मिसाल न्यूज़
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कहा है कि शराब घोटाले पर पिछले दिनों आए बिलासपुर उच्च न्यायालय के एक महत्वपूर्ण फैसले को देखें तो साफ हो जाता है कि कांग्रेस की तत्कालीन सरकार किस तरह बड़े घोटालों में लिप्त थी। तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर भाजपा जो आरोप लगाती रही थी उन सभी आरोपों की फिर से पुष्टि हुई है। कांग्रेस की सरकार के समय में जो बड़ा शराब घोटाला हुआ उसमें अभी और तथ्य सामने आएंगे।
कुशाभाऊ ठाकरे परिसर स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में आज पत्रकार वार्ता में किरण सिंह देव ने कहा कि बिलासपुर उच्च न्यायालय में दायर याचिकाओं में छह याचिकाएं ईडी के खिलाफ, जबकि सात याचिकाएं ईओडब्ल्यू व एसीबी के खिलाफ दायर की गई थीं। न्यायालय ने ईडी, एसीबी, ईओडब्लू आदि की जांच आदि के काम में किसी भी तरह की अनियमितता के तमाम आरोपों को ख़ारिज कर दिया है। इससे यह एक बार फिर यह साबित हुआ है कि कांग्रेस अपने अपराधों को छिपाने के लिए लगातार एजेंसियों पर हमलावर थी। ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज एफआईआर और विवेचना को चुनौती देते हुए अनिल टूटेजा, यश टूटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी, निरंजन दास, नीतेश पुरोहित आदि द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गयी थी। कुल 13 याचिकाओं में दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाला मामले में ईडी की पुनः की जा रही कार्रवाई और ईओडब्ल्यू व एसीबी की ओर से दर्ज एफआईआर को चुनौती देते हुए उन्हें ख़ारिज करने की मांग की गई थी। सभी याचिकाओं को एक साथ खारिज करते हुए अपने आदेश में उच्च न्यायालय ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि एक संगठित अपराध की तरह इस घोटाले को अंजाम दिया जा रहा था, ऐसा लग रहा है। इसके अलावा, जांच के दौरान एकत्र की गई सामग्री से पता चलता है कि अभियुक्तों/याचिकाकर्ताओं द्वारा किए गए अपराधों की प्रकृति से राज्य के खजाने को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है और अपराध की अनुमानित आय लगभग 2 हजार 161 करोड़ है।
किरण सिंह देव ने कहा कि एफआईआर के अनुसार आबकारी विभाग की मुख्य जिम्मेदारियां शराब की आपूर्ति को विनियमित करना, जहरीली शराब की त्रासदियों को रोकने के लिए उपयोगकर्ताओं को गुणवत्तापूर्ण शराब सुनिश्चित करना और राज्य के लिए राजस्व अर्जित करना है। लेकिन अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा के नेतृत्व वाले आपराधिक सिंडिकेट ने इन उद्देश्यों पर पानी फेर दिया। ढेबर और टुटेजा ने शराब नीति को अपनी सनक और पसंद के अनुसार व्यवस्थित रूप से बदल दिया है और अपने लिए अधिकतम व्यक्तिगत लाभ उठाया है। चूँकि कांग्रेस शासनकाल में सीएसएमसीएल का प्रबंधन बदल गया और यह सिंडिकेट के हाथों में एक उपकरण बन गया, जिसने इसका इस्तेमाल समानांतर व्यवस्था को लागू करने के लिए किया। इस सिंडिकेट में राज्य के वरिष्ठ नौकरशाह, राजनेता, उनके सहयोगी और उत्पाद शुल्क विभाग के अधिकारी शामिल हैं। फरवरी, 2019 में अरुणपति त्रिपाठी (आईटीएस अधिकारी) को सीएसएमसीएल का नेतृत्व करने के लिए सिंडिकेट द्वारा चुना गया था और बाद में, मई 2019 में अनवर ढेबर के आदेश पर उन्हें संगठन का प्रबंध निदेशक बनाया गया था। साजिश के हिस्से के रूप में अरुणपति त्रिपाठी को मेसर्स सीएसएमसीएल द्वारा खरीदी गई शराब पर एकत्रित रिश्वत कमीशन को अधिकतम करने और सीएसएमसीएल द्वारा संचालित दुकानों के माध्यम से गैर-शुल्क भुगतान वाली शराब की बिक्री के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का काम सौंपा गया था। सिंह देव ने कहा कि ईओडब्ल्यू की जांच के दौरान पता चला कि प्रदेश में एक आपराधिक सिंडिकेट काम कर रहा था जो शराब की बिक्री में अवैध कमीशन वसूल रहा था और सरकारी शराब की दुकानों के माध्यम से बेहिसाब शराब की अनधिकृत बिक्री में भी शामिल था। अनुमान है कि संदिग्धों द्वारा लगभग 2 हजार161 करोड़ रुपये की अपराध आय अर्जित की गई है।
किरण सिंह देव ने कहा कि कोयला घोटाले से लेकर हाल के बलौदाबाजार उपद्रव तक पर नजर डाल लें। बलौदाबाजार घटना में संलिप्त रहे कांग्रेस विधायक देवेन्द्र यादव की जमानत याचिका खारिज करते हुए उसे सात दिन की न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। इससे पहले तात्कालीन मुख्यमंत्री की करीबी अफसर सौम्या चौरसिया पर तो सर्वोच्च अदालत ने जमानत मांगने पर उल्टे एक लाख रुपया का जुर्माना लगा दिया था। यह साबित करने के लिए इससे अधिक पुख़्ता और क्या-क्या साक्ष्य चाहिए कि कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने अपने सिपहसलारों के माध्यम से जमकर छत्तीसगढ़ को लूटा। पूरी कांग्रेस सरकार अंडरवर्ल्ड माफिया जैसा चल रही थी।
सांसद विजय बघेल ने पत्रकार वार्ता में कहा कि एक मोटे आकलन के अनुसार पचास हजार करोड़ से अधिक का घोटाला अपने पांच सालों के शासन में कांग्रेस ने किया। इसके सरग़ना निस्संदेह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल थे, जिन्हें एजेंसियों ने ’पोलिटिकल मास्टर’ कहा है। प्रदेश की जनता के संसाधनों को लूट कर 10, जनपथ का एटीएम बनाने की सजा कांग्रेस को अवश्य मिलेगी। कोई भी हथकंडा कांग्रेसी अपराधियों को बचा नहीं सकती है। कांग्रेस लाख अराजकता फैलाने की साजिशें रच ले, किंतु कानून के हाथ इनके गिरेबां तक पहुंचे बिना नहीं रहेंगे।
पत्रकार वार्ता में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी, प्रदेश महामंत्री भारतलाल वर्मा, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी एवं प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल मौजूद थे।