नग्न प्रदर्शन की विधानसभा में गूंज, विपक्ष ने की मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग… गर्भ गृह में घुसकर नारेबाजी करने वाले भाजपा विधायक स्वमेव निलंबित

मिसाल न्यूज़

रायपुर। फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वालों की बर्खास्तगी की मांग को लेकर कल विधानसभा मार्ग पर हुए नग्न प्रदर्शन का मामला आज विधानसभा में जोरों से उठा। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने इस घटना के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इस्तीफे की मांग की। नारेबाजी करते हुए सारे भाजपा विधायक गर्भ गृह में जा घुसे और स्वमेव सदन की कार्यवाही से निलंबित हो गए। हंगामे के कारण विधानसभा उपाध्यक्ष को सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

शून्यकाल में सबसे पहले बहुजन समाज पार्टी विधायक श्रीमती इंदु बंजारे ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति का फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर नौकरी कर रहे लोगों की शिकायत कुछ युवकों व्दारा कई बार शासन एवं प्रशासन से की जाती रही थी। उस पर कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण मजबूरी में उन युवकों ने कल की घटना को अंजाम दिया। गैर जमानती धाराएं लगाकर उन्हें जेल भेज दिया गया है। उन्हें रिहा किया जाए। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि इस घटना ने पूरे देश को शर्मशार किया है। इतिहास उठाकर देख लें ऐसी घटना देश के किसी भी हिस्से में घटित नहीं हुई। प्रदर्शनकारी युवक नग्न अवस्था में विधानसभा मार्ग पर मंत्रियों की गाड़ियों तक पहुंच गए। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने जवाब में कहा कि ये फर्जी नियुक्तियां भाजपा के शासनकाल में हुई थीं।

भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल कहा कि लानत है इस सरकार पर जो नग्न प्रदर्शन की घटना हुई। वे मंत्री की गाड़ी के सामने नग्न दौड़ रहे थे। फर्जी नियुक्ति के मामले में जो भी अफसर दोषी हैं उन्हें बर्खास्त क्यों नहीं किया जाता। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि पूर्व में मणिपुर में महिलाओं व्दारा इसी अंदाज में किए गए प्रदर्शन को याद किया जाता है। पहली बार छत्तीसगढ़ में हुआ है कि युवकों ने नग्न प्रदर्शन कर अपनी पीड़ा का इजहार किया है। कांग्रेस विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा ने कहा कि इस तरह की घटना का कांग्रेस महिला विधायकगण विरोध करती हैं।

भाजपा विधायक डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि छत्तीसगढ़ शांत प्रदेश रहा है। इसकी अपनी गरिमा है। निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन करने की जो घटना हुई उससे छत्तीसगढ़ सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। जनता कांग्रेस विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि सवाल यह है कि जो प्रदर्शन हुआ उसके लिए कौन जिम्मेदार है। गिरफ्तार युवकों को निशर्त रिहा किया जाए। हाई पॉवर कमेटी से फर्जी लोगों की नियुक्ति की जांच कराई जाए। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि इस बात पर विचार करना होगा कि आखिर प्रदर्शनकारियों की मांगें क्या हैं। फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी पाए लोगों को जहां जेल भेजा जाना चाहिए उनकी बजाय प्रदर्शनकरियों को जेल भेज दिया गया।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि यह बहुत ही संवेदनशील मामला है। इस पर राजनीति से ऊपर उठकर विचार किया जाना चाहिए। छत्तीसगढ़ के लोग संकोची एवं सरल होते हैं। सोचा जाना चाहिए कि आखिर मर्यादा क्यों लांघी गई और प्रदर्शन के लिए ऐसा विकल्प क्यों चुना गया। हाई पॉवर कमेटी से इस घटना की जांच कराई जानी चाहिए एवं दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। डॉ. रमन सिंह जब अपनी बात रख रहे थे सत्ता पक्ष की ओर से शोरगुल होने लगा। जवाब में विपक्षी विधायक भी शोर मचाने लगे। दोनों ही तरफ से नारेबाजी होने लगी। व्यवधान होते देख विधानसभा उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी।

सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि विधानसभा के सामने जो नग्न प्रदर्शन की घटना हुई उसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है। इस प्रदेश में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे लोगों की संख्या 1 हजार से अधिक है। सामान्य प्रशासन विभाग फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे लोगों का आंकड़ा 267 बताता है।  प्रदर्शन से पहले सरकार को अल्टीमेटम दिया गया था। मजबूर होकर युवकों ने नग्न प्रदर्शन किया। बात यहां तक पहुंच गई। आखिर एलआईबी क्या कर रही थी। घटना की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। इस घटना के होने के बाद किसी को एक मिनट भी सरकार में बने रहने का हक नहीं है। विपक्ष मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग करता है। घटना पर हमने जो स्थगन दिया है उस पर चर्चा कराई जाए।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि यह कैसे कह सकते हैं कि प्रदर्शनकारियों ने अल्टीमेटम दिया था। बृजमोहन अग्रवाल ने एक समाचार पत्र की कतरन को सामने रखते हुए कहा कि अल्टीमेटम देने की खबर अखबार में छपी थी। नग्न प्रदर्शन वाली घटना पर सरकार की ओर से गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने वक्तव्य दिया और 29 प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तार की जानकारी में सदन में दी।

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि इतनी बड़ी घटना हो गई और सरकार की तरफ से गोल-मोल जवाब आया है। अजय चंद्राकर ने कहा कि ऐसी परिस्थितियां क्यों बनीं उस पर हम जवाब चाहते हैं। इसके साथ ही नारेबाजी करते हुए सारे विपक्षी विधायक गर्भ गृह में आ गए। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने कहा कि गृह मंत्री का वक्तव्य सामने आ जाने के बाद मैं विपक्ष की ओर से दिए गए स्थगन को आग्राह्य करता हूं। साथ ही विपक्षी विधायक गर्भ गृह में आकर सदन की कार्यवाही से स्वमेव निलंबित हो गए हैं। वे सदन से बाहर चले जाएं। इसके साथ ही विपक्षी विधायकगण नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए।

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