मिसाल न्यूज़
रायपुर। यूनिपोल घोटाले पर आज फिर रायपुर महापौर एजाज ढेबर मीडिया के सामने आकर बोले। उन्होंने कहा कि जांच कमेटी ने जिन सत्रह बिन्दुओं पर अधिकारियों से जवाब मांगा था वह आज मिला। जवाब में बहुत सी खामियां नजर आ रही हैं। जब अपना ही सोना खोटा हो तो सुनार का क्या दोष!
व्हाइट हाउस में आज अपने कक्ष में मीडिया से बातचीत करते हुए महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि जांच कमेटी की ओर से हुए सवाल पर आज अफसरों की ओर से जवाब मिला है उसके बाद हमारा सवाल यही है कि यूनिपोल की साइज किस आधार पर बढ़ाई गई। इसमें चेक बाउंस होने के मामले में भी सामने आए हैं। जीएसटी रिटर्न्स में भी खामियां दिखी हैं। यूनिपोल ठेके के लिए जो नियम शर्तें तय हुई थीं उसमें 11 नंबर के कॉलम स्पष्ट लिखा हुआ था कभी साइज नहीं बढ़ेगी, फिर कैसे साइज बढ़कर 18 बाई 18 हो गई। इस पर जो फाइल चली थी उसमें एक जगह पर लिखा है एजेन्सी की अनुशंसा पर। इसका यह मतलब हुआ सारा कुछ नगर निगम नहीं, एजेन्सी तय कर रही थी! पिछले 4 माह में तथाकथित एजेन्सी को 51 और स्थानों पर यूनिपोल लगाने की परमिशन दे दी गई थी। कोई यह आरोप लगाए कि सब महापौर की जानकारी में हुआ होगा तो बिलकुल गलत है। होर्डिंग्स तीन साल के लिए लगने थे, क्यों उसे बढ़ाकर छह साल कर दिया गया? दूसरी एजेन्सियों को दरकिनार कर क्यों ग्रेसफुल मीडिया को अवसर दिया गया? यूनिपोल घोटाले से नगर निगम को क़रीब 50 करोड़ का नुकसान पहुंचा है। अगर ये पैसा निगम के खाते में आया होता तो रायपुर शहर के विकास के काम में आता। महापौर ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री को बधाई देना चाहूंगा जिन्होंने इस मामले को संज्ञान में लिया और मंत्रालय में भी इसी जांच के लिए 4 लोगों की कमेटी बनी। महापौर ने कहा कि नगर निगम में जो काम हमने सत्ता पक्ष में रहते हुए किया उसे तो भाजपा पार्षद दल को करना था। भाजपा पार्षद दल हमेशा से हाथ पर हाथ धरे बैठे ही नजर आते रहा है।