बिना परमिशन रायपुर के तेलीबांधा से वीआईपी चौक सौंदर्यीकरण का मामला विधानसभा में उठा… नगरीय प्रशासन मंत्री ने की घोषणा- संभागायुक्त वाली कमेटी करेगी जांच…

मिसाल न्यूज़

रायपुर। बिना किसी अनुमति के राजधानी रायपुर में तेलीबांधा चौक से वीआईपी रोड डिवाइडर के 2 करोड़ से अधिक की लागत से सौंदर्यीकरण का मामला आज सत्ता पक्ष के विधायक अजय चंद्राकर ने विधानसभा में उठाया। नगरीय निकाय मंत्री अरुण साव ने सदन में घोषणा की कि संभागायुक्त वाली समिति इस मामले की जांच करेगी।

प्रश्नकाल में अजय चंद्राकर का सवाल था कि राजधानी रायपुर में तेलीबांधा चौक से वीआईपी चौक तक डिवाइडर सौंदर्यीकरण कार्य हेतु 26 अक्टूबर 2022 को कुल कितनी लागत का टेंडर जारी किया गया था? निर्माण कार्य किस एजेन्सी व्दारा कौन सी मद से कब प्रारंभ किया गया? क्या इस कार्य के लिए रायपुर नगर निगम या नेशनल हाईवे प्राधिकरण से अनुमति ली गई थी? यदि नहीं ली गई थी तो दोषी व्यक्ति के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई? नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव की ओर से जवाब आया कि तेलीबांधा चौक से वीआईपी चौक तक डिवाइडर सौंदर्यीकरण हेतु 26 अक्टूबर 2022 को 12 विभिन्न कार्यों हेतु 2 करोड़ 36 लाख लागत का टेंडर जारी किया गया था। उक्त कार्य हेतु अनटाईड फंड से स्वीकृति प्रदान की गई थी। स्थल पर निर्माण कार्य पूर्व से प्रारंभ होने की जानकारी वार्ड निरीक्षण के दौरान रायपुर नगर निगम उप अभियंता से प्राप्त हुई थी। उप अभियंता व्दारा स्थल पर जानकारी मांगे जाने पर वहां कार्यररत मजदूरों ने निर्माणकर्ता एजेन्सी के बारे में कुछ भी नहीं मालूम होने की बात कही थी। निर्माण के संबंध में सूचना समाचार पत्रों एवं अन्य माध्यमों से प्राप्त होने पर निगम कमिश्नर ने इस कार्य से संबंधित टेंडर को निरस्त कर दिया था। कार्य के संबंध में नेशनल हाईवे प्राधिकरण से किसी प्रकार की अनुमति लिए जाने की जानकारी नगर निगम के पास नहीं है। अजय चंद्राकर ने कहा कि दो करोड़ के टेंडर को दस टूकड़ों में किया गया। पूर्व में इसी सदन में एक बार जादू से सड़क बन जाने का जिक्र हुआ था। लगता है ये काम भी हवा में हो गया। मंत्री अरुण साव ने कहा कि नगर निगम के जोन क्रमांक 10 से इस काम के संबंध में निविदा जारी हुई थी। ये सब कौन करवा रहा था पता नहीं। मैं यह ज़रूर कह सकता हूं कि यह निर्माण नगर निगम की तरफ से नहीं हुआ। मैं इस सदन से घोषणा करता हूं कि संभागायुक्त के मार्गदर्शन में एक कमेटी इसकी जांच करेगी। जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अजय चंद्राकर ने कहा कि यह लूट का बड़ा उदाहरण है। जांच समिति में रायपुर शहर के विधायकों को भी शामिल करें, जो कि पूरे प्रदेश में नज़ीर बने।

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