बाल श्रम मानवता के खिलाफ एक अपराध है – जाब जकारिया

मिसाल न्यूज़

रायपुर। हर वर्ष 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। इस विषय की गंभीरता को रेखांकित करने के उदेश्य से यूनिसेफ और श्रम विभाग छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में एक प्रदेशव्यापी अभियान की शुरुवात की गई है। यह अभियान, राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस 30 अप्रैल से शुरु होकर 12 जून विश्व बाल श्रम दिवस तक एक हफ्ते तक जारी रहेगा।

इस अभियान के संदर्भ में छत्तीसगढ़ यूनिसेफ प्रमुख जाब जकारिया से बातचीत के कुछ अंश इस प्रकार हैं-

0 बाल श्रम की क्या अवधारणा है…
00 कोई भी ऐसा कार्य जो बच्चों को उनके बचपन और शिक्षा से दूर करता है और जो उनके मानसिक और शारीरिक सेहत के विकास में बाधक है, वह बाल श्रम है। उदाहरण के लिए अगर कोई बच्चा अपने पाठशाला के समय के बाद किसी भी अन्य कार्य मे अनवरत लंबे समय तक शामिल है और अपने खेल और फुरसत के समय से वंचित है तो वह बाल श्रम है।

0 क्या घरेलू कार्य जैसे, कमरों की सफाई, बर्तनों की सफाई आदि भी बाल श्रम के अंतर्गत आता है…
00 घर पर घरेलू कार्यों में पालकों की मदद, परंपरागत कौशलों को सीखना, गैर जोखिम भरे पारिवारिक व्यापार में मदद, जिसकी वजह से बच्चों की शिक्षा और खेल में किसी प्रकार रुकावट नहीं होती, ऐसे कार्य बाल श्रम के अंतर्गत नहीं आते हैं।

0 बाल श्रम के क्या परिणाम हो सकते हैं…
00 बाल श्रम बच्चों को उनके मौलिक अधिकार, जैसे शिक्षा, मानसिक एवं शारीरिक विकास, खेल एवं फुरसत के समय से वंचित करता है। साथ ही बाल श्रम बच्चों को उनके परिवार के स्नेह और प्रेम से भी दूर करता है। आम धारणा के विपरीत, बाल श्रम की वजह से बच्चे गरीबी औऱ अशिक्षा मे फंसे रह जाते हैं।बाल श्रम की वजह से उत्पादन में कमी, बालिगों में बेरोजगारी और सकल घरेलू उत्पाद में अस्थिरता आ जाती है। आई.एल.ओ के मुताबिक अगर बाल श्रम के उन्मूलन में एक डालर खर्च किया जाये तो बीस वर्षों में यह आपको सात डालर वापस करता है।

0 क्या आपको लगता है भारत में बाल श्रम में गिरावट आई है। वर्तमान में क्या स्थिति है…
00 वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में पांच से चौदह वर्ष के बीच तकरीबन एक करोड़ बाल श्रमिक हैं।वर्तमान में हमारे पास प्रामाणिक जानकारी नहीं है, क्योंककि 2011 के बाद जनगणना कार्य संपादित नहीं हुआ है। बाल श्रम को जानने का एक सूचकांक वो बच्चे हैं जो शाला त्यागी हैं। एक सरकारी मूल्यांकन के अनुसार पिछले दस-बारह वर्षों मे बाल श्रम में बहुत तेजी से कमी आई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार सिर्फ 9.3 लाख बच्चे ही प्राथमिक स्तर कि शिक्षा में पहली कक्षा से आठवीं तक में बाहर हो जाते हैं। जबकि दूसरी तरफ प्राथमिक शिक्षा में पंजीयन शत प्रतिशत है।

0 क्या बाल श्रम भारत में प्रतिबंधित है…
00 जी हाँ, बाल श्रम (प्रतिषेध और विनियम)अधिनियम 1986 के प्रावधानों के अनुसार तकरीबन 15 विभिन्न जोखिम भरे व्यवसाय और 54 कार्यों में 14 से 18 वर्ष के बच्चों से कार्य लेना प्रतिबंधित है, जैसे कि सर्कस, ढाबा, घरेलू कार्य, मोटर वाहन उद्योग, कालीन, साबुन, कांच के सामान और कीटनाशक उत्पादन आदि।

0 बाल श्रम के मुख्य कारक क्या हैं…
00 बाल श्रम के मुख्य कारक अशिक्षित माता पिता, बेहतर शिक्षा संकायों तक पहुंच न होना औऱ असमय शाला त्याग है। वस्तुतः शिक्षा निशुल्क है, मगर पालकों को बच्चों की कॉपी, पेन्सिल, पेन और परिवहन आदि में पैसे खर्च करने पड़ते हैं। वहीं दूसरी ओर नियोक्ताओं को बाल श्रमिक कम लागत और बिना किसी बीमा और अन्य सुविधाओं के उपलब्ध हो जाते हैं।

0 गरीबी ही बाल श्रम का प्रमुख कारण है क्या इस अवधारणा में कोई सच्चाई है…
00 ये कथन पूरी तरह से सही नहीं है। गरीब माता पिता अपने परिवार के खर्चों में मदद के लिए बच्चों को बाल श्रम में भेजते हैं, मगर उन्हें उनके श्रम की बहुत कम कीमत मिलती हैऔऱ वह अपने परिवार के खर्चों में ज्यादा मदद नहीं कर पाते हैं। दूसरी तरफ बाल श्रमिक जब वयस्क होते हैं तो अशिक्षा और अकुशलता की वजह से उन्हें बहुत कम पारिश्रमिक मिलता है। और यह बाल श्रम और गरीबी का एक अंतहीन चक्र है। इसीलिए बाल श्रम कारण और कारक दोनों है।

0 बाल श्रम को कैसे रोका जा सकता है…
00 शिक्षा बाल श्रम का एक बेहतरीन उपाय है। अगर 18 वर्ष तक हर बच्चा शिक्षित हो जाये तो बाल श्रम की अवधारणा ही नहीं रहेगी। जो बच्चे शाला त्यागी हैं वो अक्सर बाल श्रम में ही नियुक्त होते हैं। बाल श्रम को रोकने के अन्य उपाय हैं इसके खिलाफ बनाये गये कानूनों का सख्ती से पालन, समाज और परिवार में बाल श्रम के विरुद्ध निरंतर जागरुकता, बालअधिकारों के संरक्षण में तेजी और बाल श्रमिकों और शाला त्यागी बच्चों का निरंतर मूल्यांकन।

0 बाल श्रम को रोकने और इनके त्वरित सूचना के लिए आम नागरिकों के क्या दायित्व हो सकते हैं…
00 अगर कोई आम नागरिक किसी, ढाबा, होटल, गैरेज या अन्य किसी प्रतिष्ठान में बाल श्रमिकों को कार्यरत पाता है तो उन्हें ऐसे स्थानों से किसी तरह की सेवाएं नहीं लेनी चाहिए। य़े उन नियोक्ताओं के लिए बहुत असरदार होगा, जिनके यहाँ बाल श्रमिक नियुक्त हैं। अगर हम कहीं भी किसी बाल श्रमिक को देखते हैं तो तत्काल 1098 या फिर, www.pencil.gov.in में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

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