अजय चंद्राकर ने पूछा, क्या मैं रोजगार दफ्तर में पंजीयन करा सकता हूं… मंत्री ने कहा- हां… जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने किया वाक आउट

मिसाल न्यूज़

रायपुर। विधानसभा में आज शिक्षित बेरोजगारों का पंजीयन तथा बेरोजगारी भत्ते की नियम और शर्तों को लेकर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर तथा उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमेश पटेल के बीच तीखी बहस हुई। चंद्राकर ने पूछा कि क्या मैं रोजगार कार्यालय में अपना पंजीयन करा सकता हूं, पटेल की ओर से जवाब आया हां। विपक्षी विधायकों की ओर से बेरोजगारों व बेरोजगारी भत्ते को लेकर और भी कई सवाल हुए। मंत्री पटेल की ओर से सवालों का सही जवाब नहीं आने की बात कहते हुए विपक्षी विधायक नारेबाजी करते हुए सदन से बहिर्गमन कर गए।

प्रश्नकाल में भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा कि बेरोजगारों के पंजीयन की पात्रता की व्यवस्था क्या है? मंत्री उमेश पटेल ने जवाब में कहा कि रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराना होता है और पंजीयन 3 साल तक जीवित रहता है। चंद्राकर ने पूछा कि क्या रोजगार कार्यालय में मैं अपना पंजीयन करा सकता हूं? पटेल की तरफ से जवाब आया हां। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने पूछा कि पंजीयन का कोई तो आधार होता होगा और इसे कौन तय करता होगा? पटेल ने कहा कि यह प्रदेश सरकार ही तय करती है। चंद्राकर ने कहा कि यह कितनी हास्यास्पद बात है कि सरकारी नौकरी में भर्ती की उम्र तय है लेकिन रोजगार कार्यालय में पंजीयन की कोई उम्र तय नहीं है। बेरोजगारों की संख्या एवं बेरोजगारी भत्ता पाने वालों की संख्या को लेकर भी विपक्षी विधायकों की ओर से सवाल हुए जिस पर मंत्री उमेश पटेल की ओर से जवाब भी आया। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि सरकार की ओर से किसी भी सवाल का सही उत्तर नहीं मिल रहा है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जगह-जगह जो होर्डिंग्स लगा रखी है उसमें 10 लाख बेरोजगारों को नौकरी देने की बात कह रहे हैं। बेरोजगारों का मापदंड क्या रोज बदलता है। पटेल ने कहा कि बेरोजगारी भत्ता देने का जो वादा किया गया था वो पूरा हुआ। पिछले तीन महीनों में 80 करोड़ की राशि बेरोजगारों के खाते में जा चुकी है। विपक्षी विधायकगण मंत्री के इस दावे पर असहमति जताते हुए शोर मचाने लगे। जवाब में सत्ता पक्ष की तरफ से भी शोरगुल होने लगा। दोनों ही तरफ से नारेबाजी होने लगी। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 16 लाख 40 हजार 635 पंजीकृत शिक्षित बेरोजगार हैं। सरकार सभी को बेरोजगारी भत्ता देने में असमर्थ है। बेरोगारों के साथ सरकार व्दारा वादाखिलाफी करने का आरोप लगाते हुए सारे भाजपा विधायकगण नारेबाजी करते हुए सदन से वाक आउट कर गए।

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