मिसाल न्यूज़
रायपुर। धान खरीदी का समय केवल चार दिन बढ़ाए जाने से बड़ी संख्या में किसानों का धान नहीं बिकने तथा बैंकों में उनके भुगतान में छलकपट होने जैसे मुद्दों को लेकर विपक्षी कांग्रेस विधायकों व्दारा आज विधानसभा में स्थगन लाया गया था। विधानसभा अध्यक्ष व्दारा स्थगन अग्राह्य कर दिया गया। इस पर विपक्षी विधायकों ने विरोध दर्ज कराते हुए जमकर नारेबाजी की और मोदी की गारंटी पर चर्चा नहीं कराने का आरोप लगाते हुए सदन की दिन भर की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया।
शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि किसानों के दबाव में आकर सरकार ने दिखावा मात्र के लिए धान खरीदी का अवधि केवल चार दिनों के लिए बढ़ाई है। इन चार दिनों में वास्तविक किसानों को टोकन जारी नहीं किए गए। आज भी हजारों किसान अपना पूरा धान नही बेच सके हैं और लाखों टन धान उनके पास बाकी है। जिन बैंकों से किसानों को भुगतान होना है वहां छलकपट हो रहा है। विपक्ष ने इस पर स्थगन दिया है जिसे ग्राह्य कर चर्चा कराई जाए। संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि विपक्ष ने जो स्थगन लाया है उसमें कोई स्पेसिफिक जानकारी नहीं है। ऐसे में इस पर चर्चा कैसे कराई जा सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हजारों किसान ऐसे हैं जो धान नहीं बेच पाए। रकबा भी कम होने की जानकारी है। ऐसे में स्थगन की ग्राह्यता पर चर्चा कराएं या ग्राह्य कर चर्चा कराएं। विपक्षी विधायकगण उमेश पटेल, व्दारकाधीश यादव, व्यास कश्यप, कुंवर सिंह निषाद, विक्रम मंडावी, राघवेन्द्र कुमार सिंह, अटल श्रीवास्तव, दिलीप लहरिया, अम्बिका मरकाम एवं लालजीत सिंह राठिया ने भी अपनी बात रखते हुए स्थगन पर चर्चा कराने की मांग की। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आगे बजट पर चर्चा होनी है। इसके अलावा राज्यपाल के अभिभाषण पर भी अपनी बातों को सामने रखने का अवसर मिलेगा। इसलिए इस विषय पर अलग से भी बात की जा सकती है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि इस विषय पर ध्यानाकर्षण भी आया है जिसे ग्राह्य किया गया है। ध्यानकार्षण के दौरान इस पर चर्चा हो सकती है। इसलिए स्थगन पर चर्चा की अनुमति नहीं देता। इसे अग्राह्य करता हूं।
भूपेश बघेल ने कहा कि ध्यानाकर्षण में दो-तीन विधायक ही अपनी बात रख पाते हैं। यदि स्थगन पर चर्चा कराई जाती है तो न सिर्फ विपक्ष सत्ता पक्ष के विधायक भी अपनी बात रख सकते हैं। ये किसानों पर चर्चा करवाने से भाग रहे हैं। इसके साथ ही विपक्ष की ओर से सरकार के खिलाफ नारेबाजी होने लगी। जवाब में सत्ता पक्ष के विधायक भी नारेबाजी करने लगे। व्यवधान होते देख अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
कार्यवाही दोबारा शुरु होने पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि बजट सत्र का आज पहला दिन है। पहले ही दिन सरकार मोदी की गारंटी पर बात नहीं करना चाह रही है। इसके विरोध में हम आज दिन भर की कार्यवाही का बहिष्कार करते हैं। इसके साथ ही सारे विपक्षी विधायक नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए।