●कारवां (21 जनवरी 2023)- 22 को तीसरी दिवाली… कहां हैं रामगोपाल… बैजू और अलंकार… सोने की तस्करी… राम और नक्सलवाद पर बनी फ़िल्म से छत्तीसगढ़ का गहरा रिश्ता… रायपुर एयरपोर्ट पर फिर बदनुमा दाग…

■ अनिरुद्ध दुबे

सोमवार को तीसरी दिवाली

हरेक के मन में जिज्ञासा है कि कल यानी 22 जनवरी का दिन, शाम और रात कैसी रहेगी। विधानसभा चुनाव के समय भाजपा के दिग्गज नेतागण तो यही कहते रहे थे कि इस बार दिवाली 3 बार मनेगी। पहली दिवाली 12 नवंबर को दीप पर्व के दिन, दूसरी 3 दिसंबर को जब चुनाव परिणाम घोषित होंगे और तीसरी जनवरी में जब अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होगी। इन दिनों पूरा छत्तीसगढ़ अयोध्या एवं राम की चर्चा में रमा हुआ है। भक्ति रस की गंगा ऐसा बह रही है कि केन्द्र सरकार के मंत्री मनसुख मांडविया रायपुर पहुंचे और यहां के महामाया मंदिर में पोछा लगाए। 15 तारीख़ को मकर संक्रांति से शुरु हुआ धार्मिक आयोजनों का दौर लगातार जारी है। रायपुर शहर में भाजपा नेताओं के हिसाब से दो दिवाली तो मन गई और तीसरी दिवाली कल 22 जनवरी को मनने जा रही है। अनुमान तो यही लगाया जा रहा है कि 22 जनवरी को दिन में जब अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हो रही होगी ज़्यादातर लोग टीवी के सामने जमे रहते हुए उसका सीधा प्रसारण देख रहे होंगे। 22 की शाम घर-घर दीये जलते नज़र आएंगे। हो सकता है, जगह-जगह आतिशबाजी भी हो।

कहां हैं रामगोपाल…

राजनीति के गलियारे में इन दिनों एक जबरदस्त सवाल उछला हुआ है कि प्रदेश कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल आख़िर इन दिनों कहां हैं? आधिकांश कांग्रेसियों का कहना है कि महीनों हो गए हमने रामगोपाल अग्रवाल को नहीं देखा। जब चुनाव सामने हो तो किसी भी राजनीतिक पार्टी के कोषाध्यक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। अप्रैल या मई में लोकसभा चुनाव होना है। यानी चुनाव को क़रीब तीन महीने बचे हैं। ऐसे में कांग्रेस के कर्मठ नेताओं व कार्यकर्ताओं को खजांची अग्रवाल रह-रहकर याद आ रहे हैं।

बैजू और अलंकार

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की क़रारी हार के बाद से कितने ही कांग्रेसी सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं। अपने-अपने ढंग से हार की व्याख्या की जा रही है। राहुल गांधी ने मणिपुर से जो न्याय यात्रा शुरु की है वह छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों से होकर गुजरेगी। बताते हैं राहुल गांधी के साथ हर जगह मौजूद रहने वालों में दो लोग बैजू और अलंकार हैं। सुनने में तो यही आता है कि चौबीसों घंटे दिमागी घोड़े दौड़ाते रहने वाले रायपुर के कुछ कांग्रेसी फोन पर बैजू को छत्तीसगढ़ का हाल यह सोचकर बताते रहते हैं कि किसी तरह बात राहुल जी तक पहुंच जाए। कुछ कांग्रेसी ऐसे भी हैं जो अलंकार के माध्यम से राहुल जी तक अपनी बात पहुंचाना चाह रहे हैं। यह तभी संभव होगा जब अलंकार से संवाद कर पाने कोई बड़ा सूत्र हाथ लगे।

‘आप’ छोड़े नेता कब

आएंगे भाजपा में

लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर 16 जनवरी को दिल्ली में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष एवं केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक ली। यह देश भर के 146 कलस्टर की बैठक थी। बैठक में छत्तीसगढ़ के कलस्टर प्रभारी अजय चंद्राकर, अमर अग्रवाल एवं राजेश मूणत उपस्थित थे। बैठक में राष्ट्रीय नेताओं ने कहा कि दूसरे दल के जो भी लोग भाजपा में आना चाहते हैं उन्हें प्रवेश कराना है। इसे गजब संयोग कहिए कि 16 तारीख़ को उधर  दिल्ली में बैठक चल रही थी इधर, छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने न सिर्फ पद बल्कि पार्टी से ही इस्तीफ़ा देने की घोषणा कर दी। हुपेंडी ही नहीं बल्कि उनके साथ ‘आप’ के प्रदेश उपाध्यक्ष आनंद मिरी, प्रदेश सचिव विशाल केलकर, रविंद्र सिंह ठाकुर, धरम भार्गव, कमल कांत एवं बसंत कुजूर ने भी पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। संकेत यही मिल रहे हैं कि ‘आप’ से निकले इन सारे नेताओं की निकट भविष्य में भाजपा प्रवेश की घोषणा हो सकती है। चर्चा तो यह भी है कि पूर्व विधायक एवं इस बार रायपुर दक्षिण से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े महंत रामसुंदर दास भी देर-सबेर भाजपा में जा सकते हैं। महंत जी को 22 तारीख़ को अयोध्या में होने जा रहे भगवान राम की प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है।

राम और नक्सलवाद पर

बनी फ़िल्म का

छत्तीसगढ़ से रिश्ता

हाल ही में रिलीज़ हुई फ़िल्म ‘695’ एवं आने वाले दिनों में रिलीज़ होने जा रही ‘बस्तर द नक्सल स्टोरी’ का छत्तीसगढ़ से गहरा रिश्ता है। ‘695’ अयोध्या के राम मंदिर पर केन्द्रित है। इसमें राम मंदिर को लेकर 500 साल तक चले संघर्ष को दिखाया गया है। इस फ़िल्म के निर्माता श्याम चावला एवं सह निर्माता अमित चिमनानी हैं। दोनों ही भाजपा नेता हैं और रायपुर के निवासी हैं। वहीं 15 मार्च को रिलीज़ होने जा रही ‘बस्तर द नक्सल स्टोरी’ के नाम से ही स्पष्ट हो जाता है कि यह नक्सलवाद के शिकंजे में जकड़े बस्तर की कहानी है। जिन लोगों ने ‘द केरला स्टोरी’ बनाई थी उन्होंने ही ‘बस्तर द नक्सल स्टोरी’ का निर्माण किया है। निर्देशन सुदीप्तो सेन का है और कहानी भी उन्हीं की लिखी है। हाल ही में फ़िल्म के 3 पोस्टर जारी हुए। ‘केरला स्टोरी’ से प्रशंसा अर्जित कर चुकीं अदा शर्मा ‘बस्तर द नक्सल स्टोरी’ में भी अहम् भूमिका में नज़र आएंगी।

सोने की तस्करी

महासमुन्द जिले अंतर्गत सिंघोड़ा थाना पुलिस और साइबर सेल की टीम अंतर्राज्यीय चेक पोस्ट रेहटीखोल में एक ऐसे वाहन को पकड़ने में कामयाब रही जिसके गुप्त चेंबर में रखकर अवैध सोना ले जाया जा रहा था। जब्त सोने की मात्रा 3 किलो 126 ग्राम है, जिसकी कीमत क़रीब 2 करोड़ आंकी गई है। इस क्षेत्र में हफ़्ते भर के भीतर सोना तस्करी का यह दूसरा मामला पकड़ा गया। इस राह पर अब तक ज़्यादातर गांजे के तस्कर पकड़े जाते थे, लेकिन अब सोने के तस्कर भी पकड़े जाने लगे हैं। कौन कहता है कि आर्थिक स्तर नीचे जा रहा है। एक हफ़्ते में यदि दो बार सोने तस्करी के मामलों का खुलासा हो तो उसके बाद यह कैसे कहा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ में छोटे-मोटे नशीले पदार्थों की ही तस्करी होती है। नब्बे के दशक में मैनपुर (गरियाबंद) के आसपास कोरंडम की तस्करी की कहानी सुनी जाती थी। अब सोने की तस्करी की कहानी सामने आने लगी है।

रायपुर एयरपोर्ट पर कई

दाग, नये डायरेक्टर

के सामने बड़ी चुनौतियां

रायपुर माना एयरपोर्ट के दामन में पिछले दिनों एक और बदनुमा दाग लग गया। सवारी बिठाने को लेकर विवाद इतना बढ़ा कि दो बुकिंग एजेन्टों ने एक ड्रायव्हर को बुरी तरह मारा-पीटा। दोनों एजेन्ट में से एक ने ड्रायव्हर पर धारदार हथियार भी चला दिया। ड्रायव्हर का चेहरा खून से तरबतर हो गया। रायपुर एयरपोर्ट में सवारियों को गाड़ी में बिठाने के चक्कर में गाली गलौच एवं मारपीट आम बात हो गई है। बीच में तो लगातार ऐसा घटनाक्रम देखने में आ रहा था कि ट्रेव्हल्स एजेन्सी में कार्यरत लड़कियां मां-बहन की गालियां देने और हाथ-लात चलाने में कोई कसर बाक़ी नहीं रख रही थीं। किसी दूसरे शहर या प्रदेश का यात्री विमान से उतरकर जब बाहर की तरफ आता तो ऐसे दृश्य को देखकर दहल जाता। आए दिन गाली-गलौच एवं मारपीट की घटनाओं से रायपुर एयरपोर्ट पर एक-दो नहीं कई बदनुमा दाग लग चुके हैं। पिछले दिनों तो एक बड़े अधिकारी का एयरपोर्ट के प्रवेश व्दार पर ही गुंडा पार्टी से सामना हो गया था। हाल ही में रायपुर एयरपोर्ट पर एस.डी. शर्मा डायरेक्टर पद पर पदस्थ हुए हैं। इससे पहले शर्मा 2008 से 2012 तक इसी रायपुर एयरपोर्ट में अधिकारी थे। शर्मा ने जब वह पहला दौर देखा था रायपुर एयरपोर्ट की अपनी अलग गरिमा हुआ करती थी। पूर्व में रायपुर में लंबा वक़्त गुज़ार चुके संगीत प्रेमी एस.डी. शर्मा रायपुर की आबो हवा हवा से काफ़ी अच्छी तरह परिचित रहे हैं। रायपुर में दोबारा आते साथ उन्होंने एक ठीक काम यह किया कि लेने या ड्राप करने के लिए जाने वाली गाड़ियों को जो चार मिनट का समय मिला करता था उसे बढ़ाकर पांच मिनट कर दिया। पांच मिनट से ज़्यादा समय हुआ तो मशीन से ऑटोमेटिक 20 रुपये की पर्ची कटकर बाहर आ जाएगी, कोई जोर जबरदस्ती वाली बात नहीं रहेगी। रही बात एयरपोर्ट में दहशत फैलाने वाले तत्वों की तो शर्मा उसका भी उपाय ढूंढ़ने में लगे हुए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *