मिसाल न्यूज़
रायपुर। केंद्रीय श्रम, रोजगार, युवा कार्यक्रम तथा खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के लगातार तीसरे कार्यकाल के संसद में प्रस्तुत पहले पूर्ण बजट की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरे कार्यकाल का यह पहला पूर्ण बजट विकसित भारत की मोदी जी की सोच को प्रतिबिम्बित करता है। डॉ. मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री कभी टोकन में नहीं, अपितु टोटल में सोचते हैं।
केंद्र सरकार के संसद में प्रस्तुत बजट पर राजधानी के बुद्धिजीवियों से संवाद करने पहुँचे डॉ. मांडविया ने आज कुशाभाऊ ठाकरे परिसर स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि आम आदमी के जीवन में बदलाव लाकर कैसे विकसित भारत का लक्ष्य अर्जित किया जा सकता है, यह बजट इस संकल्प का प्रतिबिम्ब है। प्रधानमंत्री ने संकल्प व्यक्त किया है कि जब देश अपनी स्वतंत्रता का शताब्दी मना रहा हो तब वह पूर्ण विकसित नज़र आए। पूर्ण विकसित भारत के अपने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समयबद्ध कार्यक्रम और योजना पर काम करना प्रधानमंत्री का विजन है। देश में चार वर्गों पर काम करके ही हम विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। केंद्र सरकार के पिछले अंतरिम बजट में 4 मुख्य समूहों ‘गरीब’, ‘महिलाएं’, ‘युवा’ और ‘अन्नदाता’ पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। डॉ मांडविया ने कहा कि अब केंद्र सरकार के तीसरे कार्यकाल के इस पहले पूर्ण बजट में एक महीना पहले सभी मुख्य फसलों के लिए उच्चतर न्यूनतम समर्थन मूल्यों की घोषणा करके लागत पर कम-से-कम 50 प्रतिशत मार्जिन देने का वादा पूरा किया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 5 वर्ष की अवधि के लिए बढ़ा दिया गया है, जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ होगा।
शिक्षा, रोजगार,कौशल प्रशिक्षण
से भारत बनेगा विकसित
डॉ. मांडविया ने कहा कि इस वर्ष शिक्षा, रोजगार और कौशल प्रशिक्षण के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। इस बजट में सभी के लिए भरपूर अवसर का सृजन करने के लिए 9 प्राथमिकताओं के संबंध में सतत प्रयासों की परिकल्पना की गई है जिनमें कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता, रोजगार और कौशल प्रशिक्षण, समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय, विनिर्माण और सेवाएँ, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, अवसंरचन, नवाचार, अनुसंधान व विकास, और अगली पीढ़ी के सुधार शामिल हैं।
बजट में उत्पादकता
बढ़ाने पर जोर
डॉ. मांडविया ने कहा कि हमारी सरकार उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु के अऩुकूल किस्मों के विकास पर जोर देने के लिए कृषि अनुसंधान व्यवस्था की व्यापक समीक्षा करेगी। खेती में सुविधा हो और समय के साथ खेती में तकनीकी सुधार आवश्यक होता है। जब भी कोई पैसा किसानी के काम में लगता है वह जब किसान के पास आता है तो देश की इकॉनॉमी पर उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। किसानों की खेतीबाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी। अगले दो वर्षों में पूरे देश में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि के लिए सहायता दी जाएगी ताकि रासायनिक खाद के दुष्प्रभाव से बचा जा सकेगा।
केवल रोजगार के लिए
ही चलेंगी 3 योजनाएं
डॉ. मांडविया ने कहा कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री पैकेज के भाग के रूप में ‘रोजगार संबद्ध प्रोत्साहन’ के लिए 3 योजनाओं को लागू करेगी। ये ईपीएफओ (EPFO) में नामांकन तथा पहली बार रोजगार पाने वालों को अभिचिह्नित करने तथा कर्मचारियों और नियोक्ताओं को सहायता प्रदान करने पर आधारित होंगे। इस पैकेज की पहली योजना के तहत सभी औपचारिक क्षेत्रों में कामगारों के रूप में शामिल होने वाले सभी नवनियुक्त व्यक्तियों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार रोजगार पाने वाले कर्मचारियों को एक महीने के वेतन का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण तीन किस्तों में किया जाएगा, जो अधिकतम 15 हजार होगा। इस योजना के अंतर्गत पात्रता सीमा 1 लाख का मासिक वेतन होगा। इस योजना से 210 लाख युवाओं के लाभान्वित होने की आशा है। दूसरी योजना में विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन किया जाएगा। इस योजना में विनिर्माण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहन दिया जाएगा जो पहली बार रोजगार पाने वालों के रोजगार से जुड़ा है। सीधे कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को विनिर्दिष्ट पैमाने पर रोजगार के पहले चार वर्षों में ईपीएफओ में उनके अंशदान के संबंध में प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस योजना से पहली बार रोजगार पाने वाले 30 लाख युवाओं और उनके नियोक्ताओं के लाभान्वित होने की आशा है। डॉ. मांडविया ने कहा कि नियोक्ताओं पर केंद्रित इस पैकेज की तीसरी योजना में सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को शामिल किया जाएगा। अगले 5 वर्षों में 4 करोड़ युवाओं को रोजगार उपलब्ध होगा और युवा अपना भविष्य सँवारेंगे। डॉ. मांडविया ने कहा कि इसी प्रकार प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत चौथी योजना के रूप में राज्य सरकारों और उद्योग के सहयोग से कौशल प्रशिक्षण के लिए केंद्र द्वारा प्रायोजित एक नई योजना की घोषणा की गई है। इसके तहत 5 वर्षों की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। परिणामोन्मुख दृष्टिकोण के साथ हब और स्पोक व्यवस्था में 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन किया जाएगा। उद्योग की कौशल संबंधी आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम की विषय-वस्तु और फ्रेमवर्क तैयार की जाएंगी और नई उभरती जरूरतों के लिए नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। डॉ. मांडविया ने कहा कि सरकार संवर्धित निधि की गारंटी के साथ 7.5 लाख तक के ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित किया जाएगा। इस उपाय से प्रतिवर्ष 25 हजार छात्रों को सहायता मिलने की आशा है। घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए 10 लाख तक के ऋण हेतु एक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस उद्देश्य के लिए प्रति वर्ष 1 लाख विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष रूप से ऋण राशि के 3 प्रतिशत वार्षिक ब्याज छूट के लिए ई-वाउचर दिए जाएंगे।
जनजाति समुदाय
को मिलेगा लाभ
केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा कि समावेशी विकास और समाजिक न्याय आज की आवश्यकता है। इसके लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान पर काम किया जाएगा। जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए, हम जनजातीय-बहुल गाँवों और आकांक्षी जिलों में सभी जनजातीय परिवारों का पूर्ण कवरेज करते हुए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान की शुरूआत करेंगे। इसमें 63 हजार गाँव शामिल होंगे जिससे 5 करोड़ जनजातीय लोगों को लाभ मिलेगा।
डॉ. मांडविया ने पीएम आवास योजना की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत, देश में ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में तीन करोड़ अतिरिक्त मकानों की घोषणा की गई है, जिसके लिए आवश्यक आबंटन किए जा रहे हैं। 10 करोड़ रुपए के निवेश से शहरी क्षेत्रों में 1 करोड़ आवास बनाए जाएंगे। इससे गरीबों-मजदूरों को स्लम क्षेत्रों में रहने की विवशता से मुक्ति मिलेगी। केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने बज़ट की प्राथमिकताओं पर चर्चा करते हुए बताया कि इस बजट में एमएसएमई और विनिर्माण, विशेषकर श्रम-प्रधान विनिर्माण की ओर विशेष ध्यान दिया गया है। एक पैकेज बनाया गया है जिसमें एमएसएमई के लिए वित्तपोषण, विनियामक परिवर्तनों और प्रौद्योगिकी सहायता को शामिल किया गया है। विनिर्माण क्षेत्र में एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना के तहत सम्पार्श्विक अथवा तृतीय पक्ष गारंटी के बिना मशीनरी और उपकरण की खरीद के लिए एमएसएमई को आवधिक ऋण की सुविधा देने के लिए एक ऋण गारंटी योजना प्रारंभ की जाएगी।
पत्रकार वार्ता के दौरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किरण सिंह देव, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, मंत्रीगण रामविचार नेताम, ओपी चौधरी एवं टंकराम वर्मा, बजट कार्यों के समन्वयक प्रदेश महामंत्री भरत वर्मा तथा भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी उपस्थित थे।