज्य में गवाहों के साथ किये जा रहे अत्याचार के बारे में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल द्वारा राज्य सरकार का सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखते हुए बताया गया कि अनवर ढेबर, पप्पू ढिल्लन तथा सारे अधिकारियों (गवाहों) को मुख्यमंत्री का झूठा नाम लेने के लिये प्रताड़ित किया जा रहा है। कपिल सिब्बल द्वारा यह भी बताया गया कि इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों को प्रताड़ित करने का मुख्य उद्देश्य चुनावी वर्ष में राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था को ठप्प करना मात्र है। देश के अन्य किसी भी भाग में ऐसी घटना कभी देखी सुनी नहीं गयी है। सिब्बल के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए बेंच द्वारा ईडी के अधिवक्ता को जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं।

शुक्ला ने कहा कि आईटी के छापों में भी मुख्यमंत्री का नाम लेने का दबाव बनाया गया था। ईडी के छापे में भी लोगों पर मुख्यमंत्री का नाम लेने का दबाव बनाया जा रहा है। 27-28 फरवरी 2020 को दिल्ली की आयकर टीम ने राज्य के शराब कारोबार से संबंधित 28 लोगों के यहां छापेमारी की कार्यवाही की थी। इतनी बड़ी कार्यवाही में बरामद चल-अचल संपत्ति की आयकर विभाग द्वारा जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई और वे छापे पूरी तरह से फेल हो गये थे। उसके पश्चात सभी स्थानों में जब्त मोबाइल फोन से रिकव्हरर्ड व्हाट्सअप चैट्स के आधार पर सभी संबंधितों के बयान आयकर विभाग के अधिकारियों द्वारा नई दिल्ली में दर्ज किये गये। शराब से संबंधित सभी कारोबारियों एवं संबंधित अधिकारियों द्वारा राज्य में शराब के व्यवसाय में भ्रष्टाचार होने अथवा बड़ा घोटाला होने के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया गया था। यह उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग के अधिकारियों द्वारा लिये गये बयान भी शपथ पत्र पर लिये जाते हैं तथा बयान झूठे पाये जाने की दशा में दोषी भारतीय दंड संहिता की धारा 191 एवं 193 के तहत दंड का भागीदारी होता है। 3 वर्ष 2020 में ही दिल्ली के आयकर अधिकारियों द्वारा छत्तीसगढ़ में मारे गये छापों के दौरान जब्त मोबाइल ट्रांसक्रिप्ट्स (जो अप्रैल 2019 से फरवरी 2020 की अवधि के थे) ई.डी. को भी उपलब्ध करा दिये गये थे। ईडी के अधिकारी विगत दो-ढाई वर्षों से आयकर विभाग से प्राप्त रिपोर्ट को दबा कर बैठे रहे। राज्य में विधानसभा चुनाव निकट आने पर आयकर विभाग से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर ईडी द्वारा अचानक 29 मार्च 2023 को पुनः लगभग उन्हीं स्थानों पर छापेमारी की कार्यवाही की गयी, जिन स्थानों पर 3 वर्ष पूर्व आयकर विभाग द्वारा छापे मारने की कार्यवाही की गयी थी। ई.डी. के छापे भी पूरी तरह असफल हो गये क्योंकि इन छापों में चल-अचल संपत्ति की ऐसी बरामदगी नहीं हुई जिसकी जानकारी सार्वजनिक की जा सके। 29 मार्च को ई.डी. द्वारा जितने व्यक्तियों के यहां छापा मारा गया उन सब को 30 मार्च की सुबह अवैधानिक रूप से सी.आर.पी.एफ. जवानों की अभिरक्षा में ई.डी. कार्यालय लाया गया। पूरे शहर में यह माहौल बनाया गया कि सभी लोगों को गिरफ्तार करके ई.डी. ऑफिस लाया गया है। ई.डी कार्यालय में देर रात तक सभी को बैठाये रखने के बाद कुछ व्यक्तियों के साथ क्रूरतापूर्वक मारपीट की कार्यवाही की गयी ताकि अन्य उपस्थित सभी व्यक्तियों को डराया जा सके। थके-हारे, भयभीत, आतंकित व्यक्तियों से ई.डी. अधिकारियों द्वारा तैयार बयानों में हस्ताक्षर करा लिये गये। उन्हें 31 मार्च की सुबह घर जाने दिया गया तथा शाम को पुनः ऑफिस आने के लिये कहा गया। उन्हें यह कहकर भी धमकाया गया कि यदि वे प्रताड़नापूर्वक लिखाये गये बयानों के बारे में किसी को जानकारी देंगे तो उनके एवं उनके परिवारजनों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा और उन्हें कभी जमानत नहीं मिलेगी। इसकी पुष्टि ई.डी. कार्यालय के रजिस्टर एवं सीसी.टी.वी. रिकॉर्डिंग से की जा सकती है। शारीरिक मानसिक रूप से थके हुए व्यक्ति के बयानों की कोई अहमियत नहीं है। शराब व्यवसाय से जुड़े सभी संबंधितों से बलपूर्वक लिखे गये बयानों के आधार पर राज्य में 2000 करोड़ के कथित शराब घोटाले का प्रचार ईडी द्वारा प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से किया गया। सरकार को बदनाम करने के उद्देश्य से यह मीडिया ट्रायल आरंभ किया गया है।

शुक्ला ने कहा कि  वर्ष 2020 में आयकर अधिकारियों द्वारा तथा वर्ष 2023 में ई.डी. अधिकारियों द्वारा मारे गये छापे पूरी तरह असफल होने, अवैध राशि प्राप्त होने के कोई साक्ष्य ना होने की खीझ को छुपाने मात्र के लिये ईडी अधिकारियों द्वारा अनवर ढेबर, नवीन केडिया एवं पप्पू ढिल्लन की लगभग 80 करोड़ की संपत्ति अटैच करने की जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सार्वजनिक की गयी है। यहां यह उल्लेखनीय है कि उक्त तीनों परिवार दशकों से अंचल के संपन्न परिवार है। उनकी कुल संपत्ति अटैच की गयी संपत्तियों से सैकड़ों गुना अधिक है।

प्रेस वार्ता में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी महामंत्री संगठन रवि घोष, महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला, प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी, धनंजय सिंह ठाकुर, शिव सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, शारिक रईस खान, अमित श्रीवास्तव एवं शशि भगत उपस्थित थे।

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