मिसाल न्यूज़
रायपुर। विधानसभा में आज बजट सत्र के दूसरे दिन सत्ता पक्ष के दिग्गज विधायक धरमलाल कौशिक एवं अजय चंद्राकर ने पीडीएस के तहत संचालित राशन दुकानों से जुड़ी गड़बड़ियों पर अपनी ही सरकार के मंत्री दयालदास बघेल पर जमकर हमला बोला। कौशिक व चंद्राकर ने एक के बाद एक जो तीखे सवाल दागे उनका ज़वाब मंत्री बघेल के पास नहीं था।
प्रश्नकाल के दौरान धरमलाल कौशिक का सवाल था कि 17 मार्च 2023 को उचित मूल्यों की राशन दुकानों से जुड़े एक प्रश्न पर चर्चा के दौरान क्या तत्कालीन खाद्य मंत्री अमरजीत भगत व्दारा 24 मार्च 2023 तक परीक्षण करने की अंतिम तिथि घोषित की गई थी? यदि हां तो क्या घोषणा के अनुरूप परीक्षण या जांच पूर्ण हो गई थी? परीक्षण या जांच किसके व्दारा की गई थी? इस पर रिपोर्ट कब प्रस्तुत की गई तथा इसके क्या निष्कर्ष निकले थे? कितनी दुकानों का भौतिक सत्यापन किया गया था? उक्त जांच एवं सत्यापन में कुल कितनी दुकानों में चावल, चना, शक्कर के संबंध में स्टाक आवक-जावक वितरण व शेष से संबंधित अनियमितता व अंतर पाया गया था? खाद्य मंत्री दयालदास बघेल की ओर से जवाब आया कि उचित मूल्य की दुकानों के माह सितंबर 2022 के बचत स्टॉक का सत्यापन सहायक खाद्य अधिकारी एवं खाद्य निरीक्षक व्दारा किया गया था। इसकी जांच रिपोर्ट दिसंबर 2022 से मई 2023 के दौरान प्रस्तुत की गई थी। राज्य की कुल 13 हजार 392 उचित मूल्य की दुकानों का भौतिक सत्यापन किया गया था। धरमलाल कौशिक ने कहा कि 24 मार्च 2023 को इसी सदन में पूरी जानकारी देने की बात कही गई थी लेकिन उसके पहले ही सत्र का अवसान हो गया था। बाद के सत्र में इसी को लेकर फिर सवाल उठा था और सरकार की ओर से जवाब आया था कि कोर्ट में याचिका लगी हुई है। सच्चाई यह है कि सवाल जवाब का कोर्ट से कोई लेना देना नहीं था। सवाल फिर वही है कि जांच में क्या निष्कर्ष निकला था और कितनों पर कार्रवाई हुई? मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि 24 मार्च 2023 तक की स्थिति में सत्यापन नहीं हुआ था। कौशिक ने कहा कि इसी सदन में आसंदी के निर्देश पर तत्कालीन मंत्री अमरजीत भगत ने जांच के निर्देश दिए थे। 216 करोड़ की गड़बड़ी से जुड़ा मामला है। इससे साफ हो जाता है कि मंत्री ने अपने कमिटमेंट का पालन नहीं किया और सदन की अवमानना अलग हुई। यह गरीबों के चावल से जुड़ा मामला है। सदन की कमेटी की ओर से इस मामले की जांच होनी चाहिए। सत्ता पक्ष के विधायक अजय चंद्राकर एवं राजेश मूणत ने भी इस पर सवाल उठाए। मंत्री बघेल ने बताया कि इस मामले में 227 दुकानें निलंबित हुईं। 187 दुकानें निरस्त हुईं एवं 24 लोगों पर कार्रवाई हुई। मंत्री के इस जवाब से कौशिक व चंद्राकर दोनों संतुष्ट नहीं हुए तथा और आक्रामक रूख अख्तियार करते हुए अपनी बात कहते चले गए। तब संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को स्वयं खड़े होकर कहना पड़ा कि जो भी गड़बड़ियां पाई गईं उनकी जांच करवाई जाएगी।